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  • यहोवा से आनेवाली सांत्वना के सहभागी होना
    प्रहरीदुर्ग—1996 | नवंबर 1
    • “हमारी आशा तुम्हारे विषय में दृढ़ है; क्योंकि हम जानते हैं, कि तुम जैसे दुखों के वैसे ही शान्ति [सांत्वना] के भी सहभागी हो।”—२ कुरिन्थियों १:७.

  • यहोवा से आनेवाली सांत्वना के सहभागी होना
    प्रहरीदुर्ग—1996 | नवंबर 1
    • ४. किन भिन्‍न तरीक़ों से नयी-नयी दिलचस्पी रखनेवाले व्यक्‍ति क्लेश के प्रति प्रतिक्रिया दिखा सकते हैं?

      ४ दुःख की बात है, जैसे यीशु ने पूर्वबताया, क्लेश कुछ लोगों के ठोकर खाने और मसीही कलीसिया के साथ अपनी संगति को छोड़ देने का कारण बनता है। (मत्ती १३:५, ६, २०, २१) अन्य व्यक्‍ति जिन सांत्वनादायक प्रतिज्ञाओं के बारे में वे सीख रहे हैं उन पर अपने मन केन्द्रित करने के द्वारा क्लेश को सहते हैं। आख़िरकार वे अपने जीवन यहोवा को समर्पित करते हैं और उसके पुत्र, यीशु मसीह के शिष्यों के तौर पर बपतिस्मा लेते हैं। (मत्ती २८:१९, २०; मरकुस ८:३४) निःसंदेह, एक बार जब किसी मसीही का बपतिस्मा हो जाता है तो क्लेश थम नहीं जाता। उदाहरण के लिए, जिस व्यक्‍ति की अनैतिक पृष्ठभूमि रही है उसके लिए पवित्र रहना एक कड़ा संघर्ष हो सकता है। दूसरों को परिवार के अविश्‍वासी सदस्यों से निरन्तर विरोध का सामना करना पड़ता है। क्लेश चाहे जो भी हो, वे सभी जो परमेश्‍वर को समर्पित जीवन वफ़ादारी से जीते हैं एक बात के बारे में निश्‍चित हो सकते हैं। बहुत ही व्यक्‍तिगत रूप से, वे परमेश्‍वर की सांत्वना और सहायता का अनुभव करेंगे।

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