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दिलासा, हौसला

हिम्मत हारने की कुछ वजह क्या हो सकती हैं? किन वचनों से हमें दिलासा मिल सकता है?

खुद की कमज़ोरियाँ, गलतियाँ या पाप

ये देखें: “निराशा”

खुद को किसी ज़िम्मेदारी के काबिल ना समझना या यह सोचना कि मैं मुश्‍किल पार नहीं कर पाऊँगा

  • इससे जुड़े किस्से:

    • निर्ग 3:11; 4:10​—भविष्यवक्‍ता मूसा को लगा कि वह फिरौन से बात करने और परमेश्‍वर के लोगों को मिस्र से बाहर लाने के काबिल नहीं है

    • यिर्म 1:4-6​—यिर्मयाह को लगा कि वह उम्र में बहुत छोटा है और उसे कोई तजुरबा नहीं है, इसलिए वह ढीठ लोगों को यहोवा के न्याय के बारे में कैसे बताएगा

  • हौसला बढ़ानेवाली आयतें:

    • भज 29:11; यश 40:29; 2कुर 3:4, 5; 4:7

  • हौसला बढ़ानेवाले किस्से:

    • निर्ग 3:12; 4:11, 12​—यहोवा ने बार-बार मूसा को यकीन दिलाया कि वह उसे अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करने में मदद देगा

    • यिर्म 1:7-10​—यहोवा ने यिर्मयाह से कहा कि वह न डरे क्योंकि वह उसकी मदद करेगा

चिंता

ये देखें: “चिंता”

जब किसी ने हमारे साथ बुरा सलूक किया हो और हम वह दर्द भुला नहीं पा रहे

ये देखें: “बुरा व्यवहार”

जलन

ये देखें: “जलन”

ज़ुल्म, विरोध, सताया जाना

ये देखें: “ज़ुल्म”

दुख, नाराज़गी

कुछ लोग जब मुश्‍किलों से गुज़रते हैं या उनके साथ अन्याय होता है, तो वे नाराज़गी पाले रहते हैं

सभ 9:11, 12

ये भी देखें: भज 142:4; सभ 4:1; 7:7

  • इससे जुड़े किस्से:

    • रूत 1:11-13, 20​—जब नाओमी के पति और दो बेटों की मौत हो गयी, तो वह बहुत दुखी हो गयी। उसे लगा कि यहोवा ने उसे छोड़ दिया है

    • अय 3:1, 11, 25, 26; 10:1​—जब अय्यूब का सबकुछ लुट गया, उसके दस बच्चे मारे गए और वह खुद भी बहुत बीमार हो गया, तो उसका दुख सहन से बाहर हो गया

  • हौसला बढ़ानेवाली आयतें:

    • रोम 12:19; याकू 1:13

  • हौसला बढ़ानेवाले किस्से:

    • रूत 1:6, 7, 16-18; 2:2, 19, 20; 3:1; 4:14-16​—जब नाओमी परमेश्‍वर के लोगों के पास वापस आयी और उसे उनसे मदद मिली और उसने भी दूसरों की मदद की, तो उसका दुख खुशी में बदल गया

    • अय 42:7-16; याकू 5:11​—अय्यूब यहोवा पर विश्‍वास करता रहा और उसने धीरज रखा। इसके लिए यहोवा ने उसे बहुत आशीषें दीं

कुछ लोगों के साथ जब कोई बुरा व्यवहार करता है, तो वे बहुत दुखी हो जाते हैं

सभ 4:1, 2

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 1शम 1:6, 7, 10, 13-16​—पनिन्‍ना, हन्‍ना को ताने कसती थी और एक बार महायाजक एली ने उसे गलत समझा। ऐसे में हन्‍ना को बहुत ठेस पहुँची

    • अय 8:3-6; 16:1-5; 19:2, 3​—अय्यूब के तीन साथियों ने बेवजह उस पर इलज़ाम लगाकर उसके दुख को और बढ़ा दिया

  • हौसला बढ़ानेवाली आयतें:

    • भज 37:8, 9; इफ 4:26

  • हौसला बढ़ानेवाले किस्से:

    • 1शम 1:9-11, 18​—यहोवा से दिल खोलकर प्रार्थना करने के बाद हन्‍ना का दुख कम हो गया

    • अय 42:7, 8, 10, 17​—जब अय्यूब ने अपने तीनों साथियों को माफ कर दिया, तो यहोवा ने उसे कई आशीषें दीं

दूसरे वैसा नहीं करते जैसा हम चाहते थे, या वे हमें ठेस पहुँचाते हैं या धोखा देते हैं

ये देखें: “निराशा”

दोष की भावना

एज 9:6; भज 38:3, 4, 8; 40:12

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 2रा 22:8-13; 23:1-3​—जब राजा योशियाह और लोगों को मूसा का कानून पढ़कर सुनाया गया, तो उन्हें एहसास हुआ कि उनसे बहुत बड़ी गलती हो गयी है

    • एज 9:10-15; 10:1-4​—एज्रा और लोगों ने खुद को दोषी महसूस किया क्योंकि कुछ आदमियों ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी और दूसरे देश की औरतों से शादी कर ली

    • लूक 22:54-62​—जब पतरस ने तीन बार यीशु को जानने से इनकार कर दिया, तो उसके बाद वह दोष की भावना से दब गया

  • हौसला बढ़ानेवाली आयतें:

    • भज 32:5; 103:9-14; यश 1:18; प्रेष 3:19

    • ये भी देखें: यश 38:17; मी 7:18, 19

  • हौसला बढ़ानेवाले किस्से:

    • 2इत 33:9-13, 15, 16​—यहूदा में जितने बुरे राजा थे उनमें मनश्‍शे सबसे बुरा था। पर वह पछताया और उसे माफ कर दिया गया

    • लूक 15:11-32​—यीशु ने खोए हुए बेटे की मिसाल देकर समझाया कि यहोवा हमें पूरी तरह माफ करने के लिए तैयार रहता है

डर, खौफ, घबराहट

ये देखें: “डर”

नाकाबिल महसूस करना, खुद को कम समझना

ये देखें: “खुद को नाकाबिल समझना”

बीमारी या ढलती उम्र की वजह से ज़्यादा कुछ ना कर पाना

भज 71:9, 18; सभ 12:1-7

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 2रा 20:1-3​—जब राजा हिजकियाह को एक जानलेवा बीमारी हो गयी, तो वह फूट-फूटकर रोया

    • फिल 2:25-30​—जब इपाफ्रोदितुस को पता चला कि उसके बीमार होने की खबर उसकी मंडली तक पहुँच गयी है, तो वह बहुत निराश हो गया। उसे लगा कि अब भाई-बहन सोचेंगे कि वह अपना काम पूरा नहीं कर पाया

  • हौसला बढ़ानेवाली आयतें:

    • भज 92:12-14; यश 40:29-31; 46:4; 2कुर 8:12

  • हौसला बढ़ानेवाले किस्से:

    • 2शम 17:27-29; 19:31-38​—राजा, बुज़ुर्ग बरजिल्लै का आदर करता था, इसलिए उसने उसे अपने साथ यरूशलेम चलने के लिए कहा। पर बरजिल्लै ने मना कर दिया क्योंकि वह जानता था कि वह बहुत बूढ़ा हो चुका है

    • भज 41:1-3, 12​—राजा दाविद बहुत बीमार था, फिर भी उसे यकीन था कि इस हालत में भी यहोवा उसकी मदद करेगा

    • मर 12:41-44​—यीशु ने एक गरीब विधवा की तारीफ की क्योंकि उसके पास जितना था उसने वह सब दे दिया

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