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पायनियरों को तालीम देने के लिए क्या इंतज़ाम किया गया है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 14
पायनियरों को तालीम देने के लिए क्या इंतज़ाम किया गया है?
अमरीका
न्यू यॉर्क के पैटरसन में गिलियड स्कूल
पनामा
यहोवा के साक्षियों की यह खासियत रही है कि उन्हें परमेश्वर से लगातार तालीम मिलती है। जो लोग अपना पूरा समय राज का प्रचार करने में लगाते हैं, उन्हें खास तालीम देने के लिए स्कूलों का इंतज़ाम किया गया है ताकि वे “अपनी सेवा अच्छी तरह पूरी कर” सकें।—2 तीमुथियुस 4:5.
पायनियर सेवा स्कूल। जब एक पायनियर अपनी पूरे-समय की सेवा का पहला साल पूरा करता है, तो उसे इस स्कूल में दाखिल किया जाता है। यह स्कूल छ: दिन तक चलता है और इसे पास के किसी राज-घर में रखा जाता है। इस स्कूल का मकसद है, पायनियरों की मदद करना ताकि वे यहोवा के और करीब आ सकें, प्रचार के हर पहलू में और भी कुशल हो जाएँ और वफादारी से अपनी सेवा में लगे रहें।
राज प्रचारकों के लिए स्कूल। यह स्कूल दो महीने का कोर्स है और उन तजुरबेकार पायनियरों को तालीम देने के लिए तैयार किया गया है, जो अपना शहर छोड़कर वहाँ जाकर सेवा करने के लिए तैयार हैं जहाँ उनकी ज़रूरत है। एक मायने में वे कह रहे हैं, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज!” इस तरह वे यीशु मसीह की मिसाल पर चल रहे होते हैं, जो धरती पर सेवा करनेवाले अब तक का सबसे महान प्रचारक है। (यशायाह 6:8; यूहन्ना 7:29) घर से दूर जाने के लिए उन्हें शायद ऐसी जगह रहने की आदत डालनी पड़े जहाँ का रहन-सहन सादा हो। वहाँ की संस्कृति, मौसम और खान-पान उनकी अपनी जगह से बिलकुल अलग हो सकता है। उन्हें शायद एक नयी भाषा सीखने की ज़रूरत भी पड़े। इस स्कूल में 23-65 उम्र के कुँवारे भाई, कुँवारी बहनें और शादीशुदा जोड़े अपने अंदर ऐसे मसीही गुण बढ़ाना सीखते हैं जिनकी उन्हें अपनी सेवा में ज़रूरत पड़ेगी। साथ ही, वे ऐसे हुनर सीखते हैं जिससे वे यहोवा और उसके संगठन के निर्देशन में ज़्यादा-से-ज़्यादा सेवा कर सकें।
वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड। इब्रानी भाषा में शब्द “गिलियड” का जो मतलब है, उसका ताल्लुक “गवाही देने” से है। गिलियड स्कूल की शुरूआत सन् 1943 में हुई थी और तब से लेकर आज तक इस स्कूल से तालीम पानेवाले 8,000 से भी ज़्यादा भाई-बहनों को मिशनरी के तौर पर भेजा गया है ताकि वे “पृथ्वी के छोर तक” गवाही दे सकें। (प्रेषितों 13:47) उनका यह काम बहुत कामयाब रहा है। पेरू देश में जब हमारे मिशनरी पहली बार आए, तो वहाँ एक भी मंडली नहीं थी। मगर आज वहाँ 1,000 से ज़्यादा मंडलियाँ हैं। जब हमारे मिशनरियों ने जापान में कदम रखा, तब वहाँ दस से भी कम साक्षी थे। आज वहाँ साक्षियों की गिनती 2,00,000 से भी ज़्यादा है। गिलियड स्कूल, पाँच महीने का कोर्स है जिसमें बाइबल का गहराई से अध्ययन करना भी शामिल है। इस स्कूल के लिए उन मसीहियों को न्यौता दिया जाता है, जो खास पायनियर हैं, शाखा दफ्तर में सेवा कर रहे हैं, सर्किट निगरान हैं या ऐसे मिशनरी हैं जो पूरे समय प्रचार काम करते हैं। उन्हें ज़बरदस्त तालीम दी जाती है ताकि वे विश्वास में मज़बूत बनें और पूरी दुनिया में होनेवाले हमारे काम को बढ़ावा दे सकें।
पायनियर सेवा स्कूल का मकसद क्या है?
राज प्रचारकों के लिए स्कूल किन लोगों के लिए तैयार किया गया है?
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प्राचीन किस तरह मंडली की सेवा करते हैं?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 15
प्राचीन किस तरह मंडली की सेवा करते हैं?
फिनलैंड
सिखाना
हौसला बढ़ाना
गवाही देना
हमारे संगठन में कोई पादरी वर्ग नहीं है, जिसे मंडलियों को सँभालने के लिए तनख्वाह दी जाती हो। इसके बजाय, जैसा मसीही मंडली की शुरूआत में किया जाता था, आज भी काबिल भाइयों को निगरान ठहराया जाता है ताकि वे ‘चरवाहों की तरह परमेश्वर की मंडली की देखभाल करें।’ (प्रेषितों 20:28) परमेश्वर के स्तरों के मुताबिक काबिलीयत रखनेवाले ये निगरान यानी प्राचीन, मंडली में अगुवाई लेते हैं और भाई-बहनों की देखभाल ‘खुशी-खुशी करते हैं, न कि मजबूरी में। वे तत्परता से सेवा करते हैं, न कि बेईमानी की कमाई के लालच से।’ (1 पतरस 5:1-3) वे हमारी खातिर क्या करते हैं?
वे हमारी देखभाल करते हैं और हमारी हिफाज़त करते हैं। प्राचीन, मंडली के भाई-बहनों को बाइबल से निर्देशन देते हैं और उन खतरों से बचाते हैं जो उन्हें यहोवा से दूर ले जा सकते हैं। वे जानते हैं कि यह भारी ज़िम्मेदारी परमेश्वर ने उन्हें दी है, इसलिए वे उसके लोगों पर हुक्म नहीं चलाते, बल्कि उनकी भलाई और खुशी के लिए मेहनत करते हैं। (2 कुरिंथियों 1:24) जिस तरह चरवाहा अपनी एक-एक भेड़ को अच्छी तरह जानता है और उसकी देखभाल करता है, उसी तरह प्राचीन, मंडली के हरेक सदस्य को अच्छी तरह जानने की कोशिश करते हैं।—नीतिवचन 27:23.
वे हमें परमेश्वर की मरज़ी पूरी करना सिखाते हैं। प्राचीन हर हफ्ते मंडली की सभाएँ चलाते हैं और ऐसी बातें बताते हैं जिनसे हमारा विश्वास मज़बूत होता है। (प्रेषितों 15:32) परमेश्वर को समर्पित ये भाई प्रचार काम में भी अगुवाई लेते हैं, हमारे साथ प्रचार में जाते हैं और गवाही देने के अलग-अलग तरीकों में हमें तालीम देते हैं।
वे निजी तौर पर हमारी हौसला-अफज़ाई करते हैं। प्राचीन चाहते हैं कि हममें से हरेक यहोवा के साथ अपना रिश्ता मज़बूत करे। हमारी मदद करने के लिए वे शायद हमारे घर आएँ या राज-घर में ही हमसे बात करें और बाइबल से हमें तसल्ली दें और हमारा हौसला बढ़ाएँ।—याकूब 5:14, 15.
ज़्यादातर प्राचीनों के पास मंडली के अलावा और भी कई ज़िम्मेदारियाँ होती हैं। उन्हें अपनी नौकरी और परिवार पर भी ध्यान देना और उनके लिए समय निकालना होता है। हमें इन मेहनती भाइयों की दिल से इज़्ज़त करनी चाहिए।—1 थिस्सलुनीकियों 5:12, 13.
मंडली में प्राचीनों की क्या ज़िम्मेदारी होती है?
प्राचीन किन तरीकों से हममें निजी दिलचस्पी दिखाते हैं?
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सहायक सेवकों की क्या भूमिका होती है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 16
सहायक सेवकों की क्या भूमिका होती है?
म्यानमार
सभा का एक कार्यक्रम
सेवा समूह
राज-घर का रख-रखाव
बाइबल बताती है कि मंडली में ज़िम्मेदारियाँ उठाने के लिए मसीही पुरुषों के दो समूह होते हैं: ‘निगरानी करनेवाले और सहायक सेवक।’ (फिलिप्पियों 1:1) आम तौर पर हर मंडली में कई प्राचीन और सहायक सेवक होते हैं। आइए देखें कि सहायक सेवक किस तरह मंडली की सेवा करते हैं।
वे प्राचीनों के निकाय की मदद करते हैं। सहायक सेवकों का यहोवा के साथ मज़बूत रिश्ता होता है, वे भरोसेमंद होते हैं और पूरी लगन से काम करते हैं। उनमें से कुछ जवान होते हैं, तो कुछ बुज़ुर्ग। वे मंडली के छोटे-मोटे मगर ज़रूरी काम करते हैं और ऐसे काम भी जिनमें मेहनत-मशक्कत लगती है। इस तरह की मदद से प्राचीन, मंडली को सिखाने और उसकी देखरेख करने में ज़्यादा ध्यान दे पाते हैं।
वे ज़रूरी मदद देते हैं। सहायक सेवकों में से कुछ भाई, ‘मददगार’ की भूमिका निभाते हैं और सभाओं में आनेवाले सभी लोगों का स्वागत करते हैं। दूसरे भाइयों को शायद साउंड सिस्टम सँभालने, साहित्य बाँटने, मंडली का हिसाब-किताब रखने और भाई-बहनों को प्रचार का इलाका देने का काम सौंपा जाए। इसके अलावा, वे राज-घर के रख-रखाव में भी हाथ बँटाते हैं। कभी-कभी प्राचीन उन्हें मंडली के बुज़ुर्ग भाई-बहनों की मदद करने के लिए कह सकते हैं। सहायक सेवकों को जो भी ज़िम्मेदारी दी जाती है, वे उसे खुशी-खुशी पूरा करते हैं। इस वजह से भाई-बहनों की नज़र में उनकी इज़्ज़त बढ़ जाती है।—1 तीमुथियुस 3:13.
वे मसीही पुरुष होने का एक अच्छा उदाहरण रखते हैं। सहायक सेवकों को उनके अच्छे मसीही गुणों की वजह से चुना जाता है। वे सभाओं में जिस तरह अपना भाग पेश करते हैं, उससे हमारा विश्वास मज़बूत होता है। प्रचार काम में उनकी अच्छी मिसाल देखकर हमारा भी जोश दुगुना हो जाता है। वे प्राचीनों को अच्छा सहयोग देते हैं, जिससे मंडली की एकता और खुशी बढ़ती जाती है। (इफिसियों 4:16) समय के चलते, सहायक सेवक भी प्राचीन की ज़िम्मेदारी उठाने के योग्य बन सकते हैं।
सहायक सेवकों में क्या खूबियाँ होती हैं?
मंडली का काम-काज अच्छी तरह चलता रहे, इसके लिए सहायक सेवक क्या करते हैं?
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