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  • दुनिया में इतनी बुराई और दुख-तकलीफें क्यों हैं?
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
    • पाठ 26. एक लड़के के साथ कुछ बुरी घटना घटी है और वह अस्पताल में है। उसके माँ-बाप उसके बिस्तर के पास बैठे हैं और उसके लिए बहुत परेशान हैं।

      पाठ 26

      दुनिया में इतनी बुराई और दुख-तकलीफें क्यों हैं?

      जब कोई बुरी घटना घटती है तो लोग सोचते हैं, ‘आखिर ऐसा क्यों हुआ?’ क्या आपको पता है कि बाइबल में इस सवाल का सीधा और सरल जवाब दिया गया है? इस बारे में जानकर आपको बहुत राहत महसूस होगी!

      1. शैतान ने क्या किया जिससे बुराई की शुरूआत हुई?

      शैतान ने यहोवा से बगावत की। वह दूसरों पर राज करना चाहता था और इसी इरादे से उसने पहले इंसान आदम और हव्वा को अपनी तरफ करने की कोशिश की। शैतान ने क्या किया? उसने हव्वा से झूठ बोला और उसे बहकाया। (उत्पत्ति 3:1-5) उसने मानो हव्वा से कहा, ‘परमेश्‍वर जानबूझकर तुम्हें अच्छी चीज़ें नहीं देना चाहता। अगर तुम उसकी नहीं मानोगे, तो ज़्यादा खुश रहोगे।’ फिर शैतान ने हव्वा से सीधे-सीधे कहा कि वह हरगिज़ नहीं मरेगी जो कि सबसे पहला झूठ था। इसलिए बाइबल में शैतान के बारे में लिखा है, “वह झूठा है और झूठ का पिता है।”​—यूहन्‍ना 8:44.

      2. आदम-हव्वा ने क्या करने का फैसला किया?

      यहोवा ने आदम-हव्वा को सबकुछ दिया था, उन्हें किसी चीज़ की कमी नहीं थी। उसने कहा था कि वे अदन के हर पेड़ का फल खा सकते थे, सिर्फ एक पेड़ को छोड़कर। (उत्पत्ति 2:15-17) फिर भी उन्होंने उसी पेड़ का फल खाया जिसको खाने से यहोवा ने मना किया था। बाइबल में लिखा है कि हव्वा ‘उस पेड़ का फल तोड़कर खाने लगी और बाद में आदम ने भी खाया।’ (उत्पत्ति 3:6) आदम और हव्वा को परिपूर्ण बनाया गया था। इसका मतलब, सही काम करना उनके स्वभाव में था। इसलिए जब उन्होंने यहोवा की बात नहीं मानी, तो ऐसा उन्होंने जानबूझकर किया। इस तरह उन्होंने पाप किया और यहोवा को अपना राजा मानने से इनकार कर दिया। उनके इस फैसले से उन्हें बहुत तकलीफें झेलनी पड़ीं।​—उत्पत्ति 3:16-19.

      3. आदम और हव्वा के फैसले का हम पर क्या असर हुआ है?

      जब आदम और हव्वा ने पाप किया, तो वे अपरिपूर्ण हो गए। और उनकी जो भी संतानें हुईं, उन्हें भी पाप और अपरिपूर्णता विरासत में मिली। बाइबल में आदम के बारे में लिखा है, “एक आदमी से पाप दुनिया में आया और पाप से मौत आयी और इस तरह मौत सब इंसानों में फैल गयी।”​—रोमियों 5:12.

      हम पर और भी कई वजहों से दुख-तकलीफें आती हैं। कभी हमें खुद के फैसलों की वजह से दुख उठाना पड़ता है, तो कभी दूसरों के गलत फैसलों की वजह से। और कभी-कभी हमें इसलिए तकलीफें झेलनी पड़ती हैं, क्योंकि हम इत्तफाक से कहीं होते हैं और अचानक वहाँ कोई हादसा हो जाता है।​—सभोपदेशक 9:11 पढ़िए।

      और जानिए

      हम क्यों कह सकते हैं कि दुनिया में हो रहे बुरे कामों और दुख-तकलीफों के लिए परमेश्‍वर ज़िम्मेदार नहीं है? हमें तकलीफ में देखकर परमेश्‍वर को कैसा लगता है? आइए जानें।

      4. दुख-तकलीफों के लिए कौन ज़िम्मेदार है?

      कई लोग मानते हैं कि ईश्‍वर दुनिया को चला रहा है। लेकिन क्या यह सच है? वीडियो देखिए।

      वीडियो: दुनिया को कौन चला रहा है?  (1:24)

      याकूब 1:13 और 1 यूहन्‍ना 5:19 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • क्या बुराई और दुख-तकलीफों के लिए परमेश्‍वर ज़िम्मेदार है?

