दूसरे आपको देखकर क्या सीखते हैं?
1. यीशु के चेलों ने उसे देखकर क्या सीखा?
यीशु ने कहा: “मेरे साथ मेरे जूए के नीचे आओ और मुझसे सीखो।” (मत्ती 11:29, फुटनोट) वाकई, उसने सिर्फ अपने शब्दों से नहीं, बल्कि अपनी अच्छी मिसाल से भी लोगों को सिखाया। सोचिए यीशु के चेलों ने उसे देखकर कितना-कुछ सीखा होगा। यीशु कोमल, रहमदिल और लोगों से प्यार करनेवाला इंसान था। (मत्ती 8:1-3; मर. 6:30-34) यीशु दिल से नम्र था। (यूह. 13:2-5) जब चेले उसके साथ प्रचार में जाते थे, तो वे देखते थे कि यीशु बिना थके देर तक काम करता है और दूसरों को बड़े ही असरदार तरीके से सच्चाई सिखाता है। (लूका 8:1; 21:37, 38) जब प्रचार सेवा के दौरान दूसरे लोग हम पर गौर करते हैं, तो उन पर कैसा असर होता है?
2. हमारा अच्छा पहनावा और व्यवहार प्रचार में घर-मालिक पर कैसे एक अच्छी छाप छोड़ता है?
2 घर-मालिक: हमारे शालीन कपड़े, अदब से पेश आना और लोगों में सच्ची दिलचस्पी, यह सब घर-मालिक पर अच्छी छाप छोड़ सकते हैं। (2 कुरिं. 6:3; फिलि. 1:27) वे यह भी देखते हैं कि हम बाइबल का कई बार इस्तेमाल करते हैं। जब हम आदर के साथ दूसरों की बातें सुनते हैं तो उन्हें भी यह देखकर अच्छा लगता है। इन मामलों में अच्छी मिसाल रखने से लोग राज संदेश की तरफ खिंचे चले आ सकते हैं। कभी-भी इसे कम मत आँकिए।
3. हम अपने भाई-बहनों पर अच्छा असर कैसे डाल सकते हैं?
3 हमारे भाई: यह भी सोचिए कि हमारे व्यवहार से हमारे भाइयों पर अच्छा असर हो सकता है। प्रचार के लिए हम जो जोश दिखाते हैं, उसे देखकर उनमें भी वैसा ही जोश भर सकता है। जैसे लोहा लोहे को चमकाता है, ठीक वैसे ही अगर हम अपनी पेशकश की अच्छी तैयारी करते हैं, तो इससे दूसरों को प्रचार में अपना हुनर निखारने का बढ़ावा मिलेगा। (नीति. 27:17) हमें दिलचस्पी दिखानेवालों का सही-सही रिकॉर्ड रखते देख और बिना देर किए वापसी भेंट के लिए जाते देख, दूसरों को भी ऐसा करने का बढ़ावा मिलेगा। जब हम किसी से बात करते वक्त व्यवहार-कुशलता और समझदारी से काम लेते हैं तो दूसरों को भी यही गुण बढ़ाने की प्रेरणा मिलेगी। अपनी सेवा को अच्छी तरह पूरी करने से हम अपने संगी भाई-बहनों पर अच्छा असर डाल रहे होंगे।—2 तीमु. 4:5.
4. हमें क्यों समय-समय पर अपनी मिसाल को जाँचना चाहिए?
4 क्यों न आप समय-समय पर यह जाँचें कि आप क्या करते हैं, क्या कहते हैं और अपनी मिसाल से दूसरों पर कैसा असर डालते हैं? हमारा अच्छा उदाहरण देखकर यहोवा को खुशी होगी और हम भी प्रेषित पौलुस की तरह कह पाएँगे: “मेरी मिसाल पर चलो, ठीक जैसे मैं मसीह की मिसाल पर चलता हूँ।”—1 कुरिं. 11:1.