मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका के लिए हवाले
5-11 दिसंबर
ढूँढ़े अनमोल रत्न
इंसाइट-2 पेज 761 पै 3
सुलह
सुलह करने के लिए ज़रूरी कदम। इंसानों ने परमेश्वर का दिल दुखाया है क्योंकि उन्होंने उसका कानून तोड़ा है और अब भी तोड़ रहे हैं। इस वजह से इंसान को परमेश्वर से सुलह करनी चाहिए, न कि परमेश्वर को इंसान से। (भज 51:1-4) इंसान परमेश्वर की बराबरी नहीं कर सकता। सही-गलत के मामले में परमेश्वर के जो स्तर हैं, उन्हें बदला नहीं जा सकता है, न ही उनमें कोई सुधार किया जा सकता है। (यश 55:6-11; मला 3:6; याकू 1:17 से तुलना कीजिए।) सुलह करने के मामले में परमेश्वर इंसानों से जो उम्मीद करता है, उसमें कोई फेरबदल नहीं की जा सकती, न ही उस पर कोई सवाल उठाया जा सकता है या उससे कोई समझौता किया जा सकता है। (अय 40:1, 2, 6-8; यश 40:13, 14 से तुलना कीजिए।) बाइबल के कई अनुवादों में यशायाह 1:18 को कुछ इस तरह लिखा गया है, ‘प्रभु कहता है, “अब आओ; हम आपस में वाद-विवाद करें।”’ (हिंदी—कॉमन लैंग्वेज; अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन) लेकिन इसका सही अनुवाद है, “यहोवा कहता है, ‘आओ हम आपस में मामला सुलझा लें।’” परमेश्वर के साथ इंसान का जो रिश्ता टूटा है, उसका ज़िम्मेदार पूरी तरह इंसान है, न कि परमेश्वर।—यहे 18:25, 29-32 से तुलना कीजिए।
12-18 दिसंबर
पाएँ बाइबल का खज़ाना | यशायाह 6-10
“मसीहा ने भविष्यवाणियाँ पूरी कीं”
प्र07 5/15 पेज 6, अँग्रेज़ी
संकटों से भरी दुनिया में आशा की किरण
आशा की ठोस वजह
यीशु मसीह ने अपने चेलों से कहा, “तुम इस तरह प्रार्थना करना: ‘हे हमारे पिता तू जो स्वर्ग में है, तेरा नाम पवित्र किया जाए। तेरा राज आए। तेरी मरज़ी, जैसे स्वर्ग में पूरी हो रही है, वैसे ही धरती पर भी पूरी हो।’” (मत्ती 6:9, 10) स्वर्ग में कायम परमेश्वर का राज या उसकी सरकार की बागडोर यीशु मसीह के हाथ में है। इसी राज के ज़रिए परमेश्वर धरती पर अपनी हुकूमत बुलंद करेगा।—भजन 2:7-12; दानियेल 7:13, 14.
आज लोग तरह-तरह के दुख और डर का सामना करते हैं। परमेश्वर की मदद के बिना हम इनसे छुटकारा नहीं पा सकते। खुशी की बात है कि परमेश्वर जल्द ही इसके लिए कदम उठाएगा। परमेश्वर ने यीशु मसीह को अपने राज का राजा ठहराया है। उसे यहोवा का नाम पवित्र करने और उसकी हुकूमत बुलंद करने का अधिकार दिया गया है। (मत्ती 28:18) बहुत जल्द उसका राज धरती पर भी होगा और वह इंसानों का हर तरह का डर और चिंता दूर कर देगा। यशायाह 9:6 (एन.डब्ल्यू.) में कुछ ऐसी खास बातें बतायी गयी हैं, जिनसे पता चलता है कि यीशु एक अच्छा शासक होगा। वह हमारी सभी चिंताएँ दूर कर देगा। जैसे, उसके बारे में कहा गया है कि वह “युग-युग का पिता,” “बेजोड़ सलाहकार” और “शांति का शासक” है।
ज़रा इन शब्दों पर ध्यान दीजिए, “युग-युग का पिता।” यीशु के पास ताकत और अधिकार है, साथ ही उसकी यह इच्छा है कि वह अपने फिरौती बलिदान के आधार पर आज्ञा माननेवाले इंसानों को धरती पर हमेशा की ज़िंदगी दे। इसका मतलब, सभी इंसानों को पहले पुरुष आदम से जो पाप और असिद्धता विरासत में मिली है, उससे उन्हें छुटकारा मिल जाएगा। (मत्ती 20:28; रोमियों 5:12; 6:23) मसीह मौत की नींद सो रहे लोगों को भी ज़िंदा करेगा, क्योंकि परमेश्वर ने उसे यह अधिकार दिया है।—यूहन्ना 11:25, 26.
जब यीशु धरती पर था, तब उसने साबित किया कि वह एक “बेजोड़ सलाहकार” है। परमेश्वर के वचन का अच्छा ज्ञान होने और इंसानों का स्वभाव अच्छी तरह समझने की वजह से वह जानता था कि इंसानों की समस्याएँ कैसे हल करनी हैं। स्वर्ग में राजा बनने के बाद भी वह एक “बेजोड़ सलाहकार” के तौर पर काम कर रहा है। वह यहोवा की बातें इंसानों तक पहुँचाने में एक अहम भूमिका निभा रहा है। बाइबल में दर्ज़ उसकी हर सलाह बढ़िया है और उस पर चलने से कभी नुकसान नहीं होता। यह बात जानने से और इस पर विश्वास करने से आप बिना डर और चिंता के ज़िंदगी जी सकते हैं।
यशायाह 9:6 में यीशु को “शांति का शासक” भी कहा गया है। शासक के तौर पर मसीह जल्द ही अपने अधिकार का इस्तेमाल करके हर तरह का भेदभाव दूर कर देगा, जैसे अमीरी-गरीबी, जाति-भेद और राजनीति की वजह से होनेवाला भेदभाव। कैसे? पूरी धरती पर सिर्फ एक सरकार यानी मसीहाई राज लाकर, जिसमें शांति का बसेरा होगा।—दानियेल 2:44.
जब परमेश्वर का राज धरती पर हुकूमत करेगा, तो हर जगह शांति होगी। यह हम यकीन से कैसे कह सकते हैं? यशायाह 11:9 में लिखा है, “मेरे सारे पवित्र पर्वत पर न तो कोई [राज की प्रजा] दु:ख देगा और न हानि करेगा; क्योंकि पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से ऐसी भर जाएगी जैसा जल समुद्र में भरा रहता है।” एक ऐसा वक्त आएगा, जब धरती पर रहनेवाले सभी इंसानों को परमेश्वर का सही ज्ञान होगा और सभी उसकी आज्ञा मानेंगे। यह जानकर क्या आपका दिल खुश नहीं होता? अगर हाँ, तो ‘यहोवा का ज्ञान’ लेने में देर मत कीजिए।
अगर आप यह जानें कि हमारे ज़माने में होनेवाली घटनाओं के बारे में बाइबल क्या सिखाती है और उसमें कैसे उज्ज्वल भविष्य का वादा किया गया है, तो आप परमेश्वर के बारे में सच्चाई जान पाएँगे। इससे आपका विश्वास मज़बूत होगा और आपको हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी। हम आपको बढ़ावा देते हैं कि आप अपने इलाके में यहोवा के साक्षियों से मुफ्त में बाइबल के बारे में सीखें। इस तरह आप अपना डर दूर कर पाएँगे और संकटों से भरी इस दुनिया में सच्ची आशा पा सकेंगे।
ढूँढ़े अनमोल रत्न
इंसाइट-1 पेज 1219
यशायाह
यशायाह का एक और बेटा था, जिसका नाम माँ के गर्भ में आने से पहले ही रख दिया गया था। उसका नाम एक पटिया पर लिखा गया था और इस बात के भरोसेमंद गवाह भी थे। ऐसा मालूम होता है कि उसके जन्म तक यह बात गुप्त रखी गयी थी। फिर जब गवाह आकर इस बात की गवाही देते कि यशायाह ने उसके जन्म के बारे में जो भविष्यवाणी की थी, वह सच है, तब सबको पता चलता कि यह घटना एक भविष्यवाणी से जुड़ी है। परमेश्वर की आज्ञा से उस लड़के का जो नाम रखा गया, वह था महेर्शालाल्हाशबज, जिसका मतलब हो सकता है, “हे लूट, फुर्ती कर! वह लूट के माल की तरफ फुर्ती से गया। या, लूट के माल की तरफ फुर्ती से जाना, वह लूट के माल की तरफ फुर्ती से गया।” भविष्यवाणी में कहा गया था, इससे पहले कि वह लड़का “बापू” और “माँ” पुकारना सीखे, यहूदा पर जो खतरा मँडरा रहा है, वह दूर कर दिया जाएगा। यह खतरा सीरिया और दस गोत्रोंवाले इसराएल राज्य की तरफ से था, जिन्होंने मिलकर यहूदा को घेर रखा था।—यश 8:1-4.
भविष्यवाणी में बताया गया था कि यहूदा पर से खतरा जल्द ही टल जाएगा। ऐसा हुआ भी, जब अश्शूर के राजा ने यहूदा को सीरिया के राजा रसीन और इसराएल के राजा पेकह से बचाया। अश्शूरियों ने दमिश्क को अपने कब्ज़े में कर लिया और बाद में ईसा पूर्व 740 में इसराएल राज्य को लूट लिया और उसे तबाह कर दिया। इस तरह उस लड़के के नाम से जुड़ी भविष्यवाणी पूरी हुई। (2रा 16:5-9; 17:1-6) लेकिन यहूदा के राजा आहाज ने यहोवा पर भरोसा करने के बजाय, अश्शूर के राजा को रिश्वत देकर उससे मदद माँगी, ताकि वह सीरिया और इसराएल राज्य से यहूदा राज्य की हिफाज़त करे। इस वजह से वही हुआ जैसा यशायाह ने चेतावनी दी थी। यहोवा ने अश्शूर को यहूदा के खिलाफ होने दिया और उसने यहूदा पर चढ़ाई की और वह यरूशलेम तक जा पहुँचा।—यश 7:17-20.
19-25 दिसंबर
पाएँ बाइबल का खज़ाना | यशायाह 11-16
“पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से भर जाएगी”
प्र13 6/1 पेज 7, अँग्रेज़ी
बिना भेदभाव की दुनिया—कब होगी?
परमेश्वर का राज हर तरह का भेदभाव खत्म कर देगा
बाइबल के बारे में सीखने पर हो सकता है कि हम भेदभाव से जुड़ी भावनाओं पर काबू पा लें और उसे हम जड़ से निकाल भी फेंकें, फिर भी इसका पूरी तरह से नामो-निशान तभी मिटेगा, जब हमें दो बातों से छुटकारा मिलेगा। पहली बात है, पाप और असिद्धता। बाइबल साफ बताती है, “निष्पाप तो कोई मनुष्य नहीं है।” (1 राजा 8:46) इस वजह से हम चाहे लाख कोशिश कर लें, हमारे अंदर एक लड़ाई चलती रहती है जैसे प्रेषित पौलुस के साथ भी होता था। इस बारे में उसने लिखा, “जब मैं अच्छा करना चाहता हूँ, तो अपने अंदर बुराई को ही पाता हूँ।” (रोमियों 7:21) इस तरह हम कितनी ही कोशिश क्यों न कर लें, हमारा असिद्ध दिल हमें ‘घातक विचारों’ की ओर ले जाता है, जिससे भेदभाव पैदा होता है।—मरकुस 7:21.
दूसरी बात, दुनिया में शैतान का भी असर है। बाइबल उसे “हत्यारा” बताती है और यह भी कहती है कि वह “सारे जगत को गुमराह करता है।” (यूहन्ना 8:44; प्रकाशितवाक्य 12:9) इससे हम समझ पाते हैं कि क्यों आज हर जगह पक्षपात होता है और क्यों इंसान उस वक्त कुछ नहीं कर पाता, जब कट्टरपंथी दूसरों के साथ ज़बरदस्ती करते हैं या जाति संहार होता है या फिर अमीरी-गरीबी, जाति, धर्म, समाज में ओहदे या रंग-रूप की वजह से भेदभाव किया जाता है।
इसका मतलब है कि भेदभाव का नामो-निशान मिटाने से पहले पाप, असिद्धता और शैतान के असर को खत्म करना ज़रूरी है। बाइबल में बताया गया है कि परमेश्वर का राज ये सारे काम करेगा।
यीशु मसीह ने अपने शिष्यों को इस तरह प्रार्थना करना सिखाया, “तेरा राज आए। तेरी मरज़ी, जैसे स्वर्ग में पूरी हो रही है, वैसे ही धरती पर भी पूरी हो।” (मत्ती 6:10) परमेश्वर के राज के ज़रिए ही हर तरह की नाइंसाफी और भेदभाव मिटा दिया जाएगा।
जब परमेश्वर का राज धरती पर हुकूमत करेगा, तो शैतान को “पकड़ लिया” जाएगा यानी उस पर रोक लगा दी जाएगी ताकि वह “राष्ट्रों को फिर गुमराह न कर सके।” (प्रकाशितवाक्य 20:2, 3) फिर “नयी पृथ्वी” होगी यानी धरती पर ऐसे लोगों का समाज होगा, जिनके बीच “न्याय का बसेरा होगा।”—2 पतरस 3:13.
धीरे-धीरे सभी इंसान सिद्ध किए जाएँगे, उन्हें पाप से छुटकारा मिलेगा। (रोमियों 8:21) परमेश्वर के राज की प्रजा होने के नाते वे एक-दूसरे को ‘न तो कोई दुःख देंगे और न हानि’ पहुँचाएँगे। इसकी वजह है कि ‘पृथ्वी यहोवा के ज्ञान से भर जाएगी।’ (यशायाह 11:9) उस वक्त सभी इंसान यहोवा के स्तरों के बारे में सीखेंगे और उसके जैसे गुण पैदा करेंगे। इसके बाद किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होगा, क्योंकि “परमेश्वर भेदभाव नहीं करता।”—रोमियों 2:11.