क्या आप पायनियर सेवा कर सकते हैं?
1 “मैं कोई और काम करने की सोच भी नहीं सकता। मैं तो कहता हूँ ऐसा कोई काम नहीं जो मुझे इतनी खुशी दे सके।” यह बात किसने कही? पूरे समय की सेवा कर रहे एक मसीही ने। इस पायनियर की तरह सैकड़ों-हज़ारों यहोवा के साक्षी अपनी ज़िंदगी का ज़्यादा-से-ज़्यादा समय और ताकत पूरे समय की सेवा में लगा रहे हैं। और इससे उन्हें बेहद खुशी मिल रही है। क्या आपने प्रार्थना करके कभी पायनियर सेवा करने के बारे में सोचा है? हमने अपनी पूरी ज़िंदगी यहोवा को समर्पित की है, इसलिए यह सोचना ज़रूरी है कि क्या हम राज की खुशखबरी फैलाने में पूरा-पूरा हिस्सा लेंगे या नहीं। तो क्यों न आगे दिए कुछ सवालों पर गौर करें, जो पायनियर सेवा के बारे में अकसर लोग पूछते हैं।
सवाल 1: “कुछ लोग कहते हैं कि पायनियर सेवा हर किसी के बस की बात नहीं। तो मैं कैसे जान सकता हूँ कि मैं पायनियर सेवा कर सकता हूँ या नहीं?”
2 आप पायनियर सेवा कर सकते हैं या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपके हालात कैसे हैं और आप पर क्या-क्या ज़िम्मेदारियाँ हैं। ऐसे बहुत-से भाई-बहन हैं जिनकी सेहत या मौजूदा हालात उन्हें प्रचार में हर महीने 70 घंटे करने की इजाज़त नहीं देते। इसलिए अपने हालात के मुताबिक वे अपना भरसक करने की कोशिश करते हैं। जैसे ही उन्हें मौका मिलता है वे साल में एक महीने या उससे ज़्यादा समय के लिए सहयोगी पायनियर सेवा करते हैं। और इस तरह वह खुशी पाते हैं जो अपनी सेवा बढ़ाने से मिलती है। (गला. 6:9) उनके हालात भले ही उन्हें फिलहाल पायनियर सेवा करने की इजाज़त नहीं देते, मगर वे पायनियरों जैसा जज़्बा ज़रूर दिखाते हैं। खुशखबरी के जोशीले प्रचारक होने के नाते वे मंडली के लिए आशीष हैं।
3 वहीं दूसरी तरफ बहुत-से ऐसे भाई-बहन हैं, जिन पर इतनी ज़िम्मेदारियाँ नहीं हैं। वे रोज़मर्रा के कामों में थोड़ा-बहुत फेरबदल करके पायनियर सेवा कर रहे हैं और इससे उन्हें खुशी मिल रही है। क्या आप भी ऐसा कर सकते हैं? क्या आप एक जवान हैं और आपकी स्कूल की पढ़ाई खत्म हो चुकी है? क्या आप ऐसी पत्नी हैं, जिसका पति अकेले घर की ज़रूरतें पूरी कर सकता है? क्या आप शादीशुदा हैं और आपके बच्चे बड़े हो गए हैं? क्या आप नौकरी से रिटायर हो चुके हैं? हालात चाहे जैसे भी हों, पायनियर सेवा करने या न करने का फैसला हर व्यक्ति को खुद करना है। लेकिन सवाल है, क्या आप पायनियर सेवा कर सकते हैं?
4 शैतान इस दुनिया की चकाचौंध से हमें अंधा करने की कोशिश करता है, ताकि हम सच्चाई की राह से भटक जाएँ और सिर्फ अपने लिए जीएँ। लेकिन अगर हम इस दुनिया का हिस्सा न होने की ठान लें, तो यहोवा हमारी मदद करेगा। उसकी मदद से हम परमेश्वर के राज को ज़िंदगी में पहली जगह दे पाएँगे और परमेश्वर की सेवा से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ लेने के काबिल बन पाएँगे। अगर मुमकिन हो, तो क्यों न आप अपनी ज़िंदगी में थोड़ा-बहुत फेरबदल करके पायनियर सेवा करें?
सवाल 2: “क्या मैं पायनियर सेवा करने के साथ-साथ अपनी ज़रूरतें पूरी कर पाऊँगा?”
5 यह सच है कि आज कई देशों में रोज़ी-रोटी कमाने के लिए भाई-बहनों को पहले के मुकाबले ज़्यादा समय काम करना पड़ता है। फिर भी बहुत-से भाई-बहन सालों से पायनियर सेवा कर रहे हैं और यहोवा उनकी ज़रूरतें पूरी कर रहा है। एक कामयाब पायनियर होने के लिए विश्वास और त्याग की भावना होना ज़रूरी है। (मत्ती 17:20) भजन 34:10 यकीन दिलाता है कि “यहोवा के खोजियों को किसी भली वस्तु की घटी न होगी।” जो कोई पायनियर सेवा शुरू करता है उसे इस बात का पूरा भरोसा होना चाहिए कि यहोवा उसकी ज़रूरतें पूरी करेगा। वह दुनिया-भर में हर वफादार पायनियर की ज़रूरतें पूरी कर रहा है! (भज. 37:25) लेकिन 2 थिस्सलुनीकियों 3:8, 10 और 1 तीमुथियुस 5:8 में दिए सिद्धांत ध्यान में रखते हुए पायनियर यह उम्मीद नहीं करते कि दूसरे भाई-बहन पैसों से उनकी मदद करें।
6 जो पायनियर सेवा करने की सोच रहे हैं, उन्हें “पहले बैठकर इसमें लगनेवाले खर्च का हिसाब . . . लगाना” चाहिए, ठीक जैसे यीशु ने कहा था। (लूका 14:28) ऐसा करके आप समझदारी से काम ले रहे होंगे। उन भाई-बहनों से बात कीजिए जो सालों से पायनियर सेवा कर रहे हैं। उनसे पूछिए कि यहोवा कैसे उनकी देखभाल कर रहा है। आपके सर्किट निगरान को पूरे समय की सेवा में काफी अनुभव है। उनसे बात कीजिए। उन्हें आपको सुझाव देने में बेहद खुशी होगी कि आप पूरे-समय की सेवा कैसे अच्छी तरह कर सकते हैं।
7 हम जिस दुनिया में जी रहे हैं वहाँ ज़्यादा-से-ज़्यादा लोग ऐशो-आराम की चीज़ें बटोरने में लगे हैं। इसलिए आज हम पर दुनिया के साँचे में ढलने का दबाव बहुत ज़्यादा है। लेकिन अगर हमारे दिल में पूरे समय की सेवा के लिए गहरी कदर होगी, तो हम थोड़ी-बहुत चीज़ों में भी खुश रहेंगे। (1 तीमु. 6:8) जो पायनियर सादा जीवन जीते हैं, उनके पास पायनियर सेवा के लिए ज़्यादा समय होता है। यह समय वे दूसरों को सच्चाई सिखाने में लगाते हैं, जिससे उन्हें खुशी मिलती है और परमेश्वर के साथ उनका रिश्ता मज़बूत होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे संन्यासियों की तरह जीते हैं, बल्कि अगर उनकी बुनियादी ज़रूरतें पूरी हो रही हैं, तो वे उसी में संतुष्ट रहते हैं। नतीजा, वे पायनियर सेवा से मिलनेवाली आशीषों का लुत्फ उठाते हैं।
8 अगर सच में आपको यकीन है कि हम आखिरी दिनों में जी रहे हैं और लोगों के पास बहुत कम वक्त बचा है, तो आप हर मौके पर लोगों को खुशखबरी सुनाने के लिए तैयार रहेंगे, फिर चाहे आपको कोई भी त्याग क्यों न करना पड़े। तो फिर अपनी आर्थिक हालत पर दोबारा गौर कीजिए और मामले को यहोवा पर छोड़ दीजिए। इससे शायद आपको लगे कि आप पूरे समय की सेवा कर सकते हैं। पायनियर सेवा के लिए भले ही आपको कुछ सुख-सुविधाएँ त्यागनी पड़ें, मगर यकीन रखिए यहोवा आपको ढेरों आशीषें देगा।—भजन 145:16.
सवाल 3: “एक जवान होने के नाते किसी नौकरी-पेशे में अपना सारा समय लगाने के बजाय यह क्यों ज़रूरी है कि मैं पायनियर सेवा करूँ?”
9 जब आप अपनी स्कूल की पढ़ाई खत्म करनेवाले होते हैं, तो ज़ाहिर-सी बात है कि आप अपने भविष्य के बारे में सोचेंगे। आप चाहेंगे कि आपकी ज़िंदगी खुशहाल और सुरक्षित हो और आप उससे पूरी तरह संतुष्ट रहें। आपके टीचर शायद आपको मोटी तनख्वाह वाली नौकरी करने का बढ़ावा दें, जिसके लिए कई साल कॉलेज की पढ़ाई करने की ज़रूरत है। मगर बाइबल से तालीम पाया आपका ज़मीर शायद आपसे कहे कि आपको पूरे तन-मन से यहोवा की सेवा करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। (सभो. 12:1) शायद आप आगे चलकर शादी करके अपना घर बसाने की भी सोचें। आप क्या फैसला करेंगे?
10 ज़िंदगी के इस मोड़ पर आप जो फैसले लेंगे उसका असर आपके पूरे भविष्य पर पड़ सकता है। अगर आप बपतिस्मा पाए हुए यहोवा के साक्षी हैं, तो इसका मतलब आपने अपनी पूरी ज़िंदगी यहोवा के हवाले कर दी है। (इब्रा. 10:7) तो फिर स्कूल की पढ़ाई खत्म करने बाद, अपना समय पूरे समय की नौकरी में लगाने के बजाय, क्यों न उसे पायनियर सेवा में लगाएँ? जिन्होंने स्कूल की पढ़ाई के काफी समय बाद पायनियर सेवा शुरू की, वे आज पछताते हैं कि उन्होंने पायनियर सेवा पहले ही क्यों नहीं शुरू की। तो आप क्या फैसला लेंगे? अगर आप पायनियर सेवा से मिलनेवाली खुशी का स्वाद लेना चाहते हैं, तो क्यों न कुछ महीने सहयोगी पायनियर सेवा करके देखें? इससे आपको यह भी पता चलेगा कि आप पूरे समय की सेवा कर पाएँगे या नहीं। और आप यह फैसला कर पाएँगे कि आपको ज़िंदगी में क्या करना चाहिए।
11 जवान होने के नाते, जब तक आप अविवाहित रह सकते हैं, तब तक इस मौके का पूरा-पूरा फायदा उठाइए। यानी पूरे समय की सेवा करके उससे मिलनेवाली आशीषों का आनंद लीजिए। अगर आप आगे चलकर शादी करने की सोच रहें हैं, तो बेहतर होगा कि आप पायनियर सेवा करें। यह आपको एक अच्छा पति या पत्नी बनने के लिए तैयार करेगी। समय के गुज़रते आप एक समझदार और ज़िम्मेदार इंसान बनेंगे और परमेश्वर के साथ आपका रिश्ता मज़बूत होगा। फिर हो सकता है आप अपने जैसी सोच रखनेवाले व्यक्ति से शादी करके दोनों मिलकर पायनियर सेवा जारी रखें। जिन जोड़ों ने मिलकर पायनियर सेवा की है, उन्हें आगे चलकर सर्किट काम करने या मिशनरी सेवा करने का खास सम्मान मिला है। ऐसा सम्मान, जिससे ज़िंदगी में सच्ची खुशी और संतोष मिलता है!
12 आप चाहे थोड़े समय पायनियर सेवा करें या लंबे समय तक, एक बात तय है इससे आप पूरी तरह शिक्षित हो जाएँगे और ऐसी बेहतरीन तालीम पाएँगे जो दुनिया का कोई और नौकरी-पेशा नहीं दे सकता। पायनियर सेवा आपको अनुशासन में रहना, निजी तौर पर व्यवस्थित होना, अलग-अलग लोगों से पेश आना, यहोवा पर भरोसा करना, सब्र दिखाना और भलाई करना सिखाती है। ये ऐसे गुण हैं जो आपको बड़ी-बड़ी ज़िम्मेदारियाँ लेने के लिए तैयार करते हैं।
13 आज हालात बद-से-बदतर होते जा रहे हैं। इस दुनिया का कोई भरोसा नहीं, पल-भर में सबकुछ बदल सकता है। मगर हम यहोवा के वादों पर पूरा भरोसा रख सकते हैं। उसने जो कहा वह कभी नहीं बदल सकता। उसने आपके सामने एक शानदार भविष्य रखा है। तो फिर क्यों न आप अभी, आज ही गहराई से सोचें कि आनेवाले दिनों में आप क्या करेंगे? पायनियर सेवा कितना बड़ा सम्मान है इस बारे में अच्छी तरह सोचिए। अगर आप नौकरी-पेशे में अपना सारा समय लगाने के बजाय, पायनियर सेवा करते हैं, तो आगे चलकर आपको पछताना नहीं पड़ेगा।
सवाल 4: “क्या पायनियरों पर हमेशा घंटे पूरे करने का दबाव नहीं रहता? अगर मैं अपने घंटे पूरे न कर पाऊँ तब क्या?”
14 जब आप पायनियर सेवा के लिए अर्ज़ी भरते हैं, तो आपको इस सवाल का जवाब देना होता है, “क्या आपने अपने दूसरे काम-काज वगैरह के लिए अच्छी योजना बनायी है, ताकि आप साल में 840 घंटों की माँग पूरी कर सकें?” यह माँग पूरी करने के लिए आपको हर दिन करीब ढाई घंटे सेवा में बिताने होंगे। ज़ाहिर है इसके लिए आपको एक अच्छा शेड्यूल बनाना होगा और खुद को अनुशासन में रखना होगा। बहुत-से पायनियर कुछ ही महीनों में खुद को एक अच्छे शेड्यूल में ढाल लेते हैं।
15 सभोपदेशक 9:11 कहता है, “सब समय और संयोग के वश में” हैं। इसलिए गंभीर बीमारी या किसी और वजह से एक पायनियर हो सकता है घंटों की माँग पूरी करने में पीछे रह जाए। अगर ऐसी कोई समस्या सेवा सालa की शुरूआत में आती है और वह लंबे समय तक नहीं रहती, तो शेड्यूल में बस थोड़ा फेरबदल करने की ज़रूरत है। आप हर दिन थोड़ा ज़्यादा घंटे करके घंटों की यह कमी पूरी कर सकते हैं। लेकिन मान लीजिए आपके सामने कोई गंभीर समस्या तब आती है, जब सेवा साल खत्म होने के कुछ ही महीने रह गए हैं और आप घंटों की माँग पूरी नहीं कर सकते, तब क्या किया जा सकता है?
16 मान लीजिए आप बीमार हो जाते हैं और आपको ठीक होने में कुछ महीने लग सकते हैं या किसी और खास वजह से आप घंटों की माँग पूरी नहीं कर सकते, तो मंडली की सेवा समिति के किसी सदस्य से बात कीजिए। उसे अपनी समस्या खुलकर बताइए। अगर सेवा समिति को लगता है कि घंटों की माँग में जो कमी रह गयी है, उस बारे में चिंता किए बगैर आप पायनियर सेवा जारी रख सकते हैं, तो समिति यह फैसला ले सकती है। सचिव, पब्लिशर कार्ड पर लिखेगा कि आपको घंटों की कमी पूरी करने की ज़रूरत नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि आपको सेवा से छुट्टी दी गयी है, बल्कि आपके हालात ध्यान में रखकर आपको खास रिआयत दी गयी है।
17 जो भाई-बहन सालों से पायनियर सेवा कर रहे हैं, वे सेवा साल की शुरूआत में ही ज़्यादा घंटे कर लेते हैं। वे पायनियर सेवा को सबसे ज़्यादा अहमियत देते हैं, इसलिए वे जानते हैं कि कभी-कभी गैर-ज़रूरी कामों को छोड़ना ज़रूरी है। अगर एक पायनियर अच्छा शेड्यूल न बनाने या शेड्यूल के मुताबिक चलने में ढिलाई बरतने की वजह से घंटे पूरे करने में पीछे रह जाता है, तो वह यह उम्मीद नहीं कर सकता कि उसे खास रिआयत दी जाए। इसके बजाय, उसे यह समझना चाहिए कि घंटों की माँग पूरी करना उसकी ज़िम्मेदारी है।
18 पायनियर की ज़िंदगी में कभी-कभी ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं, जिन्हें बदलना उसके बस में नहीं होता। उसे शायद लगे कि खराब सेहत या परिवार में कोई ज़िम्मेदारी बढ़ने से या किसी और वजह से वह लंबे समय तक घंटों की माँग पूरी नहीं कर पाएगा। ऐसे में समझदारी यही होगी कि आप पायनियर सेवा रोककर प्रचारक के तौर पर सेवा करें और जब कभी आपके लिए मुमकिन हो, तो सहयोगी पायनियर सेवा करें। अगर कोई अपने हालात की वजह से लंबे समय तक घंटों की माँग पूरी नहीं कर पाता, तो ऐसा कोई इंतज़ाम नहीं है कि वह पायनियर बना रह सके।
सवाल 5: “मैं ज़िंदगी में कुछ करना चाहता हूँ, ऐसा कुछ जिससे मुझे खुशी मिले। क्या पायनियर सेवा से मुझे वह खुशी मिलेगी?”
19 सच्ची खुशी खास तौर से इस बात पर निर्भर करती है कि एक व्यक्ति का यहोवा के साथ एक निजी और करीबी रिश्ता हो। साथ ही, उसे यकीन हो कि वह वफादारी से यहोवा की सेवा कर रहा है। यीशु ने “उस खुशी के लिए जो उसके सामने थी, यातना की सूली पर मौत सह ली।” (इब्रा. 12:2) उसे परमेश्वर की मरज़ी पूरी करने से खुशी मिली। (भज. 40:8) हमें इस दुनिया में सच्ची खुशी तभी मिल सकती है जब हम अपना ज़्यादा-से-ज़्यादा वक्त यहोवा की उपासना से जुड़े कामों में लगाएँगे। उपासना से जुड़े कामों में लगे रहने से हमें लगता है कि हमने ज़िंदगी में कुछ किया है। वह इसलिए कि हमें अंदर से एहसास होता है कि हम सही काम कर रहे हैं। यीशु ने कहा, देने से खुशी मिलती है। तो जब हम दूसरों को यह सिखाने में अपना समय और ताकत लगाते हैं कि वे हमेशा की ज़िंदगी कैसे पा सकते हैं, तो हम मानो दूसरों की खातिर खुद को दे रहे होते हैं। देने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है!—प्रेषि. 20:35.
20 जिस पायनियर का ज़िक्र लेख की शुरूआत में किया गया है वह कहता है, “जिस व्यक्ति के साथ आपने अध्ययन किया हो, वह जब पूरे जोश के साथ यहोवा की सेवा करता है, तो उसे देखकर मिलनेवाली खुशी से बढ़कर दुनिया में और क्या हो सकता है? वाकई परमेश्वर के वचन में ज़बरदस्त ताकत है। इसकी मदद से जब लोग अपनी ज़िंदगी में बदलाव करते हैं, ताकि वे यहोवा को खुश कर सकें, तो यह देखकर हमें बहुत खुशी और हौसला मिलता है!” (15 अक्टूबर 1997 की प्रहरीदुर्ग का पेज 18-23 देखिए।) तो आप किस तरह की खुशी पाना चाहते हैं? वह खुशी जो यह दुनिया देती है या एक पायनियर के तौर पर परमेश्वर की सेवा से मिलनेवाली खुशी? इस दुनिया से मिलनेवाली खुशी पल-भर की होती है, जबकि परमेश्वर की सेवा से मिलनेवाली खुशी हमेशा बरकरार रहती है। यकीन मानिए, पायनियर सेवा आपको एहसास दिलाएगी कि आपने वाकई ज़िंदगी में कुछ किया है!
सवाल 6: “अगर हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए पायनियर सेवा ज़रूरी नहीं है, तो क्या यह मेरा अपना फैसला नहीं कि मैं पायनियर सेवा करूँ या न करूँ?”
21 बेशक, पायनियर सेवा करना या न करना आपका अपना फैसला है। और आपके हालात सिर्फ यहोवा अच्छी तरह जान सकता है। (रोमि. 14:4) इसलिए उसका आपसे यह उम्मीद करना सही है कि आप उसकी सेवा अपने पूरे दिल, पूरी जान, पूरे दिमाग और पूरी ताकत से करें। (मर. 12:30; गला. 6:4, 5) दूसरी बात, वह खुशी-खुशी देनेवाले से प्यार करता है, एक ऐसे इंसान से जो दिल से उसकी सेवा करता है, न कि कुड़कुड़ाते हुए या किसी दबाव में आकर। (2 कुरिं. 9:7; कुलु. 3:23) रही बात पायनियर सेवा की, तो इसे करने की वजह यह होनी चाहिए कि आप यहोवा और लोगों से प्यार करते हैं। (मत्ती 9:36-38; मर. 12:30, 31) अगर आप वाकई ऐसा महसूस करते हैं तो आप ज़रूर पायनियर सेवा के बारे में गहराई से सोचेंगे।
सवाल 7: “प्राचीन कैसे पायनियरों की निजी तौर पर मदद कर सकते हैं?”
22 मंडली के सभी प्राचीनों को और खासकर सेवा समिति के प्राचीनों को पायनियरों में निजी दिलचस्पी दिखानी चाहिए। आगे दिए सवाल यह जानने में प्राचीनों की मदद करेंगे कि वे किन पहलुओं में पायनियरों की मदद कर सकते हैं: क्या वे प्रचार के अलग-अलग पहलुओं में असरदार तरीके से हिस्सा ले पाते हैं, या उन्हें असरदार तरीके से वापसी भेंट करने और बाइबल अध्ययन चलाने में मदद की ज़रूरत है? क्या वे पवित्र शक्ति के गुण ज़ाहिर कर रहे हैं और शांति और एकता में रहकर काम कर रहे हैं? (रोमि. 14:19) क्या उन्हें एक अच्छा शेड्यूल बनाने में मदद की ज़रूरत है? क्या उनकी बातों वगैरह से ज़ाहिर होता है कि अच्छी तरह निजी अध्ययन करना उनकी आदत है? क्या वे सभाओं में हिस्सा लेते हैं? जो प्राचीन पायनियरों की मदद करने में अपनी तरफ से भरसक करना चाहते हैं, वे पायनियरों से लगातार बातचीत करेंगे और उन्हें ज़रूरी मदद देंगे।
23 प्राचीनों से उम्मीद की जाती है कि वे पायनियरों के लिए ठहरायी गयी माँगों के सिलसिले में ढिलाई न बरतें, जिसमें घंटों की माँग पूरी करना भी शामिल है। लेकिन अगर पायनियर को ऐसी समस्याओं से जूझना पड़ता है जो शायद कुछ समय के लिए हों और इस वजह से वह घंटों की माँग पूरी करने में पीछे रह जाए, तो सतर्क और परवाह करनेवाले प्राचीन फौरन उसकी मदद करेंगे। वे उससे यह नहीं कहेंगे कि अगर वह तरक्की नहीं करेगा तो उसे पायनियर सेवा छोड़नी पड़ेगी। उन्हें पायनियर की मदद करने में देर नहीं करनी चाहिए, नहीं तो छोटी-सी समस्या महीनों तक खिंच सकती है। और नतीजा, शायद एक पायनियर घंटों की माँग पूरी करने में इतना पीछे हो जाए कि वह निराश होकर पायनियर सेवा छोड़ना चाहे।
24 पायनियर से बातचीत करने के बाद अगर प्राचीनों को लगता है कि वह जिस समस्या से गुज़र रहा है, वह बस कुछ समय की है और वह सेवा साल के आखिर तक अपने घंटों की कमी पूरी कर सकता है, तो ऐसे में उसे कारगर सुझाव और हौसला देना काफी होगा। लेकिन मान लीजिए एक पायनियर के सामने ऐसे नाज़ुक हालात खड़े हो जाते हैं, जिनसे वह निकल नहीं सकता। इस वजह से वह घंटों की माँग पूरी करने में इतना पीछे रह जाता है कि सेवा साल के आखिर तक घंटों की कमी पूरी नहीं कर सकता। ऐसे में, प्राचीनों को तय करना चाहिए कि क्या उसे खास रिआयत दी जाए या नहीं। अगर उन्हें लगता है कि उसे खास रिआयत देने की ठोस वजह है, तो उन्हें पब्लिशर कार्ड पर इस बारे में लिख देना चाहिए। साथ ही, उन्हें पायनियर को बढ़ावा देना चाहिए कि वह घंटों की माँग पूरी करने के लिए अब से कड़ी मेहनत करे। उसे घंटों की कमी के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए। लेकिन अगर प्राचीनों को लगता है कि समस्या ऐसी है जो लंबे समय तक रहेगी और उसके हालात अब उसे पायनियर सेवा करने की इजाज़त नहीं देते, तो प्राचीन उसे फिलहाल के लिए पायनियर सेवा रोकने की सलाह देंगे और इस बारे में फॉर्म भरकर शाखा-दफ्तर को सूचना देंगे।
सवाल 8: “पायनियर सेवा के योग्य बनने के लिए मुझे क्या करना होगा?”
25 पायनियर सेवा के योग्य बनने के लिए ज़रूरी है कि प्रचारक को बपतिस्मा लिए कम-से-कम छ: महीने हो गए हों और वह नियमित तौर पर प्रचार काम में हिस्सा लेता हो। वह साल-भर में 840 घंटों की माँग पूरी करने के काबिल हो। साथ ही, ज़रूरी है कि उसका चालचलन अच्छा हो और एक प्रचारक के नाते उसने अच्छी मिसाल कायम की हो। (संगठित अध्या. 10 पेज 113-114) इसका क्या मतलब है? जो व्यक्ति पायनियर बनना चाहता है, उसमें प्राचीन किन गुणों पर ध्यान देंगे?
26 अच्छे चालचलन का मतलब है शरीर और मन से शुद्ध रहना। एक पायनियर के लिए ज़रूरी है कि उसका मंडली के अंदर और बाहर, मसीही स्तरों पर चलने के मामले में अच्छा नाम हो। वह पूरे तन-मन से यहोवा की सेवा करता हो। वह अपनी ज़िंदगी में परमेश्वर की पवित्र शक्ति के गुण ज़ाहिर करता हो। एक पायनियर का खास ध्यान राज का प्रचार करने और चेला बनाने के काम पर होना चाहिए। साथ ही, ज़रूरी है कि वह प्रचार में बाइबल का अच्छा इस्तेमाल करने, दिलचस्पी दिखानेवालों से वापसी भेंट करने और बाइबल अध्ययन शुरू करने और चलाने के काबिल हो। पायनियरों को प्रचार सेवा और सभाओं के इंतज़ाम में प्राचीनों का पूरा-पूरा सहयोग देना चाहिए।
27 अगर एक प्रचारक को न्याय-समिति की तरफ से ताड़ना मिली है, या उसे बहिष्कार के बाद बहाल किया गया है, तो इसके पूरे एक साल बाद ही उसे पायनियर सेवा या सहयोगी पायनियर सेवा के लिए मंज़ूरी मिल सकती है। साथ ही, अगर एक प्रचारक पर न्याय-समिति की तरफ से कुछ पाबंदियाँ लगायी गयी हैं, तो जब तक ये पाबंदियाँ हटायी नहीं जातीं, तब तक वह पायनियर सेवा करने के योग्य नहीं हो सकता।
28 क्या यह ज़रूरी है कि पायनियर बनने से पहले एक प्रचारक कुछ महीने सहयोगी पायनियर सेवा करे? नहीं। लेकिन जिसने पहले सहयोगी पायनियर सेवा की हो, उसके लिए पायनियर सेवा के शेड्यूल में खुद को ढालना आसान हो जाता है। और हाँ, जो प्रचारक पायनियर सेवा की अर्ज़ी भर रहा है, उसके बारे में प्राचीनों को काफी हद तक इस बात का यकीन होना चाहिए कि वह हर महीने 70 घंटे कर लेगा और सेवा साल के आखिर तक 840 घंटों की माँग पूरी कर लेगा।
29 जब मंडली का एक सदस्य पायनियर सेवा के लिए फॉर्म भरकर संयोजक को देता है, तो मंडली की सेवा समिति को फौरन इस पर गौर करना चाहिए। अगर समिति का एक प्राचीन, एक या दो हफ्ते के लिए कहीं बाहर गया है, तो समिति के बाकी प्राचीनों को उसके आने का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं। वे उसकी जगह मंडली के किसी दूसरे प्राचीन को शामिल कर सकते हैं। अगर मंडली की सेवा समिति अर्ज़ी मंजूर कर देती है, तो समिति को चाहिए कि शाखा दफ्तर को अर्ज़ी भेजने से पहले प्राचीनों के पूरे निकाय को बताए। इससे यह होगा कि मंडली के दूसरे प्राचीनों ने अगर अर्ज़ी भरनेवाले के बारे में कोई बात गौर की है, तो वे समिति को बता पाएँगे और समिति उस पर ध्यान दे सकेगी।
