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  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • यीशु के ये कहने के कुछ ही दिनों बाद, यरूशलेम में पिन्तेकुस्त का पर्व हुआ। इसे मनाने के लिए, पूरे रोमी साम्राज्य से यहूदी और यहूदी मतधारक आकर यरूशलेम में इकट्ठे हुए। वे जिन-जिन इलाकों से आए, उन्हें नीचे नक्शे में दिखाया गया है। उस दिन जब प्रेरित पतरस ने उनको प्रचार किया, तो इससे मसीहियत के बड़ी तेज़ी से फैलने का रास्ता खुला।—प्रेरि 2:9-11.

  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • वे इन इलाकों से आए . . .

      सामान्य युग 33 के पिन्तेकुस्त के दिन, जिन यहूदियों और यहूदी मतधारकों ने सुसमाचार सुना, वे पारथिया, मादै, एलाम, मसोपोटामिया, यहूदिया, कप्पदूकिया, पुन्तुस, एशिया, फ्रूगिया, पमफूलिया, मिस्र, लिबूआ (लिबिया), रोम, क्रेते और अरब से आए हुए थे। उनमें से कई लोगों ने बपतिस्मा लिया। आपको क्या लगता है, उन्होंने अपने-अपने देश लौटने के बाद क्या किया होगा?

  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • घ2 एशिया

  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • च1 पुन्तुस

      च2 कप्पदूकिया

  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • च2 मसोपोटामिया

  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • च3 यहूदिया

      छ2 मादै

  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • छ3 एलाम

  • मसीहियत दूर-दूर तक फैलती है
    ‘उत्तम देश को देख’
    • ज2 पारथिया

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