-
“परमेश्वर को अपना राजा जानकर उसकी आज्ञा मानना ही हमारा फर्ज़ है”‘परमेश्वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
-
-
प्रेषितों की तरह हम भी “घर-घर जाकर” प्रचार करते हैं
16. प्रेषितों ने कैसे दिखाया कि उन्होंने परमेश्वर के बारे में अच्छी तरह गवाही देने की ठान ली है? आज हम किस तरह प्रेषितों का तरीका अपनाते हैं?
16 कैद से छूटने के बाद प्रेषित ठान लेते हैं कि वे परमेश्वर के बारे में अच्छी तरह गवाही देकर ही रहेंगे। वे ज़रा भी देर नहीं करते और फिर से गवाही देने के काम में लग जाते हैं। वे बिना डरे ‘हर दिन मंदिर में और घर-घर जाकर सिखाते हैं और मसीह यीशु के बारे में खुशखबरी सुनाते हैं।’d (प्रेषि. 5:42) गौर कीजिए कि वे अपना संदेश सुनाने के लिए लोगों के घरों में जाते हैं, क्योंकि यीशु ने उन्हें घर-घर जाने के लिए कहा था। (मत्ती 10:7, 11-14) और बेशक इसी वजह से वे पूरे यरूशलेम को अपनी शिक्षाओं से भर देते हैं। आज भी यहोवा के साक्षी प्रेषितों का तरीका अपनाकर घर-घर का प्रचार करते हैं। हम अपने प्रचार के इलाके में हर घर का दरवाज़ा खटखटाते हैं जो दिखाता है कि हम अच्छी तरह गवाही देना चाहते हैं और हर इंसान को खुशखबरी सुनने का मौका देना चाहते हैं। क्या यहोवा ने घर-घर के प्रचार काम पर आशीष दी है? बिलकुल दी है। इसीलिए अंत के इस समय में लाखों लोगों ने राज का संदेश कबूल किया है। इनमें से कइयों ने पहली बार खुशखबरी तब सुनी जब कोई साक्षी उनके घर आया था।
-