वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • गयुस ने कैसे भाइयों की मदद की?
    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2017 | मई
    • ये मेहमान शायद मिशनरी थे या फिर यूहन्‍ना के भेजे हुए दूत या सफरी निगरान। ये भाई खुशखबरी की खातिर अलग-अलग जगह सफर करते थे। यूहन्‍ना ने कहा, “वे उसी के नाम की खातिर निकले हैं।” (3 यूह. 7) यहाँ किसके नाम की बात की जा रही है? आयत 6 में यूहन्‍ना ने परमेश्‍वर का ज़िक्र किया जिससे पता चलता है कि आयत 7 में यहोवा के “नाम” की बात की जा रही है। ये भाई मसीही मंडली के सदस्य थे और इसलिए उनका गर्मजोशी से स्वागत किया जाना था। यही बात यूहन्‍ना ने लिखी, “हमारा फर्ज़ बनता है कि हम ऐसे भाइयों का आदर-सत्कार करें ताकि हम सच्चाई फैलाने में उनके सहकर्मी बनें।”—3 यूह. 8.

  • गयुस ने कैसे भाइयों की मदद की?
    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2017 | मई
    • पहली बात, आज हममें से ज़्यादातर लोगों को सच्चाई इसलिए मिली है क्योंकि इसके पीछे कई वफादार भाई-बहनों का हाथ था जिन्होंने अलग-अलग जगह जाकर सेवा की है। यह सच है कि आज मसीही मंडली के सभी सदस्य खुशखबरी सुनाने के लिए दूर-दूर तक सफर नहीं करते। लेकिन गयुस की तरह हम सर्किट निगरान और उसकी पत्नी की मदद कर सकते हैं और उनका हौसला बढ़ा सकते हैं। हम उन भाई-बहनों की भी मदद कर सकते हैं जो अपने ही देश के किसी इलाके में या दूसरे देश में जाकर सेवा करते हैं। तो आइए हम ‘मेहमान-नवाज़ी करने की आदत डालें।’—रोमि. 12:13; 1 तीमु. 5:9, 10.

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें