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भाग 4

“परमेश्‍वर प्रेम है”

यहोवा में जितने भी गुण पाए जाते हैं, उनमें सबसे श्रेष्ठ है, प्रेम। उसका यही गुण हमें सबसे ज़्यादा उसकी तरफ खींचता है। यह गुण एक रत्न जैसा है, जिसे हम किसी भी तरफ से देखें इसकी खूबसूरती का एक अलग ही नज़ारा सामने आता है। जब हम इस गुण के अलग-अलग पहलुओं की जाँच करेंगे, तो हम जान पाएँगे कि क्यों बाइबल यह कहती है कि “परमेश्‍वर प्रेम है।” —1 यूहन्‍ना 4:8.

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