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यहोवा आपको किस तरह याद रखेगा?प्रहरीदुर्ग—2000 | फरवरी 1
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यहोवा आपको किस तरह याद रखेगा?
“हे मेरे परमेश्वर! . . . मुझे स्मरण रख।” यह कहते हुए नहेमायाह ने परमेश्वर से कई बार दुआ माँगी। (नहेमायाह 5:19, NHT; 13:14, 31) जब लोगों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है तो अकसर वे परमेश्वर से कहते हैं कि ऐसे हालात में वह उन्हें भुलाए नहीं बल्कि याद रखे।
लेकिन जब लोग परमेश्वर से कहते हैं कि वह उन्हें याद रखे तो असल में वे परमेश्वर से चाहते क्या हैं? वे चाहते हैं कि परमेश्वर उनका नाम याद रखने के अलावा उनके लिए कुछ करे भी। दरअसल वे परमेश्वर से, यीशु के साथ सूली पर लटकाए गए अपराधी की तरह उम्मीद करते हैं। यीशु के साथ दो अपराधियों को सूली पर लटकाया गया था। मगर एक ने ही यीशु से बिनती की: “जब तू अपने राज्य में आए, तो मेरी सुधि लेना।” वह यह नहीं चाहता था कि यीशु सिर्फ उसके बारे में यह याद रखे कि वह कौन है, बल्कि वह चाहता था कि यीशु उसके लिए कुछ करे भी, यानी उसे वापस ज़िंदा करे।—लूका 23:42.
इस विचार के मुताबिक, बाइबल बताती है कि परमेश्वर के लिए ‘याद रखने’ का मतलब है उस व्यक्ति के लिए कुछ ऐसा काम करना जिससे उसे कुछ फायदा हो। मिसाल के तौर पर, जलप्रलय के बाद जब पृथ्वी 150 दिन तक जल में डूबी हुई थी, तब “परमेश्वर ने नूह की . . . सुधि ली : और . . . पृथ्वी पर पवन बहाई, और जल घटने लगा।” (उत्पत्ति 8:1) सदियों बाद, जब शिमशोन की आँखों को फिलिस्तियों ने फोड़ दिया था और उसे जंजीरों में जकड़कर रखा था, तब शिमशोन ने यह बिनती की: “यहोवा, मेरी सुधि ले; . . . अब की बार मुझे बल दे।” यहोवा ने उसकी सुधि ली और उसे बहुत ज़्यादा ताकत दी। और इस ताकत से शिमशोन परमेश्वर के दुश्मनों से अपना बदला ले सका। (न्यायियों 16:28-30) और रही बात नहेमायाह की, तो यहोवा ने उसकी कोशिशों पर आशीष दी और यरूशलेम में सच्ची उपासना फिर से शुरू हो गयी।
प्रेरित पौलुस ने लिखा, “जितनी बातें पहिले से लिखी गईं, वे हमारी ही शिक्षा के लिये लिखी गईं हैं कि हम धीरज और पवित्र शास्त्र की शान्ति के द्वारा आशा रखें।” (रोमियों 15:4) अगर हम पुराने ज़माने के वफादार लोगों की तरह, यहोवा की इच्छा पूरी करने की कोशिश करते हैं, तो हम पूरा-पूरा विश्वास कर सकते हैं कि यहोवा हमें भूलेगा नहीं। वह यह देखेगा कि हमारी रोज़ाना की ज़रूरतें पूरी हों। साथ ही वह हमारी परीक्षाओं को झेलने में हमारी मदद करेगा, और अधर्मी लोगों को दंड देते वक्त हमें बचाएगा।—मत्ती 6:33; 2 पतरस 2:9.
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क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले?प्रहरीदुर्ग—2000 | फरवरी 1
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क्या आप चाहते हैं कि कोई आकर आपसे मिले?
दुःख-तकलीफों से भरी इस दुनिया में भी आप सच्ची खुशी पा सकते हैं। मगर इसके लिए आपको जानना होगा कि परमेश्वर और उसके राज्य के बारे में बाइबल क्या कहती है और इंसानों के लिए परमेश्वर का मकसद क्या है। अगर आप इसके बारे में ज़्यादा जानकारी पाना चाहते हैं या चाहते हैं कि कोई आपके घर आकर आपके साथ मुफ्त में बाइबल अध्ययन करे, तो हमें इस पते पर लिखिए: Watch Tower, H-58 Old Khandala Road, Lonavla 410401, Mah., India. कुछ और देशों के पते पेज 30 पर दिए गए हैं। आप अपने करीबी देश के पते पर भी लिख सकते हैं।
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