      5. शैतान के राज में क्या हुआ है?

      वीडियो देखिए।

      वीडियो: परमेश्‍वर ने दुख-तकलीफें क्यों रहने दी हैं?​—एक झलक  (3:07)

      उत्पत्ति 3:1-6 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

      • शैतान ने क्या झूठ बोला?​—वचन 4 और 5 देखिए।

      • शैतान ने क्या कहकर यहोवा पर यह इलज़ाम लगाया कि वह इंसानों को अच्छी चीज़ें नहीं देना चाहता है?

      • यहोवा की हुकूमत के अधीन रहकर इंसान खुश रह सकता है या नहीं, इस बारे में शैतान ने क्या दावा किया?

      सभोपदेशक 8:9 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा की हुकूमत के बगैर दुनिया का क्या हाल हुआ है?

      तसवीरें: अलग-अलग दृश्‍य में दिखाया गया है कि शुरूआत से लेकर अब तक धरती की हालत कैसी रही है और भविष्य में फिरदौस में कैसी हो जाएगी। 1. शुरू में धरती साफ-सुथरी और सुंदर थी और सबकुछ हरा-भरा था। 2. सदियों से इंसान की हुकूमत चल रही है और जहाँ देखो वहाँ झूठे धर्मों, फूट, युद्धों और प्रदूषण की वजह से तबाही मची है। यहाँ कुछ ताकतवर सरकारें दिखायी गयी हैं: मिस्र, चीन, यूनान, रोम, ब्रिटेन और अमरीका। 3. धरती फिर से फिरदौस बन चुकी है और लोग उसमें रह रहे हैं।
      1. 1. आदम और हव्वा परिपूर्ण थे और फिरदौस में जी रहे थे। लेकिन उन्होंने शैतान की सुनी और वे यहोवा के खिलाफ हो गए

      2. 2. बगावत की वजह से दुनिया में पाप, दुख-तकलीफें और मौत आयी

      3. 3. यहोवा पाप, मौत और दुख-तकलीफों को मिटा देगा। एक बार फिर इंसान परिपूर्ण हो जाएँगे और फिरदौस में जीएँगे

      6. यहोवा को हमारी परवाह है

      जब हम तकलीफ में होते हैं, तो क्या परमेश्‍वर को कोई फर्क पड़ता है? गौर कीजिए कि राजा दाविद और प्रेषित पतरस ने क्या लिखा। भजन 31:7 और 1 पतरस 5:7 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा हमारी तकलीफें समझता है और उसे हमारी बहुत परवाह है। यह जानकर आपको कैसा लगता है?

      7. परमेश्‍वर इंसानों की सारी तकलीफें मिटा देगा

      यशायाह 65:17 और प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा वादा करता है कि वह इंसानों के सारे दुख-दर्द मिटा देगा। इस वादे से आपको क्यों दिलासा मिलता है?

      क्या आप जानते हैं?

      अदन के बाग में शैतान ने पहला झूठ बोलकर यहोवा का नाम बदनाम किया। उसने दावा किया कि यहोवा अच्छा राजा नहीं है और वह इंसानों से प्यार नहीं करता। बहुत जल्द जब परमेश्‍वर सारी दुख-तकलीफों को दूर करेगा, तब वह अपने नाम पर लगा कलंक मिटा देगा। दूसरे शब्दों में कहें तो यहोवा साबित करेगा कि उसकी हुकूमत ही सबसे अच्छी है। यहोवा के नाम का पवित्र किया जाना, पूरे विश्‍व का सबसे अहम मसला है।​—मत्ती 6:9, 10.

      कुछ लोग कहते हैं: “ईश्‍वर अगर सुख देता है, तो दुख भी देता है।”

      • आप क्या जवाब देंगे?

      अब तक हमने सीखा

      दुनिया में फैली बुराई के लिए शैतान और आदम-हव्वा खास तौर पर ज़िम्मेदार हैं। यहोवा हमारी तकलीफें समझता है और उसे हमारी बहुत परवाह है। वह जल्द ही सारी दुख-तकलीफें मिटा देगा।

      आप क्या कहेंगे?

      • शैतान ने हव्वा से क्या झूठ बोला?

      • आदम और हव्वा की बगावत का हम सब पर क्या असर हुआ है?

      • हम कैसे जानते हैं कि यहोवा को हमारी परवाह है?

      लक्ष्य

      ये भी देखें

      आइए जानें कि बाइबल में पाप का क्या मतलब बताया गया है।

      “पाप का मतलब क्या है?” (jw.org पर दिया लेख)

      शैतान ने अदन के बाग में परमेश्‍वर पर जो सवाल उठाया था, उस बारे में और जानने के लिए आगे दिया लेख पढ़िए।

      “ईश्‍वर हम पर दुख-तकलीफें क्यों आने देता है?” (प्रहरीदुर्ग  लेख)

      एक मुश्‍किल सवाल, जिसका जवाब जानने से राहत मिलेगी।

      “यहूदियों का कत्लेआम क्यों हुआ? ईश्‍वर ने इसे रोका क्यों नहीं?” (jw.org पर दिया लेख)

      एक आदमी ने जब यह जाना कि दुनिया में इतनी दुख-तकलीफें क्यों हैं, तो देखिए उसे कैसा लगा।

      अब मैं अकेला नहीं हूँ  (5:09)

  • यीशु ने अपनी जान देकर हमें कैसे बचाया?
    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्‍वर से जानें
    • जैसा हमने पिछले पाठ में जाना, हम इसलिए पाप करते हैं, दुख सहते हैं और मरते हैं, क्योंकि आदम और हव्वा ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी।a तो क्या हमारे लिए कोई उम्मीद नहीं? ऐसी बात नहीं है। यहोवा ने हमारे लिए एक रास्ता निकाला है। उसने अपने बेटे यीशु मसीह को धरती पर भेजा ताकि वह हमें पाप और मौत से छुटकारा दिला सके। बाइबल में बताया गया है कि यीशु ने अपनी जान देकर हमारे लिए फिरौती दी। फिरौती वह कीमत होती है जो किसी को छुड़ाने के लिए दी जाती है। यीशु ने फिरौती की कीमत चुकाने के लिए अपना परिपूर्ण जीवन दिया। (मत्ती 20:28 पढ़िए।) यीशु को धरती पर हमेशा तक जीने का हक था क्योंकि वह परिपूर्ण था। लेकिन उसने खुशी-खुशी यह हक त्याग दिया ताकि हमें वह सब वापस मिल सके जो आदम और हव्वा ने खोया था। अपना जीवन देकर यीशु ने यह भी दिखाया कि वह और यहोवा हमसे कितना प्यार करते हैं। इस पाठ में हम जो सीखेंगे, उससे यीशु के बलिदान के लिए हमारी कदर और बढ़ेगी।

      1. यीशु के बलिदान से आज हमें क्या फायदा होता है?

      हम अपरिपूर्ण हैं इसलिए कई बार गलतियाँ करते हैं और यहोवा को दुख पहुँचाते हैं। पर क्या हम यहोवा के साथ अपना रिश्‍ता दोबारा अच्छा कर सकते हैं? जी हाँ। बाइबल में लिखा है, “मसीह . . . हमारे पापों के लिए एक ही बार हमेशा के लिए मरा। वह नेक होते हुए भी पापियों के लिए मरा ताकि तुम्हें परमेश्‍वर के पास ले जाए।” (1 पतरस 3:18) अगर हम यहोवा के साथ अपना रिश्‍ता ठीक करना चाहते हैं, तो हमें अपनी गलती पर सच्चा पछतावा होना चाहिए, यीशु मसीह के नाम से यहोवा से माफी माँगनी चाहिए और ठान लेना चाहिए कि हम दोबारा वह गलती नहीं करेंगे।​—1 यूहन्‍ना 2:1.

      2. यीशु के बलिदान से हमें भविष्य में क्या फायदा होगा?

      यहोवा ने यीशु को अपना परिपूर्ण जीवन देने के लिए भेजा “ताकि जो कोई [यीशु] पर विश्‍वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।” (यूहन्‍ना 3:16) यीशु के बलिदान की वजह से यहोवा जल्द ही उन सारी बुराइयों को मिटा देगा जो आदम के आज्ञा न मानने से हुई हैं। अगर हम यीशु के बलिदान पर विश्‍वास करें, तो हम धरती पर फिरदौस में हमेशा जी सकते हैं।​—यशायाह 65:21-23.

      और जानिए

      आइए इस बात को और अच्छे-से समझने की कोशिश करें कि यीशु ने अपनी जान क्यों दी और उससे हमें क्या फायदा होता है।

      3. यीशु ने अपनी जान देकर हमें पाप और मौत से छुड़ाया

      वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      वीडियो: यीशु क्यों मरा?​—भाग 1  (2:01)

      • यहोवा की आज्ञा तोड़कर आदम ने कौन-सा मौका गँवा दिया?

      रोमियों 5:12 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • आदम के पाप का आप पर क्या असर हुआ है?

