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  • ढेरों सवाल—सही जवाब बहुत कम
    प्रहरीदुर्ग—2003 | अक्टूबर 1
    • यह सवाल बहुतों के लिए “परमेश्‍वर पर विश्‍वास करने में एक बड़ी रुकावट है।” वह पूछता है: “भला एक ऐसे ईश्‍वर के वजूद पर कोई कैसे यकीन करे जो करोड़ों बेगुनाहों को मरते हुए और पूरी-की-पूरी जाति का कत्लेआम होते हुए यूँ ही देखता रहता है और ऐसे हादसों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करता?”

      कैथोलिक अखबार ला क्रवा के एक लेख में भी कुछ ऐसा ही कहा गया: “चाहे बीते ज़माने का कोई हादसा हो, टेक्नॉलजी में हुई तरक्की की वजह से होनेवाली दुर्घटनाएँ हों, प्राकृतिक विपत्तियाँ हों, माफिया दलों के जुर्म हों या किसी अज़ीज़ की मौत, हर बार लोग घबराए-से आसमान की तरफ देखकर पूछते हैं, हे ईश्‍वर, तू कहाँ है? वे अपने सवाल का जवाब चाहते हैं। भला परमेश्‍वर जैसा पत्थरदिल और बेपरवाह और कोई हो सकता है?”

      पोप जॉन पॉल II ने सन्‌ 1984 में अपने पत्र सेल्वीफीकी दोलोरीस में इस मसले पर चर्चा की। उसने लिखा: “यह सच है कि इस संसार का वजूद इस बात की गवाही देता है कि एक ईश्‍वर वजूद में है, उसके पास बुद्धि और शक्‍ति है और वह बहुत महान है। मगर दुनिया में होनेवाली बुराई और दुःख-तकलीफें परमेश्‍वर के इन गुणों पर मानो परदा डाल देती हैं। कभी-कभी तो परमेश्‍वर के ये गुण ज़रा भी नज़र नहीं आते, खासकर जब हम रोज़ाना देखते हैं कि कैसे बेकसूर लोग आहें भर-भरकर जीते हैं, और इतने सारे दुष्टता के काम किए जाते हैं, मगर उनके लिए मुनासिब सज़ा नहीं दी जाती।”

      जब हम देखते हैं कि इंसान के जीवन में इतने सारे दुःख हैं, तो क्या हम बाइबल की इस बात पर यकीन कर सकते हैं कि एक ऐसा परमेश्‍वर वजूद में है जो प्यार का साक्षात्‌ रूप है और सर्वशक्‍तिमान भी है? जब किसी एक इंसान पर या कई लोगों पर एक-साथ मुसीबतें आती हैं, तो क्या वह उनको बचाने के लिए कुछ करता है? क्या परमेश्‍वर हाथ-पर-हाथ धरे बैठा रहता है? क्या इन सभी सवालों का जवाब देने के लिए कोई ऐसा परमेश्‍वर है, जो वोल्टेयर के कहे मुताबिक “इंसानों से बात करता हो”? जवाब के लिए कृपया अगला लेख पढ़ें।

  • परमेश्‍वर की तरफ से कार्यवाही—हम क्या उम्मीद कर सकते हैं?
    प्रहरीदुर्ग—2003 | अक्टूबर 1
    • परमेश्‍वर की तरफ से कार्यवाही—हम क्या उम्मीद कर सकते हैं?

      सामान्य युग पूर्व आठवीं सदी में, यहूदा के राजा हिजकिय्याह को पता चला कि उसे एक जानलेवा बीमारी है। उस वक्‍त वह 39 बरस का था। खबर सुनकर वह पूरी तरह टूट गया और उसने परमेश्‍वर से गिड़गिड़ाकर मिन्‍नत की कि वह उसे चंगा कर दे। परमेश्‍वर ने अपने भविष्यवक्‍ता के ज़रिए उसे यह जवाब दिया: “मैं ने तेरी प्रार्थना सुनी और तेरे आंसू देखे हैं; सुन, मैं तेरी आयु पन्द्रह वर्ष और बढ़ा दूंगा।”—यशायाह 38:1-5.

      परमेश्‍वर ने हिजकिय्याह के मामले में क्यों कार्यवाही की? दरअसल सदियों पहले परमेश्‍वर ने धर्मी राजा दाऊद से वादा किया था: “तेरा घराना और तेरा राज्य मेरे साम्हने सदा अटल बना रहेगा; तेरी गद्दी सदैव बनी रहेगी।” परमेश्‍वर ने यह भी कहा था कि मसीहा, दाऊद के वंश

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