वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • क्या स्वर्गदूतों का हम पर कोई असर होता है?
    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2017 | अंक 5
    • पति-पत्नी बाइबल से एक स्त्री को दिलासा दे रहे हैं

      पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?

      क्या स्वर्गदूतों का हम पर कोई असर होता है?

      केनट और फीलोमेना कुराकाओ देश में रहते हैं। वे एक पति-पत्नी को पवित्र शास्त्र बाइबल पढ़ाते थे। एक रविवार दोपहर के वक्‍त वे उनसे मिलने गए।

      केनट बताता है, “जब हम वहाँ पहुँचे, तो घर बंद मिला। उनकी गाड़ी भी नहीं थी। लेकिन पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लगा कि उस आदमी की पत्नी को फोन करना चाहिए।”

      उस स्त्री ने फोन उठाया और बताया कि उसके पति काम पर गए हैं। लेकिन जब उसे पता चला कि केनट और फीलोमेना दरवाज़े पर ही हैं, तो उसने उन्हें अंदर बुला लिया।

      वे उसे देखते ही समझ गए कि वह रो रही थी। जैसे ही केनट ने बाइबल पर चर्चा शुरू करने से पहले प्रार्थना की, वह फिर से रोने लगी। उन्होंने प्यार से उससे पूछा कि आखिर बात क्या है।

      उस स्त्री ने बताया कि वह आत्महत्या करने जा रही थी और अपने पति को खत लिख रही थी कि तभी केनट का फोन आ गया। उसने बताया कि उसे गहरी निराशा (डिप्रेशन) है। केनट और फीलोमेना ने बाइबल की आयतें दिखाकर उसे दिलासा दिया। इस तरह हौसला बढ़ानेवाली बातों से उसकी जान बच गयी।

      केनट ने कहा, “हमने यहोवाa का धन्यवाद किया कि हम इस स्त्री का हौसला बढ़ा पाए। हम खासकर इस बात के लिए उसके एहसानमंद थे कि उसने हमें उस स्त्री को फोन करने के लिए उभारा, शायद एक स्वर्गदूत या अपनी पवित्र शक्‍ति के ज़रिए।”

      केनट और फीलोमेना को यकीन है कि इस मामले में परमेश्‍वर ने ही एक स्वर्गदूत या पवित्र शक्‍ति के ज़रिए उनकी मदद की। क्या उनका यह मानना सही है? या केनट का सही वक्‍त पर फोन करना महज़ इत्तफाक था?

      हम दावे के साथ तो कुछ नहीं कह सकते। लेकिन हमें इतना पता है कि परमेश्‍वर स्वर्गदूतों के ज़रिए उन लोगों की मदद करता है, जो उसके बारे में जानना चाहते हैं। जैसे, बाइबल में लिखा है कि परमेश्‍वर ने एक स्वर्गदूत के ज़रिए यीशु के शिष्य फिलिप्पुस से कहा कि वह इथियोपिया के उस अधिकारी की मदद करे, जो शास्त्र की बातें समझना चाहता है।—प्रेषितों 8:26-31.

      कई धर्मों में सिखाया जाता है कि ऐसे बहुत-से अदृश्‍य प्राणी हैं, जिनमें अलौकिक शक्‍ति होती है। इनमें से कुछ के बारे में कहा जाता है कि वे परमेश्‍वर की इच्छा पूरी करते हैं या इंसानों की हिफाज़त करते हैं। बहुत-से लोग न सिर्फ स्वर्गदूतों के वजूद पर यकीन करते हैं, बल्कि यह भी मानते हैं कि ये प्राणी किसी-न-किसी तरह उनकी ज़िंदगी पर असर करते हैं। वहीं कुछ लोग स्वर्गदूतों पर बिलकुल विश्‍वास नहीं करते।

      क्या स्वर्गदूत सच में होते हैं? अगर हाँ, तो वे कैसे वजूद में आए? उनके बारे में सच्चाई क्या है? क्या उनका हमारी ज़िंदगी पर कोई असर होता है? आइए देखें।

      a बाइबल के मुताबिक यहोवा, परमेश्‍वर का नाम है।—भजन 83:18.

  • स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई
    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2017 | अंक 5
    • प्रधान स्वर्गदूत और लाखों-करोड़ों दूसरे स्वर्गदूत

      पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?

