वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • g 1/10 पेज 4
  • दूसरा राज़ साथ निभाएँ

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • दूसरा राज़ साथ निभाएँ
  • सजग होइए!–2010
  • मिलते-जुलते लेख
  • 1 साथ निभाने का इरादा
    सजग होइए!—2018
  • साथ निभाने के इरादे को कैसे पक्का करें
    सजग होइए!—2015
  • कैसे शादी को मज़बूत करें
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
  • आपका वैवाहिक-जीवन बच सकता है!
    सजग होइए!–2001
और देखिए
सजग होइए!–2010
g 1/10 पेज 4

दूसरा राज़ साथ निभाएँ

“जिसे परमेश्‍वर ने एक बंधन में बाँधा है, उसे कोई इंसान अलग न करे।”—मत्ती 19:6.

इसका क्या मतलब है। कामयाब जोड़े अपने शादी के रिश्‍ते को जीवन भर का साथ मानते हैं। जब समस्याएँ खड़ी होती हैं, तो वे इन्हें सुलझाने की कोशिश करते हैं, इन्हें बहाना बनाकर वे शादी के रिश्‍ते को खत्म नहीं करते। जब पति-पत्नी दोनों में एक-दूसरे का साथ निभाने का जज़्बा होता है, तो उन्हें पता होता है कि उनका साथी उन्हें छोड़कर नहीं जाएगा। दोनों को इस बात का भरोसा होता है कि दूसरा इस रिश्‍ते की इज़्ज़त करेगा।

यह क्यों ज़रूरी है। पति-पत्नी के रिश्‍ते में, साथ निभाने का जज़्बा उतना ही ज़रूरी है जितना ज़िंदगी के लिए साँसें। लेकिन, जब बात-बात पर पति-पत्नी में झगड़ा होता है, तब साथ निभाने का वादा गले का फंदा लग सकता है, न कि अपने मन से किया गया भरोसा। ऐसे में, ‘आखिरी दम तक साथ निभाने’ का वादा एक ऐसा समझौता लगता है, जिसमें पति-पत्नी अपनी ज़िम्मेदारियों से भागने का कोई बहाना ढूँढ़ते हैं। वे शायद अपने साथी को सचमुच छोड़कर न जाएँ, मगर कुछ और तरीकों से वे उसे “छोड़” देते हैं। जैसे, अगर किसी गंभीर मसले पर बात करना ज़रूरी है, तब वे चुप्पी साध लेते हैं।

इन सवालों के जवाब दीजिए। नीचे दिए गए सवालों की मदद से, जानिए कि आपके अंदर साथ निभाने का जज़्बा किस हद तक है।

◼ जब हमारे बीच किसी बात पर झगड़ा होता है, तो क्या मैं खुद से यह कहता/कहती हूँ, ‘काश, मैंने इससे शादी न की होती’?

◼ क्या मैं अपने साथी को छोड़ किसी और के साथ होने की कल्पना करता रहता/करती रहती हूँ?

◼ क्या मैं कभी-कभी अपने साथी से कहता हूँ, “मैं तुम्हें छोड़कर जा रहा हूँ” या “मैं किसी ऐसे के पास चली जाऊँगी जो मेरी कदर करे”?

पक्का फैसला कीजिए। एक-दो ऐसे काम करने के बारे में सोचिए, जिनकी मदद से आपका यह इरादा और भी मज़बूत होगा कि आप अपने साथी का साथ निभाते रहेंगे। (कुछ सुझाव: कभी-कभी अपने साथी के लिए चंद प्यार-भरे शब्द लिखकर उसे दें। अपने काम की जगह पर अपने साथी की तसवीरें इस तरह रखें कि आप इन्हें देख सकें। या फिर, अपने साथी की खैरियत जानने के लिए अपने काम की जगह से हर दिन उसे फोन कीजिए।)

ऐसे कई तरीकों के बारे में सोचिए और फिर अपने साथी से पूछिए कि उसे कौन-सा तरीका सबसे अच्छा लगेगा? (g09 10)

[पेज 4 पर तसवीर]

जैसे सड़क के किनारे लगा जंगला, गाड़ियों को सड़क से उतरकर गड्ढे में गिरने से बचाता है, वैसे ही साथ निभाने का जज़्बा शादी के रिश्‍ते को सुरक्षित रखता है

[चित्र का श्रेय]

© Corbis/age fotostock

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें