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  • बिज़नेस इलाकों में कैसे प्रचार करें
    राज-सेवा—2004 | जुलाई
    • बिज़नेस इलाकों में कैसे प्रचार करें

      1. बिज़नेस इलाके में प्रचार करने के कुछ फायदे क्या हैं?

      क्या आप ऐसे इलाके में प्रचार करना चाहते हैं, जहाँ मेहमानों का ज़्यादातर स्वागत किया जाता है और जहाँ बहुत कम ऐसा होता है कि लोग आपको न मिलें? आप अपनी कलीसिया के इलाके में ही ऐसा कर सकते हैं। वह कैसे? अपने इलाके के बिज़नेस करनेवालों या दुकानदारों से मिलकर। दुकान-दुकान जानेवाले प्रचारकों को अकसर अच्छे नतीजे हासिल होते हैं।

      2. बिज़नेस इलाके में प्रचार करने का इंतज़ाम कैसे किया जा सकता है?

      2 कुछ कलीसियाओं को दिए गए इलाके में ही बिज़नेस के इलाके होते हैं। प्रचार के इलाके की देखरेख करनेवाला भाई, बिज़नेस के इन घनी आबादीवाले इलाकों के लिए खास नक्शे या मैप-कार्ड बना सकता है। अगर प्रचार के किसी इलाके में घरों के अलावा बिज़नेस के ये इलाके भी पड़ते हैं, तो उस मैप-कार्ड में यह साफ-साफ बताया जाना चाहिए कि घर-घर प्रचार करते वक्‍त बिज़नेस के इलाके छोड़ दिए जाएँ। मगर कुछ इलाकों में घरों के साथ-साथ दुकानों या ऑफिसों में भी प्रचार किया जा सकता है। अगर आपने बिज़नेस इलाके में कभी प्रचार नहीं किया है, तो पहले कुछ छोटी-मोटी दुकानों पर बात करने की कोशिश कीजिए।

      3. दुकान-दुकान गवाही देते वक्‍त, अच्छे नतीजे हासिल करने में क्या बात हमारी मदद करेगी?

      3 आसान पेशकश इस्तेमाल कीजिए: जब आप दुकान-दुकान गवाही दे रहे हों, तब ज़रूरी है कि आप ऐसे कपड़े पहनें जैसे आप किंगडम हॉल की सभाओं के लिए पहनते हैं। और ऐसे वक्‍त पर गवाही देना मुनासिब होगा जब दुकान में ज़्यादा भीड़ न हो। हो सके तो ऐसे वक्‍त पर दुकान में जाइए जब कोई ग्राहक इंतज़ार न कर रहा हो। बताइए कि आप मैनेजर या दुकान सँभालनेवाले से बात करना चाहते हैं। थोड़े और सटीक शब्दों में गवाही दीजिए। आप क्या कह सकते हैं?

      4-6. दुकानदार या मैनेजर को गवाही देते वक्‍त हम क्या कह सकते हैं?

      4 जब आप दुकानदार या मैनेजर से बात करते हैं, तो आप कुछ ऐसा कह सकते हैं: “बिज़नेस करनेवाले इतने व्यस्त रहते हैं कि उनसे घर पर मिलना मुश्‍किल होता है, इसलिए हम आपसे यहाँ मिलने आए हैं। हमारी पत्रिकाएँ बताती हैं कि आज जो घटनाएँ हो रही हैं उनका पूरी दुनिया पर क्या असर हो रहा है।” फिर एक पत्रिका से एक छोटा-सा मुद्दा बताइए।

      5 या आप यह आसान पेशकश इस्तेमाल कर सकते हैं: “क्या आपने कभी सोचा है कि बहुत-से लोगों का कोई कसूर न होने पर भी उनकी ज़िंदगी क्यों दुःखों से भरी होती है? वे शायद गरीब परिवारों में पैदा हुए हों और कुछ जन्म से अपंग या कुरूप हों। बहुत लोग मानते हैं कि एक इंसान पर दुःख आने की वजह उसके पिछले जन्म के पाप हैं। क्या आपको यह सच लगता है? क्या हमारा सिरजनहार चाहता है कि इंसान इस तरह दुःख-दर्द सहता रहे? आपको इन सभी सवालों के कायल करनेवाले जवाब इस पर्चे में मिलेंगे।” फिर नया ट्रैक्ट क्या दुःख-तकलीफों का कभी अंत होगा? उसे दीजिए। अगर आपको लगता है कि सुननेवाला बाइबल की कुछ हद तक इज़्ज़त करता है, तो इस ट्रैक्ट के पेज 5-6 पर दिए मुनासिब वचनों के हवाले दिखाइए।

      6 अगर दुकान की देखरेख करनेवाला व्यस्त दिखायी दे रहा है, तो आप उसे एक ट्रैक्ट देकर सिर्फ इतना कह सकते हैं: “मैं दोबारा ऐसे वक्‍त पर आऊँगा जब आप व्यस्त नहीं होंगे। मैं जानना चाहूँगा कि आपको यह पर्चा कैसा लगा।”

      7. बिज़नेस इलाके में जब कोई दिलचस्पी दिखाता है, तो हम उसे कैसे बढ़ा सकते हैं?

      7 दिलचस्पी बढ़ाइए: आप बिज़नेस के इलाके में एक बाइबल अध्ययन भी चला सकते हैं। एक स्पेशल पायनियर बिना नागा एक बिज़नेसमैन को पत्रिकाएँ दिया करता था। उस आदमी ने कहा कि पत्रिकाओं में जो उसने पढ़ा उसे अच्छा लगा। तब पायनियर ने माँग ब्रोशर इस्तेमाल करके उसे बाइबल अध्ययन के इंतज़ाम का प्रदर्शन दिखाया। उसी वक्‍त उसके साथ, काम की जगह पर बाइबल अध्ययन शुरू किया गया। हालात को मद्देनज़र रखते हुए, पायनियर ने हर बार सिर्फ 10 या 15 मिनट के लिए अध्ययन किया। इसी तरह, आइए हम भी बिज़नेस इलाके में प्रचार करके योग्य लोगों की खोज करना जारी रखें।

  • पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
    राज-सेवा—2004 | जुलाई
    • पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए

      सजग होइए! जुला.-सितं.

      “आज चिकित्सा क्षेत्र ने बीमारियों से लड़ने में कमाल की तरक्की की है, लेकिन क्या आपको लगता है कि हम कभी वह दुनिया देखेंगे जिसमें बीमारी नाम की चीज़ नहीं होगी? [जवाब के लिए रुकिए।] इस पत्रिका में समझाया गया है कि एक दिन इस धरती पर जीनेवाला हर इंसान इस वादे के मुताबिक बढ़िया सेहत का मज़ा लेगा।” यशायाह 33:24 पढ़िए।

      प्रहरीदुर्ग जुला. 15

      “आज अगर अखबारों में या टी.वी. पर ऐसी घटना [जैसा पहले पन्‍ने पर दिखाया गया है] के होने की खबर आए, तो ज़्यादातर लोग शायद यकीन न करें। आप इस बारे में क्या सोचते हैं? [जवाब के लिए रुकिए। फिर, मरकुस 4:39 पढ़िए।] इस बात के क्या सबूत हैं कि यीशु ने सचमुच चमत्कार किए थे? प्रहरीदुर्ग के इस अंक में इसी सवाल पर चर्चा की गयी है।”

      सजग होइए! जुला.-सितं.

      किसी ऐसी दर्दनाक घटना का ज़िक्र कीजिए जिसको लेकर लोग काफी परेशान हैं, और फिर पूछिए: “क्या आपने कभी सोचा है कि परमेश्‍वर यह सब क्यों होने देता है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर याकूब 1:13 पढ़िए।] यह लेख खासकर नौजवानों के लिए लिखा गया है जो समझाता है कि हमसे प्यार करनेवाले सिरजनहार ने अब तक इंसान के दुःख-दर्द को अंत करने के लिए क्यों कोई कदम नहीं उठाया है।”

      प्रहरीदुर्ग अग. 1

      “आज दुनिया में हर कहीं लोगों में फूट है। इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि दुनिया में शांति लाने का बस एक तरीका है और वह है, पूरी दुनिया के लिए एक ही सरकार होना। क्या आपको लगता है कि यह मुमकिन है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर दानिय्येल 2:44 पढ़िए।] यह पत्रिका बताती है कि परमेश्‍वर का राज्य आज क्या कर रहा है और कैसे वह जल्द ही सारी दुनिया में शांति लाएगा।”

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