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खुशखबरी सुनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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1. आप अपने जान-पहचानवालों को बाइबल से सीखी बातें कैसे बता सकते हैं?
यीशु के शिष्यों ने कहा, “हम उन बातों के बारे में बोलना नहीं छोड़ सकते जो हमने देखी और सुनी हैं।” (प्रेषितों 4:20) उन्होंने यीशु से जो बातें सीखी थीं, वे उन्हें इतनी अच्छी लगी कि वे ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को इस बारे में बताना चाहते थे। क्या आप भी ऐसा ही महसूस करते हैं? अगर हाँ, तो अपने परिवारवालों और दोस्तों को खुशखबरी बताने के मौके ढूँढ़िए। लेकिन ऐसा करते वक्त उनसे प्यार और आदर से बात कीजिए।—कुलुस्सियों 4:6 पढ़िए।
बातचीत शुरू करने के कुछ तरीके
अपने परिवार में किसी से बात करते वक्त आप कह सकते हैं, “इस हफ्ते मैंने एक दिलचस्प बात सीखी है।” और फिर आप उसे बाइबल की वह बात बता सकते हैं।
अगर आपका कोई दोस्त बीमार है या बहुत ज़्यादा परेशान है, तो उसे बाइबल का कोई वचन बताइए जिससे उसे हिम्मत मिले।
अगर काम की जगह पर कोई आपका हाल-चाल पूछे, तो मौका देखकर उसे बताइए कि आपने बाइबल अध्ययन में या मंडली की सभा में क्या सीखा।
अपने दोस्तों को jw.org वेबसाइट दिखाइए।
जब आपका बाइबल अध्ययन होता है, तो दूसरों को भी बैठने के लिए कहिए। या उन्हें दिखाइए कि वे कैसे jw.org पर जाकर बाइबल अध्ययन की गुज़ारिश कर सकते हैं।
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खुशखबरी सुनाने के लिए आप क्या कर सकते हैं?खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!—ईश्वर से जानें
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4. आदर से पेश आइए
खुशखबरी सुनाते वक्त सिर्फ इस बात पर ध्यान मत दीजिए कि आप क्या कहेंगे बल्कि इस बात पर भी ध्यान दीजिए कि आप कैसे कहेंगे। दूसरा तीमुथियुस 2:24 और 1 पतरस 3:15 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
दूसरों को बाइबल के बारे में बताते वक्त, आप कैसे इन वचनों में दी सलाह मान सकते हैं?
हो सकता है, आपके कुछ दोस्त या परिवारवाले आपकी बात से सहमत न हों। ऐसे में आप क्या कर सकते हैं? और आपको क्या नहीं करना चाहिए?
क्या करना ज़्यादा अच्छा रहेगा, लोगों को सीधे-सीधे बताना कि उन्हें क्या मानना चाहिए या फिर प्यार से उनके साथ तर्क करना? आप ऐसा क्यों सोचते हैं?
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