प्रचार काम हमें एक अलग पहचान देता है
कई लोग पूछते हैं, “यहोवा के साक्षियों और दूसरे धर्मों में क्या फर्क है?” अगर कोई आपसे यह सवाल पूछे तो आप क्या जवाब देंगे? आप शायद उन्हें समझाएँ कि हम बाइबल की शिक्षाओं को मानने की वज़ह से बाकी धर्मों से अलग हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह बताने के बारे में सोचा है कि किस तरह हम अपने प्रचार काम की वज़ह से भी बाकी धर्मों से अलग हैं?—मत्ती २४:१४; २८:१९, २०.
२ अपने धार्मिक विश्वास के बारे में दूसरों को बताने की इच्छा आज बहुत ही कम लोगों में है। ज़्यादातर लोग शायद सोचें कि अगर वे कैसर या सरकार के नियमों को मानें, सही चाल चलें और दूसरों की मदद करें तो यह काफी है। लेकिन उन्हें यह नहीं लगता कि उद्धार के बारे में बाइबल में बताई गई बातें दूसरों को भी सिखाना उनकी ज़िम्मेदारी है। लेकिन हम किस तरह उनसे अलग हैं?
३ हम बड़ी गरम-जोशी के साथ प्रचार का काम करते हैं और यही वज़ह है कि हमारे और दूसरे धर्मों के बीच ज़मीन-आसमान का फर्क है। करीब १०० से भी ज़्यादा सालों से यहोवा के साक्षी बड़ी लगन और मेहनत के साथ पृथ्वी के कोने-कोने तक जाकर सुसमाचार का प्रचार कर रहे हैं और इस तरह वे पहली सदी के मसीहियों के नक्शे-कदम पर चल रहे हैं। हम प्रचार काम इसलिए करते हैं ताकि हम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को यहोवा की इच्छा के मुताबिक जीने में मदद कर सकें।—१ तीमु. २:४; २ पत. ३:९.
४ आपने किस तरह का नाम कमाया है? क्या आप भी परमेश्वर के वचन का बड़े जोश के साथ प्रचार करनेवाले के तौर पर जाने जाते हैं? (प्रेरि. १७:२, ३; १८:२५) आपके प्रचार काम को देखकर क्या आपके पड़ोसियों को साफ दिखता है कि आपका धर्म उनके धर्म से बिलकुल अलग है? क्या आप बाइबल से मिली अपनी आशा के बारे में दूसरों को बताने के लिए हमेशा उतावले रहते हैं? क्या आपने प्रचार काम में बराबर हिस्सा लेने की एक आदत बनाई है? यह मत भूलिए कि हमारी पहचान सिर्फ अपने नाम से ही नहीं होती बल्कि अपने नाम के मुताबिक काम करने से, यानी यहोवा के बारे में साक्षी देने के ज़रिए ही हमारी सही पहचान होती है।—यशा. ४३:१०.
५ हम प्रचार का काम इसलिए करते हैं क्योंकि हमें परमेश्वर से और लोगों से प्यार है। (मत्ती २२:३७-३९) और इसी वज़ह से हम यीशु और प्रेरितों की तरह चाहते हैं कि मिलनेवाले हर मौके पर दूसरों को राज्य का संदेश बताएँ। इसलिए आइए हम हमेशा जोश के साथ ऐसे लोगों को प्रचार करते रहें जो सुनने को तैयार हैं। अगर हम इस तरह प्रचार करेंगे तो नेक दिल इंसान यह देख सकेंगे कि ‘परमेश्वर की सेवा करनेवालों और नहीं करनेवालों के बीच क्या फर्क’ है।—मला. ३:१८.