गीत 12
हमेशा की ज़िंदगी का वादा
1. हम-से कि-या वा-दा याह ने
धर-ती र-हे-गी आ-बाद।
साफ़ दिल ब-सें-गे य-हाँ पे
हों सब पू-री मु-राद।
(कोरस)
ज़िं-द-गी स-दा की
हम सब-को मि-ले-गी।
बात याह की सच हो-गी
है ह-में य-क़ीन।
2. मुक्-ति मि-ले-गी तब पाप से
सिद्ध हो-गा सब-का तन-मन।
याह की निग्-रा-नी में फिर से
धर-ती ब-ने गुल-शन।
(कोरस)
ज़िं-द-गी स-दा की
हम सब-को मि-ले-गी।
बात याह की सच हो-गी
है ह-में य-क़ीन।
3. या-दों में अब जो ब-से हैं
सू-खे फू-लों की त-रह,
खिल उ-ठें-गे सा-रे फिर से
साँस जब फूँ-के-गा याह।
(कोरस)
ज़िं-द-गी स-दा की
हम सब-को मि-ले-गी।
बात याह की सच हो-गी
है ह-में य-क़ीन।
(यशा. 25:8; लूका 23:43; यूह. 11:25; प्रका. 21:4 भी देखिए।)