      यूहन्‍ना 3:16 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा ने अपने बेटे को धरती पर क्यों भेजा?

      1. तसवीरें: 1. आदम ने परमेश्‍वर की आज्ञा तोड़ दी। 2. कुछ लोग एक शव-पेटी को उठाकर ले जा रहे हैं। तसवीरें: 1. आदम ने परमेश्‍वर की आज्ञा तोड़ दी। 2. यीशु मसीह। 2. तसवीरें: 1. यीशु मसीह। 2. अलग-अलग उम्र, जाति, संस्कृति और माहौल में पले-बढ़े लोग।
      1. 1. आदम एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और इस वजह से सभी इंसानों में पाप और मौत फैल गयी

      2. 2. यीशु एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा मानी और इस वजह से सभी इंसानों के पास यह मौका है कि वे परिपूर्ण हो सकते हैं और हमेशा जी सकते हैं

      4. यीशु के बलिदान से सब लोगों को फायदा हो सकता है

      वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      वीडियो: यीशु क्यों मरा?​—भाग 2  (2:00)

      • एक आदमी की मौत से सभी इंसानों को कैसे फायदा हो सकता है?

      1 तीमुथियुस 2:5, 6 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

      • आदम एक परिपूर्ण इंसान था। उसने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और इस वजह से सभी इंसानों में पाप और मौत फैल गयी। यीशु ने किस मायने में “फिरौती का बराबर दाम” चुकाया? और इससे क्या मुमकिन हुआ है?

      5. फिरौती आपके लिए यहोवा के प्यार का सबूत है

      यहोवा के दोस्त फिरौती को ऐसा तोहफा मानते हैं जो यहोवा ने उनमें से हरेक के लिए दिया है। प्रेषित पौलुस के उदाहरण पर ध्यान दीजिए। गलातियों 2:20 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • पौलुस के शब्दों से कैसे पता चलता है कि वह यह मानता था कि फिरौती उसके लिए दी गयी है?

      आदम ने पाप किया इसलिए वह मर गया। हम इसलिए मरते हैं क्योंकि हम उसकी संतान हैं। लेकिन यहोवा ने अपने बेटे को इसलिए मरने दिया ताकि हमें हमेशा की ज़िंदगी मिल सकें।

      आगे बताए वचनों को पढ़ते वक्‍त कल्पना कीजिए कि अपने बेटे को तड़पता हुआ देखकर यहोवा को कैसा लगा होगा। यूहन्‍ना 19:1-7, 16-18 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

      • यहोवा और यीशु ने आपके लिए जो कुछ किया, उस बारे में आप कैसा महसूस करते हैं?

      शायद कोई पूछे: “एक इंसान के मरने से सब लोगों की जान कैसे बच सकती है?”

      • आप क्या जवाब देंगे?

      अब तक हमने सीखा

      यीशु के बलिदान की वजह से यहोवा हमारे पापों को माफ करता है। इससे हमें यह मौका भी मिला है कि हम खुशी से हमेशा के लिए जी सकते हैं।

      आप क्या कहेंगे?

      • यीशु ने अपना जीवन बलिदान क्यों किया?

      • यीशु ने किस मायने में “फिरौती का बराबर दाम” चुकाया? और इससे क्या मुमकिन हुआ है?

      • यीशु के बलिदान से आपको क्या फायदा हो सकता है?

      लक्ष्य

      ये भी देखें

      जानिए कि यीशु के परिपूर्ण जीवन को फिरौती क्यों कहा गया है।

      “यीशु की कुरबानी कैसे ‘बहुतों के लिए फिरौती’ है?” (jw.org पर दिया लेख)

      जानिए कि पाप और मौत से छुटकारा पाने के लिए हमें क्या करना होगा।

      “यीशु कैसे हमारा उद्धार करता है?” (jw.org पर दिया लेख)

      क्या यहोवा गंभीर पापों को भी माफ कर सकता है?

      “पवित्र शास्त्र से जुड़े सवालों के जवाब” (प्रहरीदुर्ग  लेख)

      मसीह के बलिदान के बारे में सीखने की वजह से एक आदमी अपनी शख्सियत बदल पाया। जानिए कैसे।

      “मैंने मार-पीट करना छोड़ दिया” (jw.org पर दिया लेख)

      a पाप का मतलब सिर्फ कोई बुरा काम या अपराध करना नहीं है, बल्कि हमारे अंदर बुरे काम करने का जो रुझान है, उसे भी पाप कहते हैं। यह रुझान हममें जन्म से होता है जो हमें आदम और हव्वा से मिला है।

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