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g17 अंक 4 पेज 8
आर्कटिक टर्न

गज़ब का पक्षी आर्कटिक टर्न

आर्कटिक टर्न पक्षी अपनी प्रवासी यात्रा में आर्कटिक क्षेत्र से अंटार्कटिका तक जाते हैं और फिर लौट आते हैं। काफी समय तक माना जाता था कि इसके लिए वे 35,200 किलोमीटर की उड़ान भरते हैं। लेकिन हाल ही में पता चला कि वे इससे भी लंबी उड़ान भरते हैं।

आर्कटिक टर्न पक्षी का अटलांटिक महासागर के ऊपर से जाने का रास्ता

टर्न पक्षी प्रवासी यात्रा करते वक्‍त सीधा रास्ता नहीं लेते, जैसे तसवीर में दिखाया गया है

कुछ टर्न पक्षियों पर ‘जीओलोकेटर’ नाम का एक छोटा-सा यंत्र लगाया गया, जिसका वज़न लगभग पेन के ढक्कन के बराबर था। इस यंत्र से पता लगाया गया कि वे कहाँ आ-जा रहे हैं। पता चला कि कुछ पक्षियों ने आने-जाने में औसतन 90,000 किलोमीटर की उड़ान भरी और एक पक्षी ने तो करीब 96,000 किलोमीटर। आज तक किसी प्रवासी जीव ने इतनी लंबी यात्रा नहीं की। उनकी उड़ान के बारे में पहले जो माना जाता था और अब जो पता लगा है, उसमें इतना फर्क क्यों?

इन पक्षियों ने चाहे कहीं से भी उड़ान भरी हो, पर सीधा रास्ता नहीं लिया। कई पक्षियों ने अटलांटिक महासागर के ऊपर से जाने के लिए जो रास्ता लिया, वह S आकार का था (तसवीर देखें)। ऐसा रास्ता लेने की वजह यह है कि ये पक्षी हवा के बहाव के मुताबिक उड़ते हैं।

आर्कटिक टर्न पक्षी आम तौर पर 30 साल जीते हैं। अपने जीवन काल में वे 24 लाख किलोमीटर से भी ज़्यादा सफर तय करते हैं। इतना सफर करके तो कोई 3-4 बार धरती से चाँद तक आ-जा सकता है! एक वैज्ञानिक कहता है, ‘यह मत भूलिए कि इस पक्षी का वज़न 100 ग्राम से थोड़ा ही ऊपर होता है, फिर भी यह इतना लंबा सफर तय करता है। वाकई कमाल है!’ प्रवासी पक्षी नाम की किताब कहती है, ‘आर्कटिक टर्न ही ऐसा जीव है, जो सबसे ज़्यादा समय दिन के उजाले में रहता है,’ क्योंकि यह पृथ्वी के दोनों ध्रुवों पर गरमियों में रहता है।

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