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  • ‘अटल कृपा’ अपनी बोली में ज़ाहिर कीजिए
    प्रहरीदुर्ग—2010 | अगस्त 15
    • 18, 19. संगी मसीहियों के साथ व्यवहार करते वक्‍त क्यों हमारी बोली में अटल कृपा की शिक्षा झलकनी चाहिए?

      18 भाई-बहनों के साथ हमारे व्यवहार में हमेशा सच्चा प्यार दिखायी देना चाहिए। हालात चाहे कितने भी मुश्‍किल क्यों न हों, अटल कृपा हमारी ज़ुबान पर हमेशा झलकनी चाहिए। जब इसराएलियों के बीच से अटल कृपा “सवेरे उड़ जानेवाली ओस के समान” गायब हो गयी, तो यहोवा बहुत नाराज़ हुआ। (होशे 6:4, 6) वहीं दूसरी तरफ अगर अटल कृपा दिखाना हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बना जाता है तो इससे यहोवा बहुत खुश होता है। गौर कीजिए कि जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें यहोवा कैसी आशीषें देता है।

  • समय का पाबंद क्यों हों?
    प्रहरीदुर्ग—2010 | अगस्त 15
    • समय का पाबंद क्यों हों?

      समय का पाबंद होना हमेशा आसान नहीं होता। हम समय पर पहुँचना चाहते हैं मगर सफर लंबा होता है, सड़क पर गाड़ियों की भरमार होती है या हमें बहुत-से काम निपटाने होते हैं जिस वजह से देर हो ही जाती है। फिर भी समय का पाबंद होना बहुत ज़रूरी है। उदाहरण के लिए अगर एक इंसान काम की जगह पर हमेशा समय पर पहुँचता है, तो लोग उस पर भरोसा करते हैं और उसे मेहनती समझते हैं। दूसरी तरफ अगर एक इंसान देर से पहुँचता है तो उससे दूसरों के काम पर तो असर पड़ता ही है साथ ही वह खुद भी अच्छा काम नहीं कर पाएगा। अगर एक विद्यार्थी देर से पहुँचता है तो उसकी कोई क्लास छूट सकती है और उसकी उन्‍नति में बाधा आ सकती है। एक इंसान के अस्पताल या दाँतों के डॉक्टर के पास देर से पहुँचने पर इसका असर उसके इलाज पर पड़ सकता है।

      कुछ जगहों पर समय का पाबंद होना ज़रूरी नहीं समझा जाता। अगर हमारे यहाँ भी लोगों का यही रवैया है तो इसका असर हम पर भी हो सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि हम समय पर पहुँचने की इच्छा बढ़ाएँ। इसकी अहमियत पर ध्यान देने से हम हर जगह समय पर पहुँचने की कोशिश करेंगे। आइए गौर करें कि हमें क्यों समय का पाबंद होना चाहिए? अगर समय पर पहुँचना हमें मुश्‍किल लगता है तो हम क्या कर सकते हैं? समय पर पहुँचने से हम किन फायदों की उम्मीद कर सकते हैं?

      यहोवा समय का पाबंद

      हमारे समय का पाबंद होने का सबसे बड़ा कारण है कि हम उस परमेश्‍वर की मिसाल पर चलना चाहते हैं जिसकी हम उपासना करते हैं। (इफि. 5:1) समय का पाबंद होने

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