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  • मसीही प्राचीन—‘हमारी खुशी के लिए हमारे सहकर्मी’
    प्रहरीदुर्ग—2013 | जनवरी 15
    • 6, 7. (क) मंडली के प्राचीन यीशु, पौलुस और दूसरे सेवकों की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं? (ख) अपने भाई-बहनों का नाम याद रखने से हम कैसे उन्हें खुशी देते हैं?

      6 हमारे बहुत-से भाई-बहनों का कहना है कि उन्हें तब बहुत खुशी महसूस होती है जब प्राचीन उनमें दिलचस्पी लेते हैं। किसी व्यक्‍ति में दिलचस्पी दिखाने का एक तरीका है, उससे बात करते वक्‍त उसका नाम लेना। दाविद, एलीहू और यीशु ने दूसरों को उनके नाम से पुकारकर उनमें सच्ची दिलचस्पी दिखायी और आज प्राचीन भी उनकी अच्छी मिसाल पर चलते हैं। (2 शमूएल 9:6; अय्यूब 33:1; लूका 19:5 पढ़िए।) पौलुस भी जानता था कि भाई-बहनों का नाम याद रखना और हर किसी को उसके नाम से बुलाना कितनी अहमियत रखता है। एक चिट्ठी के आखिर में उसने 25 से भी ज़्यादा भाई-बहनों का नाम लेकर उन्हें नमस्कार कहा। इस सूची में पौलुस ने पिरसिस नाम की एक बहन का भी ज़िक्र किया, जिसके बारे में उसने कहा, “हमारी प्यारी पिरसिस को नमस्कार।”—रोमि. 16:3-15.

  • मसीही प्राचीन—‘हमारी खुशी के लिए हमारे सहकर्मी’
    प्रहरीदुर्ग—2013 | जनवरी 15
    • 8. पौलुस किस तरह यहोवा और यीशु की मिसाल पर चला?

      8 पौलुस ने एक और तरीके से अपने भाई-बहनों में दिलचस्पी दिखायी, उसने सच्चे दिल से उनकी तारीफ की। प्राचीन भी ऐसा करके भाई-बहनों को खुशी दे सकते हैं। पौलुस ने जिस खत में कहा कि वह भाइयों की खुशी के लिए काम करना चाहता है, उसी खत में उसने कहा, “मैं तुम्हारे बारे में बहुत शेखी मारता हूँ।” (2 कुरिं. 7:4) पौलुस के मुँह से तारीफ के ये शब्द सुनकर कुरिंथ के भाइयों का दिल कैसे खुशी से भर गया होगा! पौलुस ने दूसरी मंडलियों की भी इसी तरह तारीफ की। (रोमि. 1:8; फिलि. 1:3-5; 1 थिस्स. 1:8) गौरतलब है कि पौलुस ने रोम की मंडली के नाम अपने खत में जब पिरसिस का ज़िक्र किया तो उसने पिरसिस की तारीफ में कहा कि उसने “प्रभु में कड़ी मेहनत की है।” (रोमि. 16:12) उस वफादार बहन को यह बात जानकर कितनी खुशी हुई होगी! दूसरों की तारीफ करके पौलुस यहोवा और यीशु, दोनों की मिसाल पर चला।—मरकुस 1:9-11; यूहन्‍ना 1:47 पढ़िए; प्रका. 2:2, 13, 19.

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