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बाइबल हमें क्या सिखाती है?
bhs अध्या. 19 पेज 197-206

अध्याय उन्‍नीस

यहोवा के करीब रहिए

1, 2. इन मुश्‍किल हालात में हम मदद के लिए किसके पास जा सकते हैं?

मान लीजिए, आप सड़क पर चल रहे हैं। अचानक मौसम बदल जाता है। बिजली कड़कने लगती है और तेज़ गरजन होने लगता है। फिर ज़ोरों की बारिश शुरू हो जाती है। आप छिपने के लिए कोई जगह ढूँढ़ते हैं। तभी आपको एक जगह नज़र आती। आप दौड़कर वहाँ जाते हैं और तूफान से बच जाते हैं। ऐसे में आप कितनी राहत की साँस लेंगे!

2 आज दुनिया के हालात भी ऐसे ही हैं। ये बद-से-बदतर होते जा रहे हैं। आप शायद सोचें, ‘इन सबसे बचने के लिए मैं किसके पास जाऊँ?’ भजन की किताब लिखनेवाले ने कहा, “मैं यहोवा से कहूँगा, ‘तू मेरी पनाह और मेरा मज़बूत गढ़ है, मेरा परमेश्‍वर जिस पर मैं भरोसा करता हूँ।’” (भजन 91:2) जी हाँ, आज हम चाहे कितनी भी समस्याओं से घिरे हुए हों यहोवा हमारी रक्षा कर सकता है। यही नहीं, वह हमें भविष्य के लिए एक बढ़िया आशा भी देता है।

3. यहोवा से मदद पाने के लिए हमें क्या करना होगा?

3 मगर यहोवा हमारी रक्षा कैसे करता है? वह हमें अपनी समस्याओं का सामना करने में मदद देता है। वह हमारे सभी दुश्‍मनों से कहीं ज़्यादा ताकतवर है। और आज अगर हमारे साथ कुछ बुरा होता है तो हम यकीन रख सकते हैं कि यहोवा भविष्य में उसे ठीक कर देगा। बाइबल से हमें यह बढ़ावा मिलता है, “खुद को परमेश्‍वर के प्यार के लायक बनाए रखो।” (यहूदा 21) अगर हम मुश्‍किल हालात में यहोवा से मदद पाना चाहते हैं तो हमें उसके करीब रहना होगा। हम उसके करीब कैसे रह सकते हैं?

परमेश्‍वर के प्यार की कदर कीजिए

4, 5. यहोवा ने कैसे दिखाया है कि वह हमसे प्यार करता है?

4 यहोवा के करीब रहने के लिए हमें यह समझने की ज़रूरत है कि वह हमसे कितना प्यार करता है। ज़रा सोचिए, यहोवा ने हमारे लिए कितना कुछ किया है। उसने हमारे रहने के लिए यह खूबसूरत धरती दी। उसने तरह-तरह के पेड़-पौधे और जानवर बनाए जिन्हें देखकर हम हैरान रह जाते हैं। उसने हमारे खाने के लिए बढ़िया-बढ़िया चीज़ें दीं और पीने के लिए साफ पानी दिया। उसने बाइबल के ज़रिए हमें अपना नाम और अपने बढ़िया गुणों के बारे में बताया है। सबसे बढ़कर, उसने अपने प्यारे बेटे यीशु को धरती पर भेजा ताकि वह हमारी खातिर अपनी जान दे। (यूहन्‍ना 3:16) इसी बलिदान की वजह से हमें भविष्य के लिए एक बढ़िया आशा मिली है।

5 यहोवा ने हमारी खातिर स्वर्ग में एक राज भी कायम किया। यह राज जल्द ही हमारी सारी दुख-तकलीफों को दूर करेगा और पूरी धरती को एक खूबसूरत बगीचा बना देगा। वहाँ सभी लोग शांति और खुशी से हमेशा-हमेशा के लिए जीएँगे। (भजन 37:29) यहोवा ने एक और तरीके से दिखाया है कि वह हमसे प्यार करता है। वह आज हमें सिखाता है कि हम कैसे एक अच्छी ज़िंदगी जी सकते हैं। वह हमसे यह भी कहता है कि हम प्रार्थना में उससे बात करें और वह हमारी प्रार्थनाएँ सुनने के लिए हमेशा तैयार रहता है। यहोवा ने वाकई साफ दिखाया है कि वह हममें से हरेक से प्यार करता है।

6. हम यहोवा के प्यार की कदर कैसे कर सकते हैं?

6 आप यहोवा के प्यार की कदर कैसे कर सकते हैं? यहोवा ने आपके लिए जो कुछ किया है उसके लिए एहसानमंद रहिए। अफसोस की बात है कि आज ज़्यादातर लोग किसी का एहसान नहीं मानते। जब यीशु धरती पर था तब भी यही हाल था। एक मौके पर जब उसने दस कोढ़ियों को ठीक किया तो उनमें से सिर्फ एक ने आकर उसका धन्यवाद किया। (लूका 17:12-17) हमें उस आदमी की तरह होना चाहिए जिसने यीशु का धन्यवाद किया था। हमें हमेशा यहोवा का एहसानमंद रहना चाहिए।

7. यहोवा के लिए हमारा प्यार कितना गहरा होना चाहिए?

7 इसके अलावा, हमें यहोवा से प्यार करना चाहिए। यीशु ने अपने चेलों से कहा था कि उन्हें यहोवा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान और अपने पूरे दिमाग से प्यार करना चाहिए। (मत्ती 22:37 पढ़िए।) इसका क्या मतलब है?

8, 9. हम कैसे दिखा सकते हैं कि हम यहोवा से प्यार करते हैं?

8 क्या सिर्फ यह कहना काफी है कि हम यहोवा से प्यार करते हैं? नहीं। अगर हम यहोवा से पूरे दिल, पूरी जान और पूरे दिमाग से प्यार करते हैं तो हम अपने कामों से भी यह प्यार ज़ाहिर करेंगे। (मत्ती 7:16-20) बाइबल साफ बताती है कि अगर हम यहोवा से प्यार करते हैं तो हम उसकी आज्ञाएँ मानेंगे। क्या ऐसा करना मुश्‍किल है? नहीं क्योंकि यहोवा की ‘आज्ञाएँ बोझ नहीं हैं।’—1 यूहन्‍ना 5:3 पढ़िए।

9 जब हम यहोवा की आज्ञा मानते हैं तब हम अपनी ज़िंदगी में खुश और संतुष्ट रहते हैं। (यशायाह 48:17, 18) मगर यहोवा के करीब रहने में क्या बात हमारी मदद करेगी? आइए देखें।

यहोवा के करीब बने रहिए

10. आपको यहोवा के बारे में क्यों सीखते रहना चाहिए?

10 जब से आपने बाइबल का अध्ययन शुरू किया है तब से आप यहोवा को जानने लगें। और जैसे-जैसे आप उसे जानने लगें वैसे-वैसे आप उसके दोस्त बन गए। यह दोस्ती एक आग की तरह है जिसे आपको जलाए रखना है। जिस तरह आग को जलाए रखने के लिए लकड़ी की ज़रूरत पड़ती है, उसी तरह यहोवा से अपनी दोस्ती बनाए रखने के लिए आपको उसके बारे में सीखते रहने की ज़रूरत है।—नीतिवचन 2:1-5.

एक आदमी आग के पास बैठे खुद को गरम कर रहा है

जैसे आग के लिए लकड़ी चाहिए, वैसे ही यहोवा के लिए अपना प्यार बनाए रखने के लिए आपको सीखते रहना चाहिए

11. बाइबल की शिक्षाओं का आप पर क्या असर हो सकता है?

11 जैसे-जैसे आप बाइबल का अध्ययन करते रहेंगे, आप ऐसी बातें सीखेंगे जो आपके दिल को छू जाएँगी। गौर कीजिए जब यीशु अपने दो चेलों को बाइबल की कुछ भविष्यवाणियाँ समझा रहा था तो उन्हें कैसा लगा। उन चेलों ने कहा, “जब वह सड़क पर हमसे बात कर रहा था और हमें शास्त्र का मतलब खोल-खोलकर समझा रहा था, तो क्या हमारे दिल की धड़कनें तेज़ नहीं हो गयी थीं?”—लूका 24:32.

12, 13. (क) आपको क्या कोशिश करनी चाहिए? (ख) इसके लिए आप क्या कर सकते हैं?

12 शास्त्र की समझ मिलने पर चेलों में जैसा जोश भर आया था, वैसा ही जोश आपमें तब भर आया होगा जब आप पहली बार बाइबल की बातें समझने लगें। इसी जोश की वजह से आपने यहोवा को जाना और आप उससे प्यार करने लगें। लेकिन आगे चलकर यह प्यार ठंडा हो सकता है। (मत्ती 24:12) इसलिए आपको पूरी कोशिश करनी चाहिए कि आपका यह प्यार कभी कम न हो।

13 एक बार जब परमेश्‍वर से आपकी दोस्ती हो जाती है, तो उस दोस्ती को बनाए रखने के लिए आपको मेहनत करनी होगी। आपको लगातार परमेश्‍वर और यीशु के बारे में सीखना होगा। फिर आपको सीखी बातों पर गहराई से सोचना होगा और उन्हें अपनी ज़िंदगी में लागू करना होगा। (यूहन्‍ना 17:3) बाइबल पढ़ते या उसका अध्ययन करते वक्‍त खुद से पूछिए, ‘इस भाग से मैं यहोवा के बारे में क्या सीखता हूँ? मुझे क्यों परमेश्‍वर से अपने पूरे दिल और अपनी पूरी जान से प्यार करना चाहिए?’—1 तीमुथियुस 4:15.

14. प्रार्थना करने से यहोवा के लिए हमारा प्यार कैसे हमेशा गहरा रहेगा?

14 अगर आपका कोई जिगरी दोस्त है तो आप बेशक उससे रोज़ बात करते होंगे। और यह ज़रूरी भी है ताकि आपकी दोस्ती बनी रहे। उसी तरह, अगर हम यहोवा से रोज़ प्रार्थना करें तो उसके लिए हमारा प्यार हमेशा गहरा रहेगा। (1 थिस्सलुनीकियों 5:17 पढ़िए।) प्रार्थना, स्वर्ग में रहनेवाले हमारे पिता की तरफ से एक बेहतरीन तोहफा है। जब हम प्रार्थना करते हैं तो हमें उससे दिल खोलकर बात करनी चाहिए। (भजन 62:8) हमें रटी-रटायी या मुँह-ज़बानी प्रार्थनाएँ नहीं करनी चाहिए बल्कि दिल से अपनी बात कहनी चाहिए। जी हाँ, अगर हम लगातार बाइबल का अध्ययन करें और दिल से प्रार्थना करें, तो यहोवा के लिए हमारा प्यार हमेशा गहरा रहेगा।

यहोवा के बारे में दूसरों को बताइए

15, 16. आप प्रचार काम को किस नज़र से देखते हैं?

15 अगर हम यहोवा के करीब रहना चाहते हैं तो हमें दूसरों को अपने विश्‍वास के बारे में बताना होगा। यहोवा के बारे में दूसरों को बताना हमारे लिए एक सम्मान की बात है! (लूका 1:74) यही नहीं, यह एक ज़िम्मेदारी भी है जो यीशु ने सभी सच्चे मसीहियों को दी है। इसलिए हममें से हरेक को परमेश्‍वर के राज की खुशखबरी सुनानी चाहिए। क्या आप ऐसा कर रहे हैं?—मत्ती 24:14; 28:19, 20.

16 पौलुस प्रचार काम को बहुत अनमोल समझता था। इसलिए उसने इसे “खज़ाना” कहा। (2 कुरिंथियों 4:7) यहोवा और उसके मकसद के बारे में दूसरों को बताना सबसे ज़रूरी काम है। यह काम करके आप यहोवा की सेवा कर सकते हैं और वह आपकी इस सेवा की कदर करेगा। (इब्रानियों 6:10) प्रचार से आपको और आपके सुननेवालों, दोनों को फायदा हो सकता है। आप दोनों यहोवा के करीब आ सकते हैं और आपको हमेशा की ज़िंदगी मिल सकती है। (1 कुरिंथियों 15:58 पढ़िए।) इस काम से आपको जो खुशी मिलेगी, वह किसी और काम से नहीं मिल सकती।

17. प्रचार काम करना क्यों बहुत ज़रूरी है?

17 आज प्रचार काम करना बहुत ज़रूरी है। इसलिए हमें “वचन का प्रचार” करना चाहिए और “वक्‍त की नज़ाकत” को समझते हुए इसमें लगे रहना चाहिए। (2 तीमुथियुस 4:2) लोगों को परमेश्‍वर के राज के बारे में बताना ज़रूरी है। बाइबल बताती है, “यहोवा का महान दिन करीब है! वह करीब है और बड़ी तेज़ी से नज़दीक आ रहा है!” अंत आने में “देर नहीं होगी!” (सपन्याह 1:14; हबक्कूक 2:3) बहुत जल्द यहोवा, शैतान की दुष्ट दुनिया का नाश कर देगा। उस समय के आने से पहले लोगों को खबरदार करने की ज़रूरत है ताकि वे यहोवा की सेवा करने का फैसला कर सकें।

18. हमें क्यों दूसरे सच्चे मसीहियों के साथ मिलकर यहोवा की उपासना करनी चाहिए?

18 यहोवा चाहता है कि हम दूसरे सच्चे मसीहियों के साथ मिलकर उसकी उपासना करें। बाइबल बताती है, “आओ हम एक-दूसरे में गहरी दिलचस्पी लें ताकि एक-दूसरे को प्यार और भले काम करने का बढ़ावा दे सकें और एक-दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें, जैसा कुछ लोगों का दस्तूर है बल्कि एक-दूसरे की हिम्मत बँधाएँ। और जैसे-जैसे तुम उस दिन को नज़दीक आता देखो, यह और भी ज़्यादा किया करो।” (इब्रानियों 10:24, 25) हमें सभी सभाओं में जाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। सभाओं में हमें एक-दूसरे की हिम्मत बढ़ाने और एक-दूसरे को मज़बूत करने का मौका मिलता है।

19. क्या बात हमें अपने मसीही भाई-बहनों को प्यार करने में मदद देगी?

19 सभाओं में जाकर आप अच्छे दोस्त भी बना पाएँगे, जो आपको यहोवा की उपासना करने में मदद देंगे। आप तरह-तरह के भाई-बहनों से मिलेंगे जो आप ही की तरह यहोवा की उपासना करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। याद रखिए, हम सब पापी हैं और गलती करते हैं। इसलिए अगर भाई-बहनों में से कोई गलती करता है और आपको ठेस पहुँचाता है, तो उसे माफ करने के लिए तैयार रहिए। (कुलुस्सियों 3:13 पढ़िए।) हमेशा अपने मसीही भाई-बहनों की अच्छाइयों पर ध्यान दीजिए। इस तरह आप उनसे प्यार कर पाएँगे और यहोवा के और भी करीब जा पाएँगे।

असली ज़िंदगी

20, 21. “असली ज़िंदगी” क्या है?

20 यहोवा चाहता है कि उसके सभी दोस्त एक बेहतरीन ज़िंदगी जीएँ। बाइबल हमें सिखाती है कि भविष्य में हमारी ज़िंदगी आज की ज़िंदगी से बिलकुल अलग होगी।

एक परिवार फिरदौस में ज़िंदगी का आनंद ले रहा है

यहोवा चाहता है कि आपको “असली ज़िंदगी” मिले। क्या आप भी यही चाहते हैं?

21 भविष्य में हम सिर्फ 70-80 साल नहीं जीएँगे बल्कि हमेशा-हमेशा के लिए जी सकेंगे। और वह भी एकदम बढ़िया माहौल में। इस धरती को खूबसूरत बगीचा बना दिया जाएगा। चारों तरफ शांति और खुशियाँ होंगी। और हम बिलकुल सेहतमंद होंगे। इसी ज़िंदगी को बाइबल “असली ज़िंदगी” कहती है। यहोवा वादा करता है कि वह हमें असली ज़िंदगी देगा। लेकिन उस पर “अपनी पकड़ मज़बूत” करने के लिए आज हमें अपनी तरफ से पूरी कोशिश करनी होगी।—1 तीमुथियुस 6:12, 19.

22. (क) हम “असली ज़िंदगी पर अपनी पकड़ मज़बूत” कैसे कर सकते हैं? (ख) मगर हमेशा की ज़िंदगी पाना किस बात पर निर्भर करता है?