      स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई

      क्या आप स्वर्गदूतों के बारे में सच्चाई जानना चाहते हैं? जैसे, वे कौन हैं, वे कैसे वजूद में आए और वे क्या करते हैं? इन सवालों के सबसे बढ़िया जवाब परमेश्‍वर की प्रेरणा से लिखी किताब बाइबल में ही मिल सकते हैं। (2 तीमुथियुस 3:16) आइए देखें कि बाइबल में इस बारे में क्या बताया गया है।

      • जिस तरह हम परमेश्‍वर को नहीं देख सकते, उसी तरह हम स्वर्गदूतों को भी नहीं देख सकते, क्योंकि उनका शरीर “हाड़-माँस” का नहीं होता। परमेश्‍वर के वफादार स्वर्गदूत उसके साथ स्वर्ग में रहते हैं और उसके सामने जा सकते हैं।—लूका 24:39; मत्ती 18:10; यूहन्‍ना 4:24.

      • कुछ मौकों पर स्वर्गदूत इंसानों के रूप में धरती पर आए, ताकि परमेश्‍वर का दिया काम पूरा कर सकें। फिर वे अपना रूप बदलकर स्वर्ग लौट गए।—न्यायियों 6:11-23; 13:15-20.

      • हालाँकि बाइबल में स्वर्गदूतों का ज़िक्र पुरुषों के तौर पर किया गया है और उन्होंने हमेशा पुरुषों का ही रूप धारण किया, लेकिन उनमें स्त्री-पुरुष का फर्क नहीं होता। वे न तो शादी करते हैं, न ही उनके बच्चे होते हैं। ऐसा भी नहीं है कि पहले वे कोई शिशु, बच्चे या जवान इंसान के रूप में धरती पर थे। स्वर्गदूतों को यहोवा ने बनाया है, इसलिए बाइबल में उन्हें “सच्चे परमेश्‍वर के बेटे” कहा गया है।—अय्यूब 1:6; भजन 148:2, 5.

      • बाइबल में ‘इंसानों और स्वर्गदूतों की भाषाओं’ का ज़िक्र किया गया है। इससे पता चलता है कि स्वर्गदूतों की भाषा और बोली होती है। हालाँकि परमेश्‍वर ने स्वर्गदूतों के ज़रिए इंसानों से बात की, लेकिन उसने कभी इस बात की इजाज़त नहीं दी कि हम स्वर्गदूतों की उपासना करें या उनसे प्रार्थना करें।—1 कुरिंथियों 13:1; प्रकाशितवाक्य 22:8, 9.

      • शास्त्र में लिखा है कि स्वर्गदूतों की गिनती लाखों-करोड़ों में है, वे अनगिनत हैं।—दानियेल 7:10; प्रकाशितवाक्य 5:11.

      • स्वर्गदूत बहुत “शक्‍तिशाली” होते हैं, इंसानों से कहीं ज़्यादा शक्‍तिशाली। वे इंसानों से कहीं ज़्यादा बुद्धिमान भी हैं। वे बहुत तेज़ रफ्तार से कहीं भी जा सकते हैं, इस विश्‍वमंडल में इतनी तेज़ रफ्तार से चलनेवाला और कुछ भी नहीं।—भजन 103:20; दानियेल 9:20-23.

      • इंसानों से ज़्यादा बुद्धिमान और काफी ताकतवर होने के बावजूद स्वर्गदूतों की कुछ सीमाएँ हैं। कुछ बातें ऐसी हैं, जो वे नहीं जानते।—मत्ती 24:36; 1 पतरस 1:12.

      • स्वर्गदूतों में परमेश्‍वर के जैसे गुण हैं, मगर उनकी अपनी-अपनी शख्सियत है। उन्हें अपने फैसले खुद करने की आज़ादी है, इसलिए इंसानों की तरह वे चुन सकते हैं कि वे सही काम करेंगे या गलत। दुख की बात है कि कुछ स्वर्गदूतों ने परमेश्‍वर के खिलाफ जाने का फैसला किया।—यहूदा 6.

      स्वर्गदूत किस तरह संगठित हैं?

      प्रधान स्वर्गदूत का नाम मीकाएल है, जिसके पास बाकी स्वर्गदूतों के मुकाबले सबसे ज़्यादा ताकत और अधिकार है। शास्त्र में साफ-साफ बताया गया है कि मीकाएल यीशु मसीह का ही दूसरा नाम है।—1 थिस्सलुनीकियों 4:16; यहूदा 9.