30 जब कोई पायनियर सेवा के लिए फॉर्म भरकर प्राचीनों को देता है, तो उन्हें उस प्रचारक की पिछले छः महीने की प्रचार रिपोर्ट पर ध्यान देना चाहिए और उसे फॉर्म में भरना चाहिए। प्राचीनों को एक हद तक इस बात का यकीन होना चाहिए कि अर्ज़ी भरनेवाला नियमित तौर पर घंटों की माँग पूरी कर सकता है। एक प्रचारक की छः महीने की प्रचार सेवा के औसत से, शायद इस बात का ठीक-ठीक पता न चले कि वह लंबे समय में कैसी सेवा कर पाएगा। अगर इस दौरान एक या दो महीने उसकी प्रचार सेवा रिपोर्ट बाकी महीनों से काफी अच्छी रही है, क्योंकि इन महीनों में उसने बहुत मेहनत की, तो प्राचीनों को इस पर गौर करना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें तो प्राचीनों को उस प्रचारक की छः महीने की प्रचार सेवा रिपोर्ट के हर पहलू पर ध्यान देना चाहिए। हो सकता है एक प्रचारक के घंटों का औसत बहुत अच्छा हो। लेकिन अगर वह प्रचार सेवा के बाकी पहलुओं में उतना अच्छा नहीं कर रहा है, तो प्राचीन उसे सुझाव दे सकते हैं कि पायनियर बनने से पहले वह उन पहलुओं में सुधार करे। अगर प्राचीनों को लगता है कि वे अभी उसकी अर्ज़ी मंज़ूर नहीं कर सकते, तो उन्हें उसे बताना चाहिए कि वे उसकी अर्ज़ी अभी नहीं भेजेंगे। इसकी वजह भी उसे साफ-साफ बतानी चाहिए। प्राचीनों को उसे यह भी बताना चाहिए कि पायनियर सेवा के योग्य बनने के लिए उसे किन पहलुओं में सुधार करने की ज़रूरत है। कुछ समय बाद अगर प्राचीनों को लगता है कि वे प्रचारक की अर्ज़ी मंज़ूर कर सकते हैं और वे पहलेवाला फॉर्म ही इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उन्हें पायनियर सेवा शुरू करने की तारीख बदल देनी चाहिए।
31 हमें उम्मीद है कि यहाँ जो बातें बतायी गयी हैं उनसे आपको यह जाँचने में मदद मिलेगी कि आप पायनियर सेवा कर सकते हैं या नहीं। क्या आप अपनी ज़िंदगी में थोड़ा-बहुत फेरबदल करके पायनियर सेवा कर सकते हैं? देखिए कि क्या आप एक अच्छा शेड्यूल बनाकर हर हफ्ते प्रचार में औसतन 17 घंटे बिता सकते हैं। अगर ऐसा है, तो यहोवा पर पूरा भरोसा रखिए, उसकी मदद से आप कामयाब हो सकते हैं! उसने वादा किया है, ‘मैं तुम्हारे ऊपर अपरम्पार आशीषों की वर्षा करूँगा।’—मला. 3:10.
32 तो अब आपसे एक सवाल है, “क्या आप पायनियर सेवा कर सकते हैं?” अगर आपका जवाब “हाँ” है तो जल्द ही पायनियर सेवा शुरू करने की एक तारीख तय कीजिए और भरोसा रखिए, यहोवा आपकी ज़िंदगी खुशियों से भर देगा!
[फुटनोट]
a ‘सेवा साल’ सितंबर से शुरू होकर अगले साल के अगस्त में खत्म होता है।