22 हम “असली ज़िंदगी पर अपनी पकड़ मज़बूत” कैसे कर सकते हैं? हमें “भले काम” करने चाहिए। (1 तीमुथियुस 6:18) इसका मतलब है कि हम बाइबल से जो कुछ सीखते हैं उसे हमें लागू करने की ज़रूरत है। लेकिन हम सिर्फ अपनी मेहनत से असली ज़िंदगी नहीं पा सकते। दरअसल, हम हमेशा की ज़िंदगी पाने के काबिल नहीं हैं। यह तो यहोवा की “महा-कृपा” है कि वह भविष्य में अपने वफादार लोगों को यह मुफ्त वरदान देगा। (रोमियों 5:15) स्वर्ग में रहनेवाला हमारा पिता सचमुच यह तोहफा अपने वफादार सेवकों को देना चाहता है।

23. आज आपको सही फैसला करने की ज़रूरत क्यों है?

23 अपने आपसे पूछिए, ‘क्या मैं परमेश्‍वर की उपासना उस तरीके से कर रहा हूँ जिसे वह मंज़ूर करता है?’ अगर आप पाते हैं कि आपको कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है तो उन्हें फौरन कीजिए। जब हम यहोवा पर भरोसा रखते हैं और उसकी आज्ञा मानने की पूरी कोशिश करते हैं, तो यहोवा हमारी पनाह होगा। वह अपने वफादार लोगों को शैतान की दुनिया के इन आखिरी दिनों में सुरक्षित रखेगा। वह इस बात का पूरा ध्यान रखेगा कि हम बगीचे जैसी सुंदर धरती पर हमेशा जीएँ, ठीक जैसा उसने वादा किया था। जी हाँ, आप असली ज़िंदगी पा सकते, बशर्ते आज आप सही फैसला करें!

आपने क्या सीखा?

पहली बात: यहोवा आपसे प्यार करता है

“परमेश्‍वर ने दुनिया से इतना प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास करे, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।”—यूहन्‍ना 3:16

परमेश्‍वर कैसे दिखाता है कि वह आपसे प्यार करता है?

  • भजन 91:2

    यहोवा हमारी पनाह है। वह आज की समस्याओं का सामना करने में हमारी मदद करता है।

  • भजन 37:29

    उसने हमें भविष्य के लिए एक बढ़िया आशा दी है।

  • 1 तीमुथियुस 6:12, 19

    परमेश्‍वर इस दुनिया को एक खूबसूरत बगीचे में बदल देगा। चारों तरफ शांति और खुशियाँ होंगी। और हम बिलकुल सेहतमंद होंगे। ऐसे बढ़िया माहौल में वह हमें हमेशा की ज़िंदगी देगा।

दूसरी बात: यहोवा चाहता है कि आप उससे प्यार करें

“तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा से अपने पूरे दिल, अपनी पूरी जान और अपने पूरे दिमाग से प्यार करना।”—मत्ती 22:37

परमेश्‍वर आपसे प्यार करता है, यह बात आपको क्या करने के लिए उभारती है?

  • लूका 17:12-17

    परमेश्‍वर ने आपके लिए जो कुछ किया है उसके लिए उसका एहसान मानिए।

  • मत्ती 7:16-20

    हर दिन परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी कीजिए और इस तरह उसके लिए अपने प्यार का सबूत दीजिए।

  • 1 यूहन्‍ना 5:3

    परमेश्‍वर की आज्ञा मानिए।

  • 1 तीमुथियुस 6:18

    दूसरों की भलाई करने में मेहनत कीजिए।

तीसरी बात: यहोवा से गहरा प्यार करते रहिए

“तुम खुद को परमेश्‍वर के प्यार के लायक बनाए रखो।”—यहूदा 21

यहोवा के करीब बने रहने में क्या बात आपकी मदद करेगी?

  • 1 थिस्सलुनीकियों 5:17

    लगातार प्रार्थना कीजिए।

  • मत्ती 28:19, 20; 2 तीमुथियुस 4:2

    परमेश्‍वर के राज के बारे में दूसरों को बताने में अपना भरसक कीजिए।

  • नीतिवचन 2:1-5

    यहोवा के बारे में सीखते रहिए।

  • इब्रानियों 10:24, 25

    सभी सभाओं में जाइए। आपके मसीही भाई-बहन आपको यहोवा के और भी करीब जाने में मदद देंगे।

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
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