मिलते-जुलते लेख km 4/96 पेज 8 उचित मनोभाव वाले लोगों को ढूँढ निकालिए अपने पड़ोसी को सच्चाई बताइए हमारी राज-सेवा—1996 “विश्वास सुनने से . . . होता है” हमारी राज-सेवा—1996 प्रहरीदुर्ग और अवेक!—सत्य की समयोचित पत्रिकाएँ प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1994 अप्रैल में पत्रिका कार्य के लिए तैयारी कीजिए हमारी राज-सेवा—1996 घर-घर की सेवा में हमारी पत्रिकाएँ इस्तेमाल करना हमारी राज-सेवा—1993 हमारी पत्रिकाओं का सर्वोत्तम प्रयोग कीजिए हमारी राज-सेवा—1996 हर मौक़े पर अभिदान पेश कीजिए हमारी राज-सेवा—1995 सत्य को बाँटने के लिए पत्रिकाओं का प्रयोग कीजिए हमारी राज-सेवा—1994 पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए हमारी राज-सेवा—2011 पत्रिकाएँ राज्य की घोषणा करती हैं हमारी राज-सेवा—1998