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‘पवित्र शक्ति के फल’ से परमेश्वर की महिमा होती हैप्रहरीदुर्ग—2011 | अप्रैल 15
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3. (क) “पवित्र शक्ति का फल” पैदा करने से कैसे परमेश्वर की महिमा होती है? (ख) हम किन सवालों पर गौर करेंगे?
3 पवित्र शक्ति हममें जो गुण पैदा करती है उससे यहोवा की शख्सियत झलकती है क्योंकि यहोवा ही पवित्र शक्ति का देनेवाला है। (कुलु. 3:9, 10) लेकिन मसीहियों को परमेश्वर की मिसाल पर क्यों चलना चाहिए, इसकी सबसे बड़ी वजह यीशु ने बतायी जब उसने अपने प्रेषितों से कहा: “मेरे पिता की महिमा इस बात से होती है कि तुम बहुत फल लाते रहो।”a (यूह. 15:8) जैसे-जैसे हम “पवित्र शक्ति का फल” पैदा करेंगे, इसका असर हमारी बोली और कामों पर साफ दिखायी देगा, जिससे परमेश्वर की महिमा होगी। (मत्ती 5:16) किन मायनो में परमेश्वर की पवित्र शक्ति का फल, शैतानी दुनिया के रवैयों से अलग है? हम परमेश्वर की पवित्र शक्ति का फल कैसे पैदा कर सकते हैं? हमारे लिए ऐसा करना मुश्किल क्यों हो सकता है? पवित्र शक्ति के फल के पहले तीन पहलुओं प्यार, खुशी और शांति पर चर्चा करते वक्त हम इन सवालों पर गौर करेंगे।
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‘पवित्र शक्ति के फल’ से परमेश्वर की महिमा होती हैप्रहरीदुर्ग—2011 | अप्रैल 15
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a यीशु ने जिस फल का ज़िक्र किया उसमें राज प्रचार के ज़रिए परमेश्वर को चढ़ाया गया “होठों का फल” और “पवित्र शक्ति का फल” दोनों शामिल हैं।—इब्रा. 13:15.
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