      साराप ऊँचे ओहदे के स्वर्गदूत हैं। उन्हें दूसरे स्वर्गदूतों से ज़्यादा परमेश्‍वर की सेवा की ज़िम्मेदारी और सम्मान मिला है। वे परमेश्‍वर की राजगद्दी के चारों ओर हाज़िर रहते हैं।—यशायाह 6:1-3.

      करूब भी ऊँचे ओहदे के स्वर्गदूत हैं। वे खास ज़िम्मेदारियाँ निभाते हैं यानी वे परमेश्‍वर की महानता की पैरवी करते हैं। अकसर उनका ज़िक्र इस तरह किया गया है कि वे परमेश्‍वर के करीब रहकर उसकी सेवा कर रहे हैं।—उत्पत्ति 3:24; यहेजकेल 9:3; 11:22.

      लाखों-करोड़ों दूसरे स्वर्गदूत परम-प्रधान परमेश्‍वर के दूत के तौर पर सेवा करते हैं और उसकी मरज़ी पूरी करते हैं। वे परमेश्‍वर की तरफ से लोगों को संदेश देते हैं।a—इब्रानियों 1:7, 14.

      a स्वर्गदूतों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए बाइबल हमें क्या सिखाती है? किताब का अध्याय 10 पढ़ें। यह किताब www.pr418.com पर भी उपलब्ध है। एक अप्रैल 2010 की प्रहरीदुर्ग के पेज 19 पर दिया लेख, “क्या यीशु ही प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल है?” भी देखें। इन्हें यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

  • क्या हर इंसान की हिफाज़त के लिए एक स्वर्गदूत होता है?
    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2017 | अंक 5
    • पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?

      क्या हर इंसान की हिफाज़त के लिए एक स्वर्गदूत होता है?

      बाइबल यह नहीं सिखाती कि हर इंसान की हिफाज़त के लिए एक-एक स्वर्गदूत है। एक बार यीशु ने कहा, “ध्यान रहे कि तुम इन छोटों [यीशु के शिष्यों] में से किसी को भी तुच्छ न समझो। मैं तुमसे कहता हूँ कि इनके स्वर्गदूत हमेशा स्वर्ग में मेरे पिता के सामने मौजूद रहते हैं।” (मत्ती 18:10) यहाँ उसके कहने का यह मतलब नहीं था कि हर व्यक्‍ति की हिफाज़त के लिए एक स्वर्गदूत ठहराया गया है। यीशु बस यह कह रहा था कि स्वर्गदूतों को उसके हर शिष्य में गहरी दिलचस्पी है। इस वजह से परमेश्‍वर के उपासकों को यह सोचकर कभी बेवजह अपनी जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए कि स्वर्गदूत आकर उन्हें बचा लेंगे।

      क्या इसका यह मतलब है कि स्वर्गदूत इंसानों की कोई मदद नहीं करते? नहीं, ऐसा नहीं है। (भजन 91:11) कुछ लोगों को तो पूरा यकीन है कि परमेश्‍वर ने स्वर्गदूतों के ज़रिए उनकी हिफाज़त की और उन्हें सही राह दिखायी। पहले लेख में ज़िक्र किए गए केनट को भी यही लगा। हम दावे के साथ तो नहीं कह सकते, पर हो सकता है कि उसका मानना सही हो। जब यहोवा के साक्षी लोगों को परमेश्‍वर के बारे में बताते हैं, तो कई बार उन्हें लगता है कि स्वर्गदूत उनकी मदद कर रहे हैं। हम स्वर्गदूतों को देख नहीं सकते, इसलिए यह तो नहीं कहा जा सकता कि परमेश्‍वर उनके ज़रिए किस हद तक लोगों की मदद करता है। लेकिन वह हमारी जैसे भी मदद करता है, उसके लिए हम उसका धन्यवाद ज़रूर कर सकते हैं।—कुलुस्सियों 3:15; याकूब 1:17, 18.

  • क्या दुष्ट स्वर्गदूत भी होते हैं?
    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2017 | अंक 5
    • दुष्ट स्वर्गदूत

      पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?

      क्या दुष्ट स्वर्गदूत भी होते हैं?

      जी हाँ, दुष्ट स्वर्गदूत भी होते हैं। वे कहाँ से आए? हमने देखा था कि परमेश्‍वर ने स्वर्गदूतों को अपने फैसले खुद करने की आज़ादी दी थी। पहले स्त्री-पुरुष, आदम और हव्वा को बनाए जाने के कुछ ही समय बाद एक परिपूर्ण स्वर्गदूत ने अपनी इस आज़ादी का गलत इस्तेमाल किया। उसने आदम और हव्वा को परमेश्‍वर की आज्ञा तोड़ने के लिए बहकाया और इस तरह धरती पर विद्रोह शुरू किया। (उत्पत्ति 3:1-7; प्रकाशितवाक्य 12:9) विद्रोह करने से पहले इस स्वर्गदूत का नाम या ओहदा क्या था, इस बारे में बाइबल में कुछ नहीं बताया गया। लेकिन विद्रोह करने के बाद बाइबल में उसे एकदम सही तरह से पुकारा गया है। एक तो उसे ‘शैतान’ कहा गया, जिसका मतलब है “विरोधी” और दूसरा ‘इबलीस,’ जिसका मतलब है “बदनाम करनेवाला।”—मत्ती 4:8-11.

      दुख की बात है कि परमेश्‍वर के खिलाफ विद्रोह वहीं खत्म नहीं हुआ। नूह के दिनों में कुछ स्वर्गदूतों ने अपना परिवार छोड़ दिया यानी स्वर्ग में “वह जगह छोड़ दी जहाँ उन्हें रहना था।” वे नीचे धरती पर आए और उन्होंने इंसानों का रूप धारण कर स्त्रियों के साथ संबंध रखे। यह बहुत ही घिनौना काम था, क्योंकि वे इसके लिए नहीं बनाए गए थे।—यहूदा 6; उत्पत्ति 6:1-4; 1 पतरस 3:19, 20.

      इन दुष्ट स्वर्गदूतों का अंजाम क्या हुआ? जब परमेश्‍वर इस धरती पर हो रही बुराई मिटाने के लिए जलप्रलय ले आया, तो ये स्वर्गदूत अपना रूप बदलकर स्वर्ग लौट गए। लेकिन परमेश्‍वर ने उन्हें स्वर्ग में “उस जगह” पर नहीं रहने दिया, जो पहले उनकी थी। इसके बजाय परमेश्‍वर ने उन्हें “घोर अंधकार” में फेंक दिया। इसका मतलब है कि अब वे परमेश्‍वर की नज़र में बहुत गिरी हुई दशा में थे। उनकी इस दशा को तारतरस भी कहा गया है। (यहूदा 6; 2 पतरस 2:4) ये स्वर्गदूत शैतान के साथ हो लिए। शैतान को बाइबल में ‘दुष्ट स्वर्गदूतों का राजा’ कहा गया है, जो “रौशनी देनेवाले स्वर्गदूत का रूप धारण करता है।”—मत्ती 12:24; 2 कुरिंथियों 11:14.

      बाइबल बताती है कि 1914 से परमेश्‍वर का राज स्वर्ग में शुरू हो चुका है, जिसका राजा मसीह यीशु है।a इस अहम घटना के बाद ही शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को स्वर्ग से खदेड़ दिया गया और अब वे धरती पर सीमित होकर रह गए हैं। आज जिस तरह बुराई और अनैतिकता बढ़ती जा रही है, उससे पता चलता है कि ये दुष्ट स्वर्गदूत कैसे बदला लेने और तबाही मचाने पर तुले हुए हैं।—प्रकाशितवाक्य 12:9-12.

      यह दुनिया जिस तरह हिंसा और बदचलनी के दलदल में धँसती जा रही है, वह इस बात का भी सबूत है कि जल्द ही इन दुष्ट स्वर्गदूतों का आतंक खत्म हो जाएगा। बहुत जल्द ये बेरहम स्वर्गदूत किसी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएँगे। जब परमेश्‍वर के राज को धरती पर शासन करते हुए 1,000 साल हो जाएँगे, तब कुछ वक्‍त के लिए दुष्ट स्वर्गदूतों को यह मौका दिया जाएगा कि वे इंसानों को गुमराह करें। इंसानों की इस आखिरी परीक्षा के बाद इन दुष्ट स्वर्गदूतों का नामो-निशान मिटा दिया जाएगा।—मत्ती 25:41; प्रकाशितवाक्य 20:1-3, 7-10.

      a परमेश्‍वर के राज के बारे में और जानने के लिए बाइबल हमें क्या सिखाती है? नाम की किताब का अध्याय 8 पढ़ें। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है। यह www.pr418.com पर भी उपलब्ध है।

  • स्वर्गदूत आपकी मदद कैसे कर सकते हैं?
    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2017 | अंक 5
    • पहले पेज का विषय | स्वर्गदूत—उनके बारे में जानना क्यों ज़रूरी है?

      स्वर्गदूत आपकी मदद कैसे कर सकते हैं?

      परमेश्‍वर के वफादार स्वर्गदूत बड़े जोश से यहोवा की मरज़ी पूरी करने में लगे हुए हैं। उन्हें इंसानों से जुड़ी बातों में बहुत दिलचस्पी है। जब परमेश्‍वर ने धरती को बनाया, तो स्वर्गदूत “खुशी से झूम उठे, परमेश्‍वर के सभी बेटों ने जयजयकार की।” (अय्यूब 38:4, 7) शुरूआत से ही स्वर्गदूतों की यह “तमन्‍ना” रही है कि वे धरती की घटनाओं से जुड़ी भविष्यवाणियों के बारे में जाने-समझें।—1 पतरस 1:11, 12.

      बाइबल बताती है कि कई बार स्वर्गदूतों ने सच्चे उपासकों की हिफाज़त की, ताकि परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी हो सके। (भजन 34:7) जैसे:

      • सदोम और अमोरा शहरों की बात लीजिए, जहाँ बहुत दुष्ट काम किए जा रहे थे। जब यहोवा ने इन शहरों का नाश किया, तो स्वर्गदूतों ने वहाँ से निकलने में नेक इंसान लूत और उसके परिवार की मदद की।—उत्पत्ति 19:1, 15-26.

      • प्राचीन शहर बैबिलोन में तीन इब्री नौजवानों को मौत की सज़ा दी गयी। इसके लिए जब उन्हें धधकते भट्ठे में फेंका गया, तब परमेश्‍वर ने “अपने स्वर्गदूत को भेजकर अपने सेवकों को बचाया।”—दानियेल 3:19-28.

      • एक बार परमेश्‍वर के वफादार सेवक दानियेल को भूखे शेरों की माँद में डाल दिया गया, जहाँ वह रात भर रहा, फिर भी वह ज़िंदा बच गया। दानियेल ने बताया कि “परमेश्‍वर ने अपने स्वर्गदूत को भेजकर शेरों का मुँह बंद कर दिया” था।—दानियेल 6:16, 22.

      एक स्वर्गदूत शेरों से दानियेल की हिफाज़त कर रहा है

      स्वर्गदूत प्राचीन समय से वफादार लोगों की मदद करते आए हैं

      स्वर्गदूतों ने पहली सदी के मसीहियों की मदद की

      कुछ मौकों पर स्वर्गदूतों ने पहली सदी के मसीहियों की मदद की, क्योंकि परमेश्‍वर का मकसद पूरा होना ज़रूरी था। जैसे:

      • एक स्वर्गदूत ने जेल के दरवाज़े खोल दिए और वहाँ कैद यीशु के शिष्यों से कहा कि वे जाकर मंदिर में फिर से खुशखबरी सुनाएँ।—प्रेषितों 5:17-21.

      • एक स्वर्गदूत ने खुशखबरी का ऐलान करनेवाले फिलिप्पुस से उस सुनसान रास्ते पर जाने के लिए कहा, जो यरूशलेम से गाज़ा जाता है। उसने यह भी कहा कि वह वहाँ इथियोपिया के उस आदमी को शास्त्र के बारे में समझाए, जो उपासना के लिए यरूशलेम गया था।—प्रेषितों 8:26-33.

      • जब परमेश्‍वर ने चाहा कि यहूदियों के अलावा और भी लोग यीशु के बारे में जानें और उसकी दिखायी राह पर चलें, तो एक स्वर्गदूत रोमी सेना के अधिकारी कुरनेलियुस को दर्शन में दिखायी दिया और उससे कहा कि वह यीशु के शिष्य पतरस को अपने घर बुलवाए।—प्रेषितों 10:3-5.

      • जब पतरस जेल में था, तब एक स्वर्गदूत प्रकट हुआ और उसे जेल से बाहर निकालकर ले गया।—प्रेषितों 12:1-11.

      स्वर्गदूत आपकी मदद कैसे कर सकते हैं?

      हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि पुराने ज़माने की तरह आज भी परमेश्‍वर स्वर्गदूतों के ज़रिए चमत्कार करके लोगों की मदद कर रहा है। लेकिन ध्यान दीजिए कि यीशु ने हमारे दिनों के बारे में क्या कहा था, “राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा ताकि सब राष्ट्रों को गवाही दी जाए और इसके बाद अंत आ जाएगा।” (मत्ती 24:14) आपको यह जानकर शायद हैरानी हो कि यीशु के शिष्य खुशखबरी सुनाने का काम स्वर्गदूतों की निगरानी में ही कर रहे हैं।

      सरेआम गवाही देने के लिए इस्तेमाल की जानेवाली ट्रॉली के पास से लोग आ-जा रहे हैं

      स्वर्गदूत पूरी दुनिया में खुशखबरी सुनाने के काम में मदद करते हैं

      बाइबल बताती है कि आज स्वर्गदूत पूरी दुनिया में लोगों को परमेश्‍वर यहोवा और इंसानों के लिए उसके मकसद के बारे में सीखने में काफी मदद कर रहे हैं। यीशु के शिष्य यूहन्‍ना ने लिखा, “मैंने एक और स्वर्गदूत को देखा जो आकाश के बीचों-बीच उड़ रहा था और उसके पास सदा तक कायम रहनेवाली खुशखबरी थी ताकि वह इसे धरती पर रहनेवालों को यानी हर राष्ट्र, गोत्र, भाषा और जाति के लोगों को सुनाए। वह स्वर्गदूत बुलंद आवाज़ में कह रहा था, ‘परमेश्‍वर से डरो और उसकी महिमा करो क्योंकि उसके न्याय करने का वक्‍त आ गया है। इसलिए उस परमेश्‍वर की उपासना करो जिसने आकाश और धरती और समुंदर और पानी के सोते बनाए।’” (प्रकाशितवाक्य 14:6, 7) आज कई किस्से सुनने को मिलते हैं, जिनसे पता चलता है कि स्वर्गदूत खुशखबरी सुनाने के काम में मदद कर रहे हैं। जब बुरे काम करनेवाला एक व्यक्‍ति भी पछतावा करता है और परमेश्‍वर यहोवा की उपासना करने लगता है, तो “स्वर्गदूत बहुत खुशियाँ मनाते हैं।”—लूका 15:10.

      जब राज की खुशखबरी सुनाने का काम पूरा हो जाएगा, तब क्या होगा? “स्वर्ग की सेनाएँ” यानी स्वर्गदूत एक युद्ध में राजाओं के राजा यीशु मसीह का साथ देंगे। यह युद्ध ‘सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के महान दिन का युद्ध’ होगा, जिसे हर-मगिदोन कहा जाता है। (प्रकाशितवाक्य 16:14-16; 19:14-16) स्वर्गदूत उन लोगों को परमेश्‍वर की तरफ से सज़ा देंगे, जो “हमारे प्रभु यीशु के बारे में खुशखबरी के मुताबिक नहीं चलते।” यह तब होगा, जब यीशु “उन लोगों से बदला लेगा।”—2 थिस्सलुनीकियों 1:7, 8.

      यकीन मानिए कि स्वर्गदूतों को आपकी बहुत फिक्र है। जो परमेश्‍वर की सेवा करना चाहते हैं, खासकर उनकी स्वर्गदूत बहुत परवाह करते हैं। परमेश्‍वर यहोवा ने बार-बार उनके ज़रिए धरती पर अपने वफादार सेवकों की हिम्मत बँधायी और हिफाज़त की है।—इब्रानियों 1:14.

      तो अब हम सबको एक ज़रूरी फैसला करना है। आज पूरी दुनिया में जो खुशखबरी सुनायी जा रही है, क्या हम उसे सुनेंगे और उसके मुताबिक चलेंगे? या नहीं? आपके इलाके के यहोवा के साक्षियों को आपको उस खुशखबरी के बारे में बताने में खुशी होगी, जिसे फैलाने में परमेश्‍वर के स्वर्गदूत योगदान दे रहे हैं।

      बाइबल में बताए वफादार और दुष्ट स्वर्गदूतों के बारे में ज़्यादा जानने के लिए बाइबल हमें क्या सिखाती है? किताब का अध्याय 10 पढ़ें। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है। यह किताब www.pr418.com पर उपलब्ध है।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें