-
“आनंद और पवित्र शक्ति से भरपूर”‘परमेश्वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
-
-
5. कुप्रुस द्वीप में गवाही देने के लिए बरनबास और शाऊल ने क्या किया?
5 अंताकिया से बरनबास और शाऊल पैदल चलकर पास के सिलूकिया बंदरगाह पहुँचते हैं। वहाँ से समुद्री जहाज़ पर चढ़कर वे कुप्रुस द्वीप के लिए रवाना होते हैं जो करीब 200 किलोमीटर दूर है।d बरनबास कुप्रुस का ही रहनेवाला है इसलिए वह ज़रूर अपने द्वीप के इलाकों में खुशखबरी सुनाने के लिए बेताब होगा। जब बरनबास और शाऊल उस द्वीप के पूर्वी छोर पर बसे सलमीस शहर पहुँचते हैं तो वे तुरंत वहाँ “यहूदियों के सभा-घरों में परमेश्वर का वचन सुनाने” लगते हैं।e (प्रेषि. 13:5) वे कुप्रुस द्वीप के एक छोर से दूसरे छोर तक जाते हैं और रास्ते में पड़नेवाले बड़े-बड़े शहरों में खुशखबरी सुनाते हैं। इसके लिए इन मिशनरियों को करीब 160 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा होगा।
-
-
“आनंद और पवित्र शक्ति से भरपूर”‘परमेश्वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
-
-
d उस ज़माने में अगर हवा का रुख सही हो तो जहाज़ से दिन-भर में करीब 160 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकती थी। लेकिन अगर मौसम खराब होता तो सफर में ज़्यादा वक्त लगता था।
-