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मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका के लिए हवालेसभा पुस्तिका के लिए हवाले—2019 | जुलाई
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इंसाइट-1 पेज 1206 पै 4
प्रेरणा
प्रेरणा से कही गयीं बातें—सच्ची और झूठी। प्रेषितों की लिखी कुछ किताबों में यूनानी शब्द नफ्मा का एक खास तरीके से इस्तेमाल हुआ है। मिसाल के लिए, 2 थिस्सलुनीकियों 2:2 में पौलुस ने थिस्सलुनीके के भाइयों से बिनती की कि “अगर कोई कहे कि यहोवा का दिन आ गया है” तो वे उतावली में आकर अपनी समझ-बूझ न खो बैठें न ही घबरा जाएँ “फिर चाहे कोई दावा करे कि यह बात ईश्वर-प्रेरणा से पता चली है, चाहे यह कोई ज़बानी संदेश हो या ऐसी चिट्ठी में लिखी बात हो जो हमारी तरफ से लगे।” इस आयत से साफ पता चलता है कि पौलुस ने नफ्मा शब्द का इस्तेमाल “ज़बानी संदेश” या “चिट्ठी” के ज़रिए दिए गए संदेश के लिए किया। इसीलिए 2 थिस्सलुनीकियों 2:2 के बारे में पवित्र शास्त्र पर टिप्पणी नाम की किताब कहती है कि “प्रेषित पौलुस ऐसे संदेश की बात कर रहा था जो सुनने में ईश्वर प्रेरित संदेश लगता है, झूठा है या भविष्यवक्ताओं का वचन लगता है मगर असल में नहीं है।” नए नियम के शब्दों का अध्ययन (अँग्रेज़ी) किताब में एम. आर. विन्सेंट ने शब्द नफ्मा के बारे में लिखा, “मसीही सभाओं में कुछ लोग भविष्यवाणियाँ करते थे और दावा करते थे कि ईश्वर ने उन पर ये बातें प्रकट की हैं।” इसलिए हालाँकि कुछ बाइबलों में 2 थिस्सलुनीकियों 2:2 और इस तरह की कुछ आयतों में नफ्मा का अनुवाद “आत्मा” (अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन) किया गया है, मगर कुछ बाइबलों में इसका अनुवाद “आत्मिक प्रकाशन” (हिंदी—कॉमन लैंग्वेज) या “भविष्यवाणी” (वाल्द-बुल्के अनुवाद) किया गया है।
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