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बाइबल की सलाह—हर युग के लिएप्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2018 | अंक 1
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ने पाया है कि बाइबल की सलाह मानने से उनकी ज़िंदगी में ज़मीन-आसमान का फर्क आ गया। उन्हें बाइबल कुछ उस अनोखी मूर्ति की तरह लगी, जिसके बारे में हमने लेख की शुरूआत में बात की थी। उन्होंने पाया कि यह दूसरी किताबों की तरह नहीं है, जिनकी बातें समय के गुज़रते किसी काम की नहीं रहतीं। आखिर बाइबल इतनी खास क्यों है? क्या इसकी वजह यह है कि इसकी रचना बाकी किताबों से अलग है? क्या सच में इसमें किसी इंसान के नहीं, बल्कि परमेश्वर के विचार लिखे हैं?—1 थिस्सलुनीकियों 2:13.
शायद आपको भी लगता हो कि ज़िंदगी कितनी छोटी है और मुसीबतों से भरी पड़ी है। जब मुसीबतें झेलना बरदाश्त से बाहर हो जाता है, तब आप दिलासा और सही मार्गदर्शन पाने के लिए क्या करते हैं?
बाइबल की सलाह मानने से आपको तीन तरह के फायदे हो सकते हैं। ये हैं:
आप जहाँ तक हो सके, समस्याओं में पड़ने से बचेंगे।
समस्याएँ उठने पर उनका हल कर पाएँगे।
जिन समस्याओं का कोई हल नहीं, उनका अच्छी तरह सामना कर पाएँगे।
आइए इन तीन मुद्दों पर गौर करें।
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ज़माने से पीछे या अपने ज़माने से आगे?प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए)—2018 | अंक 1
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इलाज
वैज्ञानिकों ने स्वास्थ्य संबंधी जो जानकारी पायी है, उसमें से कुछ बातें बाइबल में सदियों पहले बतायी गयी थीं, जबकि यह चिकित्सा की किताब नहीं है।
मरीज़ों को बाकी लोगों से अलग रखा जाए।
करीब 700 साल पहले जब महामारियों का दौर चला, तब जाकर ही डॉक्टरों ने पता लगाया कि छूत की बीमारी से पीड़ित लोगों को अलग रखना चाहिए। मगर सदियों पहले परमेश्वर ने अपने सेवक मूसा के ज़रिए निर्देश दिया था कि कोढ़ के मरीज़ों को अलग रखा जाए। आज भी चिकित्सा क्षेत्र में इस सिद्धांत को माना जाता है।—लैव्यव्यवस्था, अध्याय 13 और 14.
शव छूने के बाद पानी से खुद को शुद्ध किया जाए।
पुराने ज़माने में डॉक्टर शव छूने के बाद बिना हाथ धोए दूसरे मरीज़ों का इलाज करने लगते थे। इस वजह से कई मरीज़ों की मौत हो जाती थी। कुछ 150 साल पहले ही पता लगाया गया कि ऐसा करना कितना खतरनाक है। मगर परमेश्वर ने बहुत पहले ही अपने लोगों को बताया था कि शव छूने से एक इंसान अशुद्ध हो जाता है और उपासना से जुड़े काम नहीं कर सकता, इसलिए उसे पानी से खुद को शुद्ध करना चाहिए। इस धार्मिक नियम को मानने से बीमारियों से भी बचाव होता था।—गिनती 19:11, 19.
मल का सही विसर्जन किया जाए।
हर साल दस्त के कारण 5 लाख से ज़्यादा बच्चे मर जाते हैं। इसकी मुख्य वजह है कि मल का सही विसर्जन नहीं किया जाता। लेकिन परमेश्वर ने सदियों पहले अपने लोगों को कानून दिया था कि वे बस्ती से दूर जाकर शौच करें, फिर मिट्टी से ढाँप दें।—व्यवस्थाविवरण 23:13.
खतना आठवें दिन कराया जाए।
परमेश्वर ने कानून दिया था कि लड़का पैदा होने पर आठवें दिन उसका खतना किया जाए। (लैव्यव्यवस्था 12:3) खून जमने की प्रक्रिया एक बच्चे के जन्म के एक हफ्ते बाद ही ठीक से काम करती है। इसके पहले खतना करने से बच्चे को नुकसान हो सकता है। इस नियम को मानने से उस ज़माने के लोगों को काफी फायदा हुआ होगा, क्योंकि तब आज की तरह इलाज की नयी-नयी तकनीकें नहीं थीं।
तन की सेहत के लिए मन की खुशी का ध्यान रखा जाए।
बाइबल में लिखा है, “दिल का खुश रहना बढ़िया दवा है, मगर मन की उदासी सारी ताकत चूस लेती है।” (नीतिवचन 17:22) आज चिकित्सा क्षेत्र के कई खोजकर्ता और वैज्ञानिक मानते हैं कि खुश रहना, किसी भी हाल में उम्मीद न खोना, एहसानमंद होना और दूसरों को माफ करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है और इसका तन की सेहत पर अच्छा असर होता है।
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