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  • “मैं सब लोगों के खून से निर्दोष हूँ”
    ‘परमेश्‍वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
    • “उन्हें इतना दिलासा मिला कि उसका बयान नहीं किया जा सकता” (प्रेषि. 20:5-12)

      12, 13. (क) जब युतुखुस को ज़िंदा किया जाता है तो मंडली के भाई-बहनों को कैसा लगता है? (ख) जिन्होंने अपनों को खोया है, उन्हें बाइबल की किस आशा से दिलासा मिलता है?

      12 पौलुस और उसके साथी मकिदुनिया तक साथ जाते हैं। फिर वे अलग हो जाते हैं और ऐसा मालूम होता है कि त्रोआस में वे एक बार फिर मिल जाते हैं।d आयत बताती है, ‘हम पाँच दिन के अंदर उनके पास त्रोआस पहुँच गए।’e (प्रेषि. 20:6) त्रोआस में ही युतुखुस नाम के उस जवान को ज़िंदा किया जाता है जिसका ज़िक्र इस अध्याय की शुरूआत में किया गया है। ज़रा सोचिए, जब भाई-बहनों ने देखा होगा कि युतुखुस जिंदा हो गया है और सही-सलामत है, तो उन्हें कैसा लगा होगा! आयत बताती है, “उन्हें इतना दिलासा मिला कि उसका बयान नहीं किया जा सकता।”​—प्रेषि. 20:12.

  • “मैं सब लोगों के खून से निर्दोष हूँ”
    ‘परमेश्‍वर के राज के बारे में अच्छी तरह गवाही दो’
    • d प्रेषितों 20:5, 6 में लूका खुद को भी शामिल करता है। यह दिखाता है कि पौलुस लूका को फिलिप्पी से साथ लेकर त्रोआस गया। कुछ समय पहले पौलुस ने ही लूका को फिलिप्पी में छोड़ा था।​—प्रेषि. 16:10-17, 40.

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