वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • g 10/11 पेज 29
  • दुनिया पर एक नज़र

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • दुनिया पर एक नज़र
  • सजग होइए!–2011
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • खेलना भूल गए
  • सोने से पहले कहानी सुनाना
  • माँ-बाप होने के नाते आपकी ज़िम्मेदारी
    सजग होइए!–2005
  • क्या मुझे वीडियो गेम खेलने चाहिए?
    सजग होइए!–2008
  • अपने बच्चों को तालीम देने में क्या बाइबल आपकी मदद कर सकती है?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2004
  • अपने बच्चे को बालकपन से प्रशिक्षित कीजिए
    पारिवारिक सुख का रहस्य
और देखिए
सजग होइए!–2011
g 10/11 पेज 29

दुनिया पर एक नज़र

ब्राज़ील में स्कूल जानेवाले 10-13 साल के करीब 17 प्रतिशत बच्चे या तो दूसरों पर धौंस जमाते हैं या दूसरे उन पर धौंस जमाते हैं।—ओ इस्तादो दे साओ पाओलो, ब्राज़ील।

हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, गुर्दे में पथरी और कलेजे की परेशानियाँ, अब 12 साल से भी छोटे बच्चों को ये बीमारियाँ हो रही हैं। इसकी मुख्य वजह क्या हैं? दिन-भर बैठे रहना, कसरत न करना, ढेर सारी चटपटी और मसालेदार चीज़ें खाना और मोटापा।—एबीसी, स्पेन।

एक बच्चे की परवरिश में होनेवाला खर्च: अमरीका के एक सरकारी अनुमान के मुताबिक 2008 में एक मध्य-वर्गीय परिवार में जन्मे बच्चे का 18 साल तक पालन-पोषण करने में “करीब $221,190 [98,91,617 रुपए] (मुद्रास्फीति के हिसाब से $291,570 [1,30,39,010 रुपए])” लग जाते हैं।—अमरीका का कृषि विभाग, अमरीका।

खेलना भूल गए

हाल ही में ब्रिटेन में लिए एक सर्वे के मुताबिक बीस प्रतिशत माता-पिताओं ने दावा किया कि “अपने बच्चों के साथ किस तरह खेला जाता है” वे यह भूल चुके हैं। करीब तैंतीस प्रतिशत माता-पिताओं का कहना है कि बच्चों के साथ खेलने से वे बोरियत महसूस करते हैं जबकि बाकी कहते हैं कि उनके पास समय नहीं है या उन्हें समझ नहीं आता कि बच्चों के साथ क्या खेलें। इस सर्वे के बारे में मनोवैज्ञानिक, प्रोफेसर टैनया बायरोन कहती हैं: “माता-पिता और बच्चों को खेल में मज़ा आए इसके लिए चार बातें ज़रूरी हैं: खेल-खेल में सिखाना, प्रेरणा देना, मिल-जुलकर काम करना और एक-दूसरे से बात करना।” जो सर्वे लिया गया था, हालाँकि उसमें करीब तैंतीस प्रतिशत माता-पिताओं ने कहा कि वे अपने बच्चों के साथ कंप्यूटर गेम खेलना चाहेंगे, लेकिन ज़्यादातर बच्चे इसे अकेले ही खेलना पसंद करते हैं। पाँच से पंद्रह साल की उम्र के बच्चे अपने माता-पिता के साथ बाहर जाकर खेलना या शतरंज और लूडो जैसे खेल खेलना ज़्यादा पसंद करते हैं।

सोने से पहले कहानी सुनाना

इंटरनेट पर एक सेवा मौजूद है जो खास तौर से उन पिताओं के लिए है जिनके पास अपने बच्चों को रात को सोने से पहले कहानियाँ पढ़कर सुनाने का वक्‍त नहीं है। सिडनी के एक अखबार डेली टेलीग्राफ में बताया गया: “एक हाई टेकनॉलजी सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसमें पिता कोई कहानी पढ़कर रिकॉर्ड कर सकता है और उसमें संगीत या तरह-तरह की आवाज़ें डालकर ई-मेल के ज़रिए इसे अपने बच्चे को भेज सकता है।” लेकिन इंसानी रिश्‍तों के मामले में सलाह देनेवालों को इससे होनेवाले फायदों पर शक है। डॉ. रिचर्ड फ्लैचर जो ऑस्ट्रेलिया के न्यूकासल विश्‍वविद्यालय में परिवारों पर अध्ययन कर रहे हैं, उनका कहना है कि “बच्चे को खुद कहानी पढ़कर सुनाने से उसके साथ रिश्‍ता मज़बूत होता है।” कहानी सुनाते वक्‍त पिता अपने बच्चे से बातचीत कर पाता है, उसे बाँहों में भर पाता है और उसके साथ हँस-खेल पाता है। फ्लैचर कहते हैं कि पिता जब खुद पास बैठकर अपने बच्चे को कहानियाँ सुनाता है तो बच्चे को जितना फायदा होता है उतना किसी ई-मेल से नहीं हो सकता। (g11-E 10)

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें