वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • प्रचार काम के नतीजे—‘खेत कटाई के लिए पक चुके हैं’
    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!
    • 1, 2. (क) यीशु के चेले क्यों उलझन में पड़ गए? (ख) यीशु किस कटाई की बात कर रहा था?

      यीशु ने अपने चेलों से कहा, “अपनी आँखें उठाओ और खेतों पर नज़र डालो, वे कटाई के लिए पक चुके हैं।” उसने यह बात जौ के खेतों की तरफ इशारा करके कही थी। मगर जब चेलों ने उन खेतों को देखा तो वे उलझन में पड़ गए, क्योंकि खेत पके नहीं बल्कि हरे थे और उन पर अभी-अभी दाने लगे थे। उन्होंने सोचा होगा, ‘यीशु किस कटाई की बात कर रहा है? अभी तो जौ की कटाई में महीनों बाकी हैं।’​—यूह. 4:35.

      2 लेकिन यीशु सचमुच की कटाई की नहीं बल्कि एक और किस्म की कटाई की बात कर रहा था। वह मसीही मंडली में लोगों को इकट्ठा करने के बारे में दो अहम बातें सिखा रहा था। ये बातें क्या हैं? जवाब के लिए आइए इस ब्यौरे की जाँच करें।

      काम करने का बुलावा और खुशियों का वादा

      3. (क) यीशु ने शायद क्या देखकर कहा, ‘खेत कटाई के लिए पक चुके हैं’? (ख) यीशु ने अपनी बात कैसे समझायी?

      3 यीशु ने अपने चेलों से यह बात ईसवी सन्‌ 30 के आखिर में सामरिया के शहर सूखार के पास कही थी। जब चेले उस शहर के अंदर गए तो यीशु एक कुँए के पास बैठा। वहाँ उसने एक औरत को परमेश्‍वर के वचन की कुछ सच्चाइयाँ बतायीं। वह औरत फौरन समझ गयी कि यीशु की शिक्षाएँ कितनी अहमियत रखती हैं। जब चेले यीशु के पास लौटे तो वह औरत जल्दी-जल्दी सूखार गयी ताकि अपने पड़ोसियों को वे बढ़िया बातें बताए जो उसने सीखी थीं। उसकी बातें सुनकर बहुत-से लोगों में दिलचस्पी जागी और वे यीशु से मिलने फौरन कुँए के पास आए। शायद उसी वक्‍त यीशु ने खेतों के पास से चली आ रही सामरियों की भीड़ को देखते हुए कहा था, “खेतों पर नज़र डालो, वे कटाई के लिए पक चुके हैं।” फिर यह समझाने के लिए कि वह सचमुच की कटाई की नहीं बल्कि लोगों को इकट्ठा करने की बात कर रहा है, उसने कहा: “कटाई करनेवाला . . . हमेशा की ज़िंदगी के लिए फसल बटोर रहा है।”​—यूह. 4:5-30, 36.

      4. (क) यीशु ने कटाई के बारे में कौन-सी दो अहम बातें सिखायीं? (ख) हम किन सवालों पर गौर करेंगे?

      4 यीशु ने मसीही मंडली में लोगों को इकट्ठा करने के बारे में कौन-सी दो अहम बातें सिखायीं? पहली बात, काम जल्द-से-जल्द किया जाना है। जब यीशु ने कहा कि ‘खेत कटाई के लिए पक चुके हैं’ तो वह अपने चेलों को काम करने का बुलावा दे रहा था। उन्हें यह काम कितनी जल्दी पूरा करना था, यह बताने के लिए उसने कहा, “कटाई करनेवाला अभी से मज़दूरी पा रहा है।” जी हाँ, कटाई शुरू हो चुकी थी, उन्हें देर नहीं करनी थी! दूसरी बात, काम करनेवालों को खुशी मिलती है। यीशु ने वादा किया कि बोनेवाले और काटनेवाले ‘मिलकर खुशियाँ मनाएँगे।’ (यूह. 4:35ख, 36) जब यीशु ने देखा कि “बहुत-से सामरियों ने उस पर विश्‍वास किया” है तो उसे ज़रूर खुशी हुई होगी। उसी तरह जब चेले तन-मन से कटाई का काम करते तो उन्हें भी बहुत खुशी मिलती। (यूह. 4:39-42) इस वाकए से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं क्योंकि आज महान कटाई का काम चल रहा है। हमारे ज़माने में कटाई का काम कब शुरू हुआ? कौन इसमें हिस्सा ले रहे हैं? इसके क्या नतीजे रहे हैं?

  • प्रचार काम के नतीजे—‘खेत कटाई के लिए पक चुके हैं’
    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!
    • a उन सालों के दौरान और उसके बाद क्या-क्या हुआ था, इस बारे में ज़्यादा जानने के लिए यहोवा के साक्षी​—परमेश्‍वर के राज के प्रचारक  (अँग्रेज़ी) किताब के पेज 425-520 पढ़िए। वहाँ बताया गया है कि 1919 से 1992 तक कटाई का काम कैसे चला।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें