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‘तुम मेरे बारे में गवाही दोगे’‘परमेश्वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
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14, 15. (क) मसीह की वापसी के बारे में स्वर्गदूतों ने क्या कहा? उनके कहने का क्या मतलब था? (फुटनोट भी देखें।) (ख) हम ऐसा क्यों कहते हैं कि मसीह ‘उसी ढंग से’ वापस आया जिस ढंग से वह स्वर्ग गया था?
14 इस अध्याय की शुरूआत में हमने देखा, यीशु जब स्वर्ग जाने लगा, तो एक बादल ने उसे ढक लिया और उसके बाद वह प्रेषितों को नज़र नहीं आया। लेकिन 11 प्रेषित वहीं खड़े आकाश की तरफ देखते रहे। तब दो स्वर्गदूत उनके पास आए और उन्हें प्यार से झिड़की दी, “हे गलीली आदमियो, तुम यहाँ खड़े आकाश की तरफ क्यों ताक रहे हो? यह यीशु, जो तुम्हारे पास से आकाश में उठा लिया गया है, वह इसी ढंग से आएगा जैसे तुमने उसे आकाश में जाते देखा है।” (प्रेषि. 1:11) कुछ धर्म सिखाते हैं कि यीशु उसी रूप में वापस आएगा जिस रूप में वह गया था। क्या स्वर्गदूत भी यही बात कह रहे थे? नहीं। आइए देखें कि हम ऐसा क्यों कहते हैं।
15 गौर कीजिए कि स्वर्गदूतों ने प्रेषितों से कहा था कि यीशु “इसी ढंग से”b वापस आएगा। उन्होंने यह नहीं कहा कि वह इसी रूप में यानी इंसानी शरीर धारण करके वापस आएगा। तो फिर यीशु किस ढंग से स्वर्ग गया था? जब वह स्वर्ग जा रहा था तो प्रेषित कुछ दूर तक उसे देख सके, फिर बादल ने उसे ढक लिया। और जब स्वर्गदूतों ने आकर प्रेषितों से बात की, तब तक यीशु उनकी आँखों से ओझल हो चुका था। उस वक्त वे चंद प्रेषित ही समझ पाए कि यीशु अब धरती से दूर जा चुका है और अपने पिता के पास स्वर्ग लौट रहा है। स्वर्गदूतों ने कहा कि मसीह की वापसी भी इसी ढंग से होगी और ऐसा ही हुआ। आज भी, बाइबल की समझ रखनेवाले चंद लोग ही यीशु की वापसी देख पाए हैं, यानी वे समझ पाए हैं कि यीशु आज परमेश्वर के राज के राजा की हैसियत से शासन कर रहा है। (लूका 17:20) हमें उन सबूतों पर ध्यान देना चाहिए जिनसे पता चलता है कि यीशु शासन कर रहा है। और दूसरों को भी इनके बारे में बताना चाहिए ताकि वे भी जल्द-से-जल्द परमेश्वर की सेवा करने लगें।
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‘तुम मेरे बारे में गवाही दोगे’‘परमेश्वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
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b मूल भाषा में यहाँ यूनानी शब्द ट्रोपोस इस्तेमाल किया गया है जिसका मतलब है “ढंग,” ना कि यूनानी शब्द मॉरफे जिसका मतलब है “रूप।”
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