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झुंड की देखभाल करनेवाले प्राचीनयहोवा की मरज़ी पूरी करने के लिए संगठित
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5 प्रेषित पौलुस ने तीमुथियुस के नाम अपनी पहली चिट्ठी में और तीतुस को लिखी चिट्ठी में बताया कि निगरानी करनेवाले भाइयों को बाइबल की कौन-सी बुनियादी योग्यताएँ पूरी करनी चाहिए। पहला तीमुथियुस 3:1-7 में लिखा है, “अगर कोई आदमी निगरानी का काम करने की कोशिश में आगे बढ़ता है, तो वह एक बढ़िया काम करने की चाहत रखता है। इसलिए निगरानी करनेवाले को ऐसा होना चाहिए जिस पर कोई आरोप न हो, उसकी एक ही पत्नी हो, वह हर बात में संयम बरतता हो, सही सोच रखता हो, कायदे से चलता हो, मेहमान-नवाज़ी करनेवाला हो, सिखाने के काबिल हो, पियक्कड़ न हो, मार-पीट करनेवाला न हो, मगर लिहाज़ करनेवाला हो, झगड़ालू न हो, पैसे का लालची न हो, अपने परिवार की अच्छी तरह अगुवाई करता हो, जिसके बच्चे पूरी गंभीरता से उसके अधीन रहते हों, (क्योंकि अगर एक आदमी अपने ही परिवार की अगुवाई करना नहीं जानता, तो वह परमेश्वर की मंडली की देखभाल कैसे करेगा?), नया विश्वासी न हो ताकि वह घमंड से फूल न जाए और वही सज़ा न पाए जो शैतान को दी गयी है। यही नहीं, बाहरवाले भी उसके बारे में अच्छा कहते हों ताकि उसकी बदनामी न हो और वह शैतान के फंदे में न फँसे।”
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झुंड की देखभाल करनेवाले प्राचीनयहोवा की मरज़ी पूरी करने के लिए संगठित
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7 बाइबल में निगरानी करनेवाले भाइयों के लिए बतायी योग्यताएँ पूरी करना शायद बहुत मुश्किल लगे, मगर इस वजह से भाइयों को आगे बढ़कर निगरानी का काम करने से झिझकना नहीं चाहिए। जब प्राचीन ऐसे मसीही गुण ज़ाहिर करते हैं जिनकी उनसे उम्मीद की जाती है, तो मंडली के भाई-बहन भी ये गुण बढ़ाने के लिए उभारे जाते हैं। पौलुस ने लिखा कि “आदमियों के रूप में तोहफे” इसलिए दिए गए हैं “ताकि पवित्र जनों का सुधार हो और वे सेवा का काम करें और मसीह का शरीर तब तक बढ़ता जाए जब तक कि हम सब विश्वास में और परमेश्वर के बेटे के सही ज्ञान में एकता हासिल न कर लें और पूरी तरह से विकसित आदमी की तरह मसीह की पूरी कद-काठी हासिल न कर लें।”—इफि. 4:8, 12, 13.
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