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  • यीशु कौन है?
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
    • 1. यीशु कौन है?

      यीशु एक शक्‍तिशाली अदृश्‍य प्राणी है। वह स्वर्ग में रहता है। परमेश्‍वर यहोवा ने सबसे पहले यीशु को बनाया था, इसलिए बाइबल में उसे “सारी सृष्टि में पहलौठा” कहा गया है। (कुलुस्सियों 1:15) उसे यहोवा का “इकलौता बेटा” भी कहा गया है, क्योंकि वह अकेला ऐसा है जिसे खुद यहोवा ने बनाया था। (यूहन्‍ना 3:16) बाकी सारी चीज़ें बनाने में यीशु ने अपने पिता की मदद की और उसके साथ करीब से काम किया। (नीतिवचन 8:30 पढ़िए।) इसलिए यहोवा और यीशु का रिश्‍ता हमेशा से बहुत खास रहा है। यीशु को “वचन” भी कहा गया है, क्योंकि एक वफादार सेवक की तरह वह यहोवा का संदेश और उसके निर्देश दूसरों तक पहुँचाता है।​—यूहन्‍ना 1:14.

  • यीशु ने अपनी जान देकर हमें कैसे बचाया?
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
    • पाठ 27. यीशु की लाश को काठ से उतारा जा रहा है।

      पाठ 27

      यीशु ने अपनी जान देकर हमें कैसे बचाया?

      जैसा हमने पिछले पाठ में जाना, हम इसलिए पाप करते हैं, दुख सहते हैं और मरते हैं, क्योंकि आदम और हव्वा ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी।a तो क्या हमारे लिए कोई उम्मीद नहीं? ऐसी बात नहीं है। यहोवा ने हमारे लिए एक रास्ता निकाला है। उसने अपने बेटे यीशु मसीह को धरती पर भेजा ताकि वह हमें पाप और मौत से छुटकारा दिला सके। बाइबल में बताया गया है कि यीशु ने अपनी जान देकर हमारे लिए फिरौती दी। फिरौती वह कीमत होती है जो किसी को छुड़ाने के लिए दी जाती है। यीशु ने फिरौती की कीमत चुकाने के लिए अपना परिपूर्ण जीवन दिया। (मत्ती 20:28 पढ़िए।) यीशु को धरती पर हमेशा तक जीने का हक था क्योंकि वह परिपूर्ण था। लेकिन उसने खुशी-खुशी यह हक त्याग दिया ताकि हमें वह सब वापस मिल सके जो आदम और हव्वा ने खोया था। अपना जीवन देकर यीशु ने यह भी दिखाया कि वह और यहोवा हमसे कितना प्यार करते हैं। इस पाठ में हम जो सीखेंगे, उससे यीशु के बलिदान के लिए हमारी कदर और बढ़ेगी।

      1. यीशु के बलिदान से आज हमें क्या फायदा होता है?

      हम अपरिपूर्ण हैं इसलिए कई बार गलतियाँ करते हैं और यहोवा को दुख पहुँचाते हैं। पर क्या हम यहोवा के साथ अपना रिश्‍ता दोबारा अच्छा कर सकते हैं? जी हाँ। बाइबल में लिखा है, “मसीह . . . हमारे पापों के लिए एक ही बार हमेशा के लिए मरा। वह नेक होते हुए भी पापियों के लिए मरा ताकि तुम्हें परमेश्‍वर के पास ले जाए।” (1 पतरस 3:18) अगर हम यहोवा के साथ अपना रिश्‍ता ठीक करना चाहते हैं, तो हमें अपनी गलती पर सच्चा पछतावा होना चाहिए, यीशु मसीह के नाम से यहोवा से माफी माँगनी चाहिए और ठान लेना चाहिए कि हम दोबारा वह गलती नहीं करेंगे।​—1 यूहन्‍ना 2:1.

      2. यीशु के बलिदान से हमें भविष्य में क्या फायदा होगा?

      यहोवा ने यीशु को अपना परिपूर्ण जीवन देने के लिए भेजा “ताकि जो कोई [यीशु] पर विश्‍वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।” (यूहन्‍ना 3:16) यीशु के बलिदान की वजह से यहोवा जल्द ही उन सारी बुराइयों को मिटा देगा जो आदम के आज्ञा न मानने से हुई हैं। अगर हम यीशु के बलिदान पर विश्‍वास करें, तो हम धरती पर फिरदौस में हमेशा जी सकते हैं।​—यशायाह 65:21-23.

      और जानिए

      आइए इस बात को और अच्छे-से समझने की कोशिश करें कि यीशु ने अपनी जान क्यों दी और उससे हमें क्या फायदा होता है।

      3. यीशु ने अपनी जान देकर हमें पाप और मौत से छुड़ाया

      वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      वीडियो: यीशु क्यों मरा?​—भाग 1  (2:01)

      • यहोवा की आज्ञा तोड़कर आदम ने कौन-सा मौका गँवा दिया?

      रोमियों 5:12 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • आदम के पाप का आप पर क्या असर हुआ है?

      यूहन्‍ना 3:16 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा ने अपने बेटे को धरती पर क्यों भेजा?

      1. तसवीरें: 1. आदम ने परमेश्‍वर की आज्ञा तोड़ दी। 2. कुछ लोग एक शव-पेटी को उठाकर ले जा रहे हैं। तसवीरें: 1. आदम ने परमेश्‍वर की आज्ञा तोड़ दी। 2. यीशु मसीह। 2. तसवीरें: 1. यीशु मसीह। 2. अलग-अलग उम्र, जाति, संस्कृति और माहौल में पले-बढ़े लोग।
      1. 1. आदम एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और इस वजह से सभी इंसानों में पाप और मौत फैल गयी

      2. 2. यीशु एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा मानी और इस वजह से सभी इंसानों के पास यह मौका है कि वे परिपूर्ण हो सकते हैं और हमेशा जी सकते हैं

      4. यीशु के बलिदान से सब लोगों को फायदा हो सकता है

      वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      वीडियो: यीशु क्यों मरा?​—भाग 2  (2:00)

      • एक आदमी की मौत से सभी इंसानों को कैसे फायदा हो सकता है?

      1 तीमुथियुस 2:5, 6 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

      • आदम एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और इस वजह से सभी इंसानों में पाप और मौत फैल गयी। यीशु ने किस मायने में “फिरौती का बराबर दाम” चुकाया? और इससे क्या मुमकिन हुआ है?

      5. फिरौती आपके लिए यहोवा के प्यार का सबूत है

      यहोवा के दोस्त फिरौती को ऐसा तोहफा मानते हैं जो यहोवा ने उनमें से हरेक के लिए दिया है। प्रेषित पौलुस के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। गलातियों 2:20 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • पौलुस के शब्दों से कैसे पता चलता है कि वह यह मानता था कि फिरौती उसके लिए दी गयी है?

      आदम ने पाप किया इसलिए वह मर गया। हम इसलिए मरते हैं क्योंकि हम उसकी संतान हैं। लेकिन यहोवा ने अपने बेटे को इसलिए मरने दिया ताकि हमें हमेशा की ज़िंदगी मिल सकें।

      आगे बताए वचनों को पढ़ते वक्‍त कल्पना कीजिए कि अपने बेटे को तड़पता हुआ देखकर यहोवा को कैसा लगा होगा। यूहन्‍ना 19:1-7, 16-18 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा और यीशु ने आपके लिए जो कुछ किया, उस बारे में आप कैसा महसूस करते हैं?

      शायद कोई पूछे: “एक इंसान के मरने से सब लोगों की जान कैसे बच सकती है?”

      • आप क्या जवाब देंगे?

      अब तक हमने सीखा

      यीशु के बलिदान की वजह से यहोवा हमारे पापों को माफ करता है। इससे हमें यह मौका भी मिला है कि हम खुशी से हमेशा के लिए जी सकते हैं।

      आप क्या कहेंगे?

      • यीशु ने अपना जीवन बलिदान क्यों किया?

      • यीशु ने किस मायने में “फिरौती का बराबर दाम” चुकाया? और इससे क्या मुमकिन हुआ है?

      • यीशु के बलिदान से आपको क्या फायदा हो सकता है?

      लक्ष्य

      ये भी देखें

      जानिए कि यीशु के परिपूर्ण जीवन को फिरौती क्यों कहा गया है।

      “यीशु की कुरबानी कैसे ‘बहुतों के लिए फिरौती’ है?” (jw.org पर दिया लेख)

      जानिए कि पाप और मौत से छुटकारा पाने के लिए हमें क्या करना होगा।

      “यीशु कैसे हमारा उद्धार करता है?” (jw.org पर दिया लेख)

      क्या यहोवा गंभीर पापों को भी माफ कर सकता है?

      “पवित्र शास्त्र से जुड़े सवालों के जवाब” (प्रहरीदुर्ग  लेख)

      मसीह के बलिदान के बारे में सीखने की वजह से एक आदमी अपनी शख्सियत बदल पाया। जानिए कैसे।

      “मैंने मार-पीट करना छोड़ दिया” (jw.org पर दिया लेख)

      a पाप का मतलब सिर्फ कोई बुरा काम या अपराध करना नहीं है, बल्कि हमारे अंदर बुरे काम करने का जो रुझान है, उसे भी पाप कहते हैं। यह रुझान हममें जन्म से होता है जो हमें आदम और हव्वा से मिला है।

  • यहोवा और यीशु के प्यार का एहसान मानिए
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
    • 1. यहोवा और यीशु का एहसान मानने का एक तरीका क्या है?

      बाइबल में यह वादा किया गया है कि ‘हर कोई जो यीशु पर विश्‍वास करेगा,’ उसे हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी। (यूहन्‍ना 3:16) विश्‍वास करने का सिर्फ यह मतलब नहीं है कि हम यह मानें कि यीशु हमारे लिए मरा था। इसका यह भी मतलब है कि हम अपनी बातों, कामों और फैसलों से विश्‍वास ज़ाहिर करें। (याकूब 2:17) जब हम ऐसा करते हैं, तो यीशु और उसके पिता यहोवा के साथ हमारा रिश्‍ता मज़बूत होता है।​—यूहन्‍ना 14:21 पढ़िए।

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