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सजग होइए!–2012
g 7/12 पेज 22

क्या इसे रचा गया था?

हाथी की सूँड

● खोजकर्ता एक ऐसा रोबोट बनाने में लगे हैं जो हाथ की तरह काम करता है। यह पहले बने रोबोटों के मुकाबले ज़्यादा लचीला है और बेहतर तरीके से चीज़ों को पकड़ सकता है। जो कंपनी इसे बना रही है, उसका एक अधिकारी कहता है कि उनका बनाया यह नया रोबोट, “उद्योग जगत में आज इस्तेमाल किए जानेवाले रोबोटों के मुकाबले कई गुना बेहतर है।” इसे बनाने की तरकीब उन्हें कैसे सूझी? वह अधिकारी बताता है, “हाथी की सूँड जिस तरह काम करती है, उससे।”

गौर कीजिए: हाथी की सूँड का वज़न करीब 140 किलो होता है। सूँड उसके लिए बहुत ही उपयोगी है और इससे वह कई अलग-अलग काम करता है। साँस लेने और सूँघने के अलावा, हाथी अपनी सूँड से चीज़ों को पकड़ता है, भारी-भरकम चीज़ें उठाता है और पानी भी पीता है। वह अपनी सूँड से इतनी ज़ोर से चिंघाड़ता है कि मीलों दूर तक उसकी आवाज़ सुनायी देती है।

हाथी की सूँड़ की माँस पेशियों में करीब चालीस हज़ार तंतु होते हैं जिनकी मदद से वह सूँड को जहाँ चाहे मोड़ सकता है। सूँड के सिरे से हाथी एक छोटा-सा सिक्का उठा सकता है और उसी सूँड से वह 270 किलो तक का वज़न भी उठा सकता है!

खोजकर्ताओं को उम्मीद है कि हाथी की सूँड की कुशलता की नकल करके वे घरेलू और औद्यौगिक इस्तेमाल के लिए बेहतर रोबोट बना पाएँगे। ऊपर बतायी कंपनी का एक और अधिकारी कहता है: “हमने इंसानों की मदद करने के लिए जो रोबोट बनाया है, वह आम तौर पर बनाए जानेवाले रोबोटों से बिलकुल अलग है। इसकी बनावट ऐसी है कि इंसान और मशीन पहली बार साथ मिलकर बिना किसी खतरे के, कुशलता से काम कर पाएँगे।”

आपको क्या लगता है? क्या हाथी की सूँड का खुद-ब-खुद विकास हुआ है या फिर इसकी रचना की गयी थी? (g12-E 04)

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