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हमारी मसीही सभाओं में आकर आप क्या महसूस करेंगे?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 5
हमारी मसीही सभाओं में आकर आप क्या महसूस करेंगे?
अर्जण्टिना
सियर्रा लियोन
बेलजियम
मलेशिया
ऐसे बहुत-से लोग हैं जिन्होंने धार्मिक सभाओं में जाना बंद कर दिया है, क्योंकि वहाँ उन्हें न तो ज़िंदगी के अहम सवालों के जवाब मिलते हैं, न ही किसी तरह का सुकून। तो फिर, आपको यहोवा के साक्षियों की सभाओं में क्यों जाना चाहिए? वहाँ आप क्या महसूस करेंगे?
आप खुशी महसूस करेंगे कि आप ऐसे लोगों के बीच हैं, जो एक-दूसरे के लिए प्यार और परवाह दिखाते हैं। पहली सदी में मसीहियों को मंडलियों में संगठित किया गया था। और वे परमेश्वर की उपासना करने, शास्त्र का अध्ययन करने और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने के लिए सभाएँ रखते थे। (इब्रानियों 10:24, 25) मंडलियों के प्यार-भरे माहौल में आकर सभी महसूस कर पाते थे कि वे अपने सच्चे दोस्तों यानी मसीही भाई-बहनों के बीच हैं। (2 थिस्सलुनीकियों 1:3; 3 यूहन्ना 14) हम उन मसीहियों की मिसाल पर चलते हैं और वही खुशी महसूस करते हैं।
आप सीखेंगे कि बाइबल सिद्धांतों को कैसे अपनी ज़िंदगी में लागू करें। पुराने ज़माने की तरह आज भी स्त्री-पुरुष और बच्चे सभाओं के लिए इकट्ठा होते हैं। वहाँ काबिल शिक्षक, बाइबल से यह समझने में हमारी मदद करते हैं कि उसमें दिए सिद्धांतों को हम अपनी रोज़मर्रा ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकते हैं। (व्यवस्थाविवरण 31:12; नहेमायाह 8:8) हाज़िर लोगों के साथ होनेवाली चर्चा में सभी लोग हिस्सा ले सकते हैं और गीत गा सकते हैं। इस तरह हम अपनी मसीही आशा का ऐलान कर पाते हैं।—इब्रानियों 10:23.
परमेश्वर पर आपका विश्वास मज़बूत होगा। प्रेषित पौलुस ने अपने दिनों की एक मंडली को लिखा: “मैं तुमसे मिलने के लिए तरस रहा हूँ ताकि . . . मैं और तुम अपने-अपने विश्वास के ज़रिए एक-दूसरे का हौसला बढ़ा सकें।” (रोमियों 1:11, 12) सभाओं में जब हम नियमित तौर पर अपने मसीही भाई-बहनों से मिलते हैं और उनसे बात करते हैं, तो हमारा विश्वास मज़बूत होता है और मसीही स्तरों के मुताबिक जीने का हमारा इरादा पक्का होता है।
तो क्यों न आप हमारी अगली सभा में आएँ और खुद इन बातों को महसूस करें? आपका दिल से स्वागत किया जाएगा। सभाओं में आने के लिए न तो पैसे लिए जाते हैं, न ही चंदा माँगा जाता है।
किसकी मिसाल को ध्यान में रखकर हमारी मसीही सभाएँ रखी जाती हैं?
मसीही सभाओं में हाज़िर होने से हमें क्या फायदे होते हैं?
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मसीही भाई-बहनों के साथ संगति करने से हमें क्या फायदा होता है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 6
मसीही भाई-बहनों के साथ संगति करने से हमें क्या फायदा होता है?
मेडागास्कर
नॉर्वे
लेबनॉन
इटली
हम यहोवा के साक्षी बिना नागा अपनी मसीही सभाओं में हाज़िर होते हैं, फिर चाहे वहाँ आने के लिए हमें घने जंगल से गुज़रना पड़े या खराब मौसम में निकलना पड़े। हम सभी ज़िंदगी की मुश्किलों का सामना करते हैं, दिन-भर के काम से थक जाते हैं, लेकिन फिर भी हम अपने मसीही भाई-बहनों के साथ इकट्ठा होना नहीं छोड़ते। आखिर हम सभाओं में आने के लिए इतनी मेहनत क्यों करते हैं?
इसमें हमारी भलाई है। पौलुस ने कहा कि हमें मंडली में आनेवाले लोगों में “गहरी दिलचस्पी” लेनी चाहिए। (इब्रानियों 10:24) “गहरी दिलचस्पी” लेने का मतलब है, दूसरों को अच्छी तरह जानना। मंडली में दूसरे परिवारों को करीबी से जानने से हम देख पाते हैं कि कुछ परिवारों ने उन चुनौतियों को पार किया है, जिनसे हम गुज़र रहे हैं और वे हमारी मदद कर सकते हैं।
हम सच्चे दोस्त बना पाते हैं। सभाओं में आनेवाले लोगों के साथ हमारी सिर्फ थोड़ी-बहुत जान-पहचान नहीं होती, बल्कि वे हमारे करीबी दोस्त होते हैं। सभाओं के अलावा हम दूसरे मौकों पर भी साथ वक्त बिताते हैं और अच्छे किस्म के मनोरंजन का मज़ा उठाते हैं। मसीही भाई-बहनों की संगति का हम पर क्या अच्छा असर होता है? हम एक-दूसरे की और भी कदर करने लगते हैं, जिससे हमारा प्यार और गहरा हो जाता है। और जब उनमें से किसी पर मुसीबत आती है, तो एक अच्छे दोस्त के नाते हम तुरंत उसकी मदद करते हैं। (नीतिवचन 17:17) मंडली में सबके साथ संगति करने से हम दिखाते हैं कि हम “एक-दूसरे की फिक्र” करते हैं।—1 कुरिंथियों 12:25, 26.
हम आपको बढ़ावा देते हैं कि आप उन लोगों से दोस्ती करें, जो परमेश्वर की मरज़ी पूरी कर रहे हैं। यहोवा के साक्षियों के बीच आपको ऐसे दोस्त मिलेंगे। हमारी गुज़ारिश है कि कोई भी बात आपको हमारे साथ संगति करने से रोकने न पाए।
सभाओं में मसीही भाई-बहनों के साथ संगति करना क्यों हमारे लिए फायदेमंद है?
आप कब हमारी मंडली में आना चाहेंगे?
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हमारी सभाओं में क्या होता है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 7
हमारी सभाओं में क्या होता है?
न्यू ज़ीलैंड
जापान
उगांडा
लिथुआनिया
शुरू के मसीही जब सभाओं के लिए इकट्ठा होते थे, तो वे परमेश्वर की स्तुति में गीत गाते, प्रार्थना करते और शास्त्र पढ़कर उस पर चर्चा करते थे। वहाँ किसी तरह के रस्मों-रिवाज़ नहीं माने जाते थे। (1 कुरिंथियों 14:26) आज हमारी सभाएँ भी कुछ इसी तरह चलायी जाती हैं।
सिखायी जानेवाली बातें बाइबल से होती हैं और व्यावहारिक होती हैं। हर मंडली शनिवार या रविवार को इकट्ठा होती है और 30 मिनट के लिए बाइबल पर आधारित भाषण सुनती है। भाषण में समझाया जाता है कि हम जिस समय में जी रहे हैं, उस बारे में बाइबल क्या बताती है और यह भी कि इसमें दी बातें हमारे लिए क्या मायने रखती हैं। हम सबको बढ़ावा दिया जाता है कि जब बाइबल की कोई आयत पढ़ी जाती है, तो हम भी उसे अपनी बाइबल में देखें। भाषण के बाद, एक घंटे के लिए “प्रहरीदुर्ग” अध्ययन होता है, जिसमें प्रहरीदुर्ग के अध्ययन संस्करण के एक लेख पर चर्चा की जाती है और हाज़िर लोग उसमें हिस्सा ले सकते हैं। इस चर्चा से हम सीखते हैं कि बाइबल की सलाहों को अपनी ज़िंदगी में कैसे लागू करें। दुनिया-भर में हमारी 1,10,000 से ज़्यादा मंडलियाँ हैं और हर मंडली में प्रहरीदुर्ग के उसी लेख पर चर्चा की जाती है, जो उस हफ्ते के लिए दिया होता है।
हमारे सिखाने की कला को निखारा जाता है। शनिवार और रविवार के अलावा, हम एक और शाम इकट्ठा होते हैं। इस दिन तीन भागों वाला कार्यक्रम होता है जिसका नाम है, हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा। इस कार्यक्रम में जो भी चर्चा की जाती है, वह हर महीने प्रकाशित होनेवाली ‘मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका’ पर आधारित होती है। इस सभा के पहले भाग ‘पाएँ बाइबल का खज़ाना’ से हम बाइबल के कुछ अध्याय अच्छी तरह समझ पाते हैं, जिन्हें मंडली के लोग पहले से पढ़कर आते हैं। दूसरे भाग ‘बढ़ाएँ प्रचार में हुनर’ में प्रदर्शनों के ज़रिए सिखाया जाता है कि कैसे लोगों से बाइबल के विषयों पर चर्चा की जा सकती है। एक भाई जिसे सलाहकार की ज़िम्मेदारी दी गयी है, वह हर भाग पर ध्यान देता है ताकि विद्यार्थी को बता सके कि उसे अपनी पढ़ाई और बोलने की कला में कहाँ निखार लाना चाहिए। (1 तीमुथियुस 4:13) आखिरी भाग ‘जीएँ मसीहियों की तरह’ में सिखाया जाता है कि हम बाइबल के सिद्धांतों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकते हैं। इसमें सवाल-जवाब के ज़रिए चर्चा की जाती है, जिससे बाइबल की हमारी समझ बढ़ती है।
जब आप हमारी सभाओं में आएँगे, तो आप खुद देख पाएँगे कि यहाँ कितने बढ़िया तरीके से बाइबल से शिक्षा दी जाती है।—यशायाह 54:13.
यहोवा के साक्षियों की सभाओं में आप क्या सीखेंगे?
आप हमारी कौन-सी सभा में आना चाहेंगे?
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हम अपनी सभाओं के लिए क्यों अच्छे से तैयार होते हैं?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 8
हम अपनी सभाओं के लिए क्यों अच्छे से तैयार होते हैं?
आइसलैंड
मेक्सिको
गिनी बिस्साऊ
फिलिपाईन्स
क्या आपने इस ब्रोशर में दी तसवीरों पर गौर किया कि यहोवा के साक्षी, सभाओं के लिए कितनी अच्छी तरह तैयार होते हैं? हम अपने पहनावे और बनाव-सिंगार पर इतना ध्यान क्यों देते हैं?
हम अपने परमेश्वर के लिए आदर दिखाना चाहते हैं। यह सच है कि परमेश्वर हमारे दिल को देखता है न कि हमारे बाहरी रूप को। (1 शमूएल 16:7) लेकिन फिर भी जब हम उसकी उपासना के लिए इकट्ठा होते हैं, तो यही चाहते हैं कि हम अच्छे और साफ-सुथरे कपड़े पहनें क्योंकि इस तरह हम परमेश्वर और अपने मसीही भाई-बहनों के लिए आदर दिखा रहे होते हैं। सोचिए अगर आपको देश के राजा या राष्ट्रपति से मिलने जाना हो, तो क्या आप अपने पहनावे पर ध्यान नहीं देंगे? ज़रूर देंगे। उसी तरह जब हम सभाओं में शालीन कपड़े पहनकर आते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम “युग-युग के राजा” यहोवा और अपनी उपासना की जगह की कितनी इज़्ज़त करते हैं।—1 तीमुथियुस 1:17.
हम दिखाते हैं कि हम किन उसूलों पर चलते हैं। बाइबल, मसीहियों को बढ़ावा देती है कि वे पहनावे के मामले में “मर्यादा के साथ और सही सोच रखते हुए” काम करें। (1 तीमुथियुस 2:9, 10) “मर्यादा के साथ” सजने-सँवरने का मतलब है ऐसे कपड़े न पहनना जो भड़कीले, बेहूदा किस्म के और छोटे या तंग हों, जिससे लोगों का ध्यान हम पर जाए। “सही सोच” के साथ काम करने से हम ऐसे कपड़े चुन पाएँगे जो दिखने में अच्छे हों, न कि ऐसे जो बेढंगे हों या जो मसीहियों को शोभा नहीं देते। बाइबल के इन उसूलों पर चलने का यह मतलब नहीं कि हम सादे कपड़े पहनें, हम मर्यादा के दायरे में रहकर भी अलग-अलग तरह के कपड़े पहन सकते हैं। अपने सलीकेदार पहनावे से हम अपने “उद्धारकर्ता परमेश्वर की शिक्षा की शोभा बढ़ा” सकते हैं और ‘उसकी महिमा’ कर सकते हैं। (तीतुस 2:10; 1 पतरस 2:12) हम सभाओं के लिए जिस तरह के कपड़े पहनते हैं और बनाव-सिंगार करते हैं, उसे देखकर लोग यहोवा की उपासना के बारे में या तो अच्छी राय कायम करेंगे या बुरी।
अगर आपको लगता है कि आपके पास सभाओं के लिए अच्छे कपड़े नहीं हैं, तो इस वजह से राज-घर में आने से मत कतराइए। साफ-सुथरे, अच्छे और मौके के हिसाब से कपड़े पहनने के लिए ज़रूरी नहीं कि वे महँगे हों।
जब हम परमेश्वर की उपासना करने के लिए इकट्ठा होते हैं, तो अपने पहनावे पर ध्यान देना क्यों ज़रूरी है?
पहनावे और बनाव-सिंगार के मामले में सही चुनाव करने में कौन-से उसूल हमारी मदद कर सकते हैं?
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सभाओं की तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 9
सभाओं की तैयारी करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
कम्बोडिया
युक्रेन
अगर आप यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन कर रहे हैं, तो शायद आप हर अध्ययन से पहले जानकारी को पढ़ने की कोशिश करते होंगे। उसी तरह, मंडली की सभाओं की पहले से तैयारी करना अच्छा होता है। क्योंकि तब हमें उनसे ज़्यादा-से-ज़्यादा फायदा मिलता है। और अच्छी तैयारी के लिए एक अच्छा शेड्यूल होना ज़रूरी है।
तय कीजिए कि आप कब और कहाँ अध्ययन करेंगे। आप किस समय ध्यान लगाकर पढ़ाई कर पाते हैं? सुबह-सुबह काम शुरू करने से पहले? या रात को, जब आपके बच्चे सो जाते हैं? भले ही आप ज़्यादा समय तक अध्ययन न कर पाएँ, मगर तय कीजिए कि आप कितनी देर तक पढ़ाई करेंगे। और कोशिश कीजिए कि कोई भी बात आपके अध्ययन के आड़े न आए। ऐसी जगह चुनिए जहाँ शोर-शराबा न हो और रेडियो, टीवी और सेल फोन जैसी ध्यान भटकानेवाली चीज़ों को बंद कर दीजिए। अध्ययन से पहले प्रार्थना करने से आपको मदद मिलेगी कि आप इस दौरान अपनी चिंताओं के बारे में न सोचें, ताकि आप परमेश्वर के वचन पर पूरा ध्यान लगा पाएँ।—फिलिप्पियों 4:6, 7.
जवाबों पर निशान लगाइए और हिस्सा लेने की तैयारी कीजिए। किसी भी लेख या अध्याय की तैयारी करने के लिए सबसे पहले उस पर एक सरसरी नज़र डालिए। उसके शीर्षक पर ध्यान दीजिए, फिर देखिए कि हर उपशीर्षक का मूल-विषय के साथ क्या ताल्लुक है। उसमें दी तसवीरों को गौर से देखिए और लेख या अध्याय के आखिर में दिए सवालों पर ध्यान दीजिए। सरसरी नज़र डालने के बाद, एक-एक पैराग्राफ पढ़िए और उसके नीचे दिए सवालों के जवाब ढूँढ़ने की कोशिश कीजिए। जिन आयतों के हवाले दिए गए हैं, उन्हें बाइबल से पढ़िए और देखिए कि उन आयतों का दी जानकारी से क्या संबंध है। (प्रेषितों 17:11) सवालों के जवाब मिलने पर पैराग्राफ के खास शब्दों पर निशान लगाइए, ताकि उन्हें देखते ही आपको जवाब याद आ जाए। फिर सभा में अगर आप चाहें तो हाथ उठाकर अपने शब्दों में छोटा-सा जवाब दे सकते हैं।
सभाओं में हर हफ्ते जिन अलग-अलग विषयों पर चर्चा की जाती है, उनकी तैयारी करने से आप नयी-नयी बातें सीख पाएँगे और अपने ज्ञान के “खज़ाने” को और बढ़ा पाएँगे।—मत्ती 13:51, 52.
सभाओं की तैयारी करने के लिए आप कैसा शेड्यूल बना सकते हैं?
सभाओं में जवाब देने के लिए आप किस तरह तैयारी कर सकते हैं?
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पारिवारिक उपासना क्या है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 10
पारिवारिक उपासना क्या है?
दक्षिण कोरिया
ब्राज़ील
ऑस्ट्रेलिया
गिनी
बीते ज़माने से यहोवा ने यही चाहा है कि परिवार साथ मिलकर समय बिताए, ताकि हर सदस्य परमेश्वर के साथ और एक-दूसरे के साथ अपना रिश्ता मज़बूत कर सके। (व्यवस्थाविवरण 6:6, 7) यही वजह है कि यहोवा के साक्षी, हर हफ्ते पारिवारिक उपासना के लिए एक समय अलग रखते हैं। इस दौरान पूरा परिवार आराम से बैठकर अलग-अलग विषयों पर बाइबल से चर्चा करता है, खासकर उन विषयों पर जिनसे उन्हें अपनी परेशानियों या सवालों का जवाब मिले। लेकिन अगर आप अकेले रहते हैं, तब क्या? उपासना का यह समय परमेश्वर को अच्छी तरह जानने का एक अनमोल मौका है। आप इस दौरान अपनी पसंद के किसी विषय पर गहराई से अध्ययन कर सकते हैं।
पारिवारिक उपासना, यहोवा के करीब आने का समय है। “परमेश्वर के करीब आओ और वह तुम्हारे करीब आएगा।” (याकूब 4:8) जैसे-जैसे हम बाइबल से यहोवा की शख्सियत और उसके कामों के बारे में सीखते जाते हैं, हम उसे और अच्छी तरह जानने लगते हैं। पारिवारिक उपासना शुरू करने का एक आसान तरीका है, साथ मिलकर बाइबल पढ़ना। हमारी मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा के लिए हर हफ्ते बाइबल पढ़ाई का जो कार्यक्रम दिया होता है, आप चाहें तो उन अध्यायों को पढ़ सकते हैं। आप हर सदस्य को पहले से बता सकते हैं कि उसे कौन-सा हिस्सा पढ़ना है। पढ़ाई के बाद, सब मिलकर चर्चा कर सकते हैं कि उन्होंने इन अध्यायों से क्या सीखा।
पारिवारिक उपासना, परिवार में एक-दूसरे के करीब आने का समय है। जब परिवार मिलकर बाइबल का अध्ययन करता है तो पति-पत्नी एक-दूसरे के करीब आते हैं, साथ ही माँ-बाप और बच्चों का आपसी रिश्ता मज़बूत होता है। पारिवारिक उपासना के दौरान माहौल खुशनुमा और तनाव मुक्त होना चाहिए। यह ऐसा समय होना चाहिए जिसका सब लोग हर हफ्ते बेसब्री से इंतज़ार करें। माँ-बाप बच्चों की उम्र को ध्यान में रखकर, चर्चा के लिए ऐसे विषय चुन सकते हैं जिनसे बच्चों को फायदा हो। वे चाहें तो प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! या हमारी वेबसाइट jw.org में दिए उन लेखों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो खासकर बच्चों और नौजवानों के लिए तैयार किए गए हैं। या अगर आपका बच्चा स्कूल में किसी समस्या का सामना कर रहा है, तो आप चर्चा कर सकते हैं कि उस समस्या से कैसे निपटा जाए। क्यों न आप JW ब्रॉडकास्टिंग (tv.jw.org) के किसी कार्यक्रम को साथ मिलकर देखें और फिर उस पर चर्चा करें? अगर आप चाहें तो पारिवारिक उपासना के दौरान उन गीतों की प्रैक्टिस कर सकते हैं जो सभाओं में गाए जाएँगे। उपासना के बाद आप चाय-नाश्ते का भी मज़ा ले सकते हैं।
हर हफ्ते परिवार के साथ मिलकर यहोवा की उपासना करने का यह क्या ही खास समय है! इससे परिवार के हर सदस्य को परमेश्वर के वचन का अध्ययन करने में खुशी मिलेगी और यहोवा आपकी मेहनत पर भरपूर आशीषें देगा।—भजन 1:1-3.
हम पारिवारिक उपासना के लिए एक समय अलग क्यों रखते हैं?
इसे मज़ेदार बनाने के लिए माँ-बाप क्या कर सकते हैं?
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हम बड़े सम्मेलनों में क्यों हाज़िर होते हैं?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 11
हम बड़े सम्मेलनों में क्यों हाज़िर होते हैं?
मेक्सिको
जर्मनी
बोत्सवाना
निकारागुआ
इटली
इन हँसते-मुसकुराते चेहरों को देखिए। क्या आप जानते हैं, वे इतने खुश क्यों हैं? क्योंकि वे हमारे सम्मेलन के लिए इकट्ठा हुए हैं। पुराने ज़माने में परमेश्वर ने अपने लोगों को आज्ञा दी थी कि वे साल में तीन बार बड़ी सभाओं के लिए इकट्ठा हों। (व्यवस्थाविवरण 16:16) उनकी तरह आज हम भी बड़े समूहों में इकट्ठा होने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। हर साल हमारे सामने ऐसे तीन मौके आते हैं: एक-एक दिन के दो सर्किट सम्मेलन और तीन दिन का क्षेत्रीय अधिवेशन। इन सभाओं से हमें क्या फायदे होते हैं?
ये हमें अपनी मसीही बिरादरी के और भी करीब लाते हैं। जिस तरह इसराएलियों को “सभाओं” में इकट्ठा होकर यहोवा की स्तुति करने से खुशी मिलती थी, उसी तरह हम भी खास मौकों पर अपने भाइयों के साथ परमेश्वर की उपासना करने से फूले नहीं समाते। (भजन 26:12, फुटनोट; 111:1) इन सम्मेलनों में हमें दूसरी मंडलियों, यहाँ तक कि दूसरे देशों से आए साक्षियों से मिलने और उनसे बातें करने का मौका मिलता है। इसके अलावा, जब हम दोपहर को सम्मेलन की जगह पर साथ खाना खाते हैं, तब भी हम अपने भाई-बहनों से दोस्ती कर पाते हैं। (प्रेषितों 2:42) इन सम्मेलनों में हम खुद वह प्यार महसूस कर पाते हैं, जो पूरी दुनिया में हमारे “भाइयों की सारी बिरादरी” को एकता में बाँधे हुए है।—1 पतरस 2:17.
ये हमें अपने मसीही जीवन में तरक्की करते जाने में मदद देते हैं। बड़ी सभाओं में इकट्ठा होने से इसराएलियों को यह फायदा भी हुआ कि वे शास्त्र की बातें “समझ” पाए क्योंकि वहाँ उन्हें खुलकर उनका मतलब बताया जाता था। (नहेमायाह 8:8, 12) आज हमें भी सम्मेलनों में बाइबल की बातें सिखायी और समझायी जाती हैं। हर कार्यक्रम का विषय बाइबल के एक वचन पर आधारित होता है। कार्यक्रम में दिलचस्प भाषण और परिचर्चाएँ पेश की जाती हैं, साथ ही रोज़मर्रा ज़िंदगी के अलग-अलग हालात पर प्रदर्शन दिखाए जाते हैं। इनसे हम सीखते हैं कि हम अपनी ज़िंदगी में परमेश्वर की मरज़ी कैसे पूरी करें। जब हम उन लोगों के अनुभव सुनते हैं, जो आज इन मुश्किल समयों में चुनौतियों का सामना करते हुए मसीही स्तरों के मुताबिक जी रहे हैं, तो हमारा हौसला बढ़ता है। क्षेत्रीय अधिवेशनों में दिखाए जानेवाले नाटक, बाइबल के वाकयों को हमारे लिए और भी असल बना देते हैं और हम उनसे बहुत-सी व्यावहारिक बातें सीख पाते हैं। हर सम्मेलन में उन लोगों के लिए बपतिस्मे का इंतज़ाम किया जाता है, जो परमेश्वर को किया अपना समर्पण सब पर ज़ाहिर करना चाहते हैं।
सम्मेलन हमारे लिए खुशी के मौके क्यों होते हैं?
सम्मेलन में हाज़िर होने से आपको क्या फायदे हो सकते हैं?
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राज के प्रचार काम को किस तरह संगठित किया जाता है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 12
राज के प्रचार काम को किस तरह संगठित किया जाता है?
स्पेन
बेलारस
हाँग काँग
पेरू
यीशु ने अपनी मौत से कुछ समय पहले कहा: “राज की इस खुशखबरी का सारे जगत में प्रचार किया जाएगा ताकि सब राष्ट्रों को गवाही दी जाए और इसके बाद अंत आ जाएगा।” (मत्ती 24:14) पूरी दुनिया में यह प्रचार काम कैसे किया जाएगा? यीशु ने धरती पर रहते वक्त जो उदाहरण रखा था, उस पर चलने के ज़रिए।—लूका 8:1.
हम घर-घर जाकर लोगों से मिलने की कोशिश करते हैं। यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि वे घर-घर जाकर खुशखबरी सुनाएँ। (मत्ती 10:11-13; प्रेषितों 5:42; 20:20) पहली सदी के उन प्रचारकों को कुछ इलाके दिए गए थे, जहाँ उन्हें प्रचार करना था। (मत्ती 10:5, 6; 2 कुरिंथियों 10:13) उसी तरह, आज हमारे प्रचार काम को भी अच्छी तरह संगठित किया गया है। हर मंडली को प्रचार के लिए एक इलाका दिया जाता है, जहाँ मंडली के लोग घर-घर जाकर खुशखबरी सुनाते हैं। इस तरह, हम यीशु की यह आज्ञा पूरी कर पाते हैं, ‘लोगों को प्रचार करो और अच्छी तरह गवाही दो।’—प्रेषितों 10:42.
हम हर कहीं लोगों से बात करने की कोशिश करते हैं। घर-घर के अलावा, यीशु ने सार्वजनिक जगहों पर भी लोगों को प्रचार किया, जैसे झील के किनारे या कुएँ के पास। (मरकुस 4:1; यूहन्ना 4:5-15) आज हम भी, जहाँ कहीं लोग मिलते हैं उनसे बाइबल के बारे में बात करते हैं। जैसे सड़कों पर, बिज़नेस की जगहों पर, पार्क में या फिर टेलिफोन पर। मौका मिलने पर हम अपने पड़ोसियों, साथ काम करनेवालों, क्लास के साथियों और रिश्तेदारों को भी गवाही देते हैं। इन कोशिशों का नतीजा यह हुआ है कि दुनिया-भर में लाखों लोग ‘उद्धार की खुशखबरी’ सुन पाए हैं।—भजन 96:2.
क्या आप किसी को परमेश्वर के राज की खुशखबरी बताना चाहेंगे और यह भी कि इसका उसके भविष्य के साथ क्या ताल्लुक है? तो फिर जल्द-से-जल्द उसे इस आशा के बारे में बताइए।
किस “खुशखबरी” का ऐलान किया जाना है?
प्रचार करने में यीशु ने जो उदाहरण रखा, यहोवा के साक्षी कैसे उस पर चल रहे हैं?
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पायनियर किसे कहते हैं?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 13
पायनियर किसे कहते हैं?
कनाडा
घर-घर का प्रचार
बाइबल अध्ययन
निजी अध्ययन
“पायनियर” अकसर उन लोगों को कहा जाता है जो नए-नए इलाके खोज निकालते हैं और दूसरों के लिए वहाँ पहुँचने का रास्ता खोलते हैं। यीशु भी एक तरह से पायनियर था क्योंकि उसे धरती पर सेवा करने के लिए भेजा गया था और उसने अपनी सेवा के ज़रिए लोगों के लिए उद्धार पाने का रास्ता खोला। (मत्ती 20:28) आज उसके चेले उसकी मिसाल पर चलते हुए, ‘चेला बनाने’ के काम में ज़्यादा-से-ज़्यादा वक्त बिता रहे हैं। (मत्ती 28:19, 20) और कुछ लोग तो ‘पायनियर सेवा’ कर रहे हैं।
पायनियर, पूरे समय के प्रचारक होते हैं। सभी यहोवा के साक्षी खुशखबरी के प्रचारक हैं। मगर कुछ लोगों ने इस तरह का शेड्यूल बनाया है ताकि वे पायनियर के तौर पर सेवा कर पाएँ यानी हर महीने प्रचार में 70 घंटे बिता पाएँ। इसके लिए कई पायनियर, पूरे दिन नौकरी करने के बजाय सिर्फ पार्ट-टाइम नौकरी करते हैं। कुछ प्रचारकों को खास पायनियर के तौर पर सेवा करने के लिए चुना जाता है और उन इलाकों में भेजा जाता है जहाँ राज प्रचारकों की ज़्यादा ज़रूरत है। ये पायनियर हर महीने प्रचार में 130 या उससे ज़्यादा घंटे बिताते हैं। पायनियर सादगी-भरा जीवन जीने में खुश रहते हैं, उन्हें पूरा भरोसा होता है कि यहोवा उनकी बुनियादी ज़रूरतें मुहैया कराएगा। (मत्ती 6:31-33; 1 तीमुथियुस 6:6-8) जो लोग पूरे समय की पायनियर सेवा नहीं कर सकते, वे अपने हालात को ध्यान में रखकर समय-समय पर सहयोगी पायनियर सेवा कर सकते हैं। वे जिस महीने सहयोगी पायनियर सेवा करते हैं, उस महीने प्रचार में 30 या 50 घंटे बिताते हैं।
परमेश्वर और लोगों के लिए प्यार, एक पायनियर को उभारता है। यीशु की तरह आज हम भी देख सकते हैं कि लोगों को परमेश्वर और उसके मकसदों के बारे में जानने की कितनी ज़रूरत है। (मरकुस 6:34) हमारे पास वह जानकारी है, जो न सिर्फ आज उनकी मदद कर सकती है बल्कि भविष्य के लिए भी एक पक्की आशा दे सकती है। पड़ोसी के लिए प्यार ही एक पायनियर को उभारता है कि वह दूसरों को खुशखबरी सुनाने में अपनी पूरी ताकत और समय लगा दे। (मत्ती 22:39; 1 थिस्सलुनीकियों 2:8) इस काम से खुद एक पायनियर का विश्वास मज़बूत होता है, वह परमेश्वर के करीब आता है और उसे बेइंतिहा खुशी मिलती है।—प्रेषितों 20:35.
समझाइए कि पायनियर किसे कहते हैं?
क्या बात कुछ लोगों को पूरे समय की पायनियर सेवा करने के लिए उभारती है?
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पायनियरों को तालीम देने के लिए क्या इंतज़ाम किया गया है?आज कौन यहोवा की मरज़ी पूरी कर रहे हैं?
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पाठ 14
पायनियरों को तालीम देने के लिए क्या इंतज़ाम किया गया है?
अमरीका
न्यू यॉर्क के पैटरसन में गिलियड स्कूल
पनामा
यहोवा के साक्षियों की यह खासियत रही है कि उन्हें परमेश्वर से लगातार तालीम मिलती है। जो लोग अपना पूरा समय राज का प्रचार करने में लगाते हैं, उन्हें खास तालीम देने के लिए स्कूलों का इंतज़ाम किया गया है ताकि वे “अपनी सेवा अच्छी तरह पूरी कर” सकें।—2 तीमुथियुस 4:5.
पायनियर सेवा स्कूल। जब एक पायनियर अपनी पूरे-समय की सेवा का पहला साल पूरा करता है, तो उसे इस स्कूल में दाखिल किया जाता है। यह स्कूल छ: दिन तक चलता है और इसे पास के किसी राज-घर में रखा जाता है। इस स्कूल का मकसद है, पायनियरों की मदद करना ताकि वे यहोवा के और करीब आ सकें, प्रचार के हर पहलू में और भी कुशल हो जाएँ और वफादारी से अपनी सेवा में लगे रहें।
राज प्रचारकों के लिए स्कूल। यह स्कूल दो महीने का कोर्स है और उन तजुरबेकार पायनियरों को तालीम देने के लिए तैयार किया गया है, जो अपना शहर छोड़कर वहाँ जाकर सेवा करने के लिए तैयार हैं जहाँ उनकी ज़रूरत है। एक मायने में वे कह रहे हैं, “मैं यहाँ हूँ! मुझे भेज!” इस तरह वे यीशु मसीह की मिसाल पर चल रहे होते हैं, जो धरती पर सेवा करनेवाले अब तक का सबसे महान प्रचारक है। (यशायाह 6:8; यूहन्ना 7:29) घर से दूर जाने के लिए उन्हें शायद ऐसी जगह रहने की आदत डालनी पड़े जहाँ का रहन-सहन सादा हो। वहाँ की संस्कृति, मौसम और खान-पान उनकी अपनी जगह से बिलकुल अलग हो सकता है। उन्हें शायद एक नयी भाषा सीखने की ज़रूरत भी पड़े। इस स्कूल में 23-65 उम्र के कुँवारे भाई, कुँवारी बहनें और शादीशुदा जोड़े अपने अंदर ऐसे मसीही गुण बढ़ाना सीखते हैं जिनकी उन्हें अपनी सेवा में ज़रूरत पड़ेगी। साथ ही, वे ऐसे हुनर सीखते हैं जिससे वे यहोवा और उसके संगठन के निर्देशन में ज़्यादा-से-ज़्यादा सेवा कर सकें।
वॉचटावर बाइबल स्कूल ऑफ गिलियड। इब्रानी भाषा में शब्द “गिलियड” का जो मतलब है, उसका ताल्लुक “गवाही देने” से है। गिलियड स्कूल की शुरूआत सन् 1943 में हुई थी और तब से लेकर आज तक इस स्कूल से तालीम पानेवाले 8,000 से भी ज़्यादा भाई-बहनों को मिशनरी के तौर पर भेजा गया है ताकि वे “पृथ्वी के छोर तक” गवाही दे सकें। (प्रेषितों 13:47) उनका यह काम बहुत कामयाब रहा है। पेरू देश में जब हमारे मिशनरी पहली बार आए, तो वहाँ एक भी मंडली नहीं थी। मगर आज वहाँ 1,000 से ज़्यादा मंडलियाँ हैं। जब हमारे मिशनरियों ने जापान में कदम रखा, तब वहाँ दस से भी कम साक्षी थे। आज वहाँ साक्षियों की गिनती 2,00,000 से भी ज़्यादा है। गिलियड स्कूल, पाँच महीने का कोर्स है जिसमें बाइबल का गहराई से अध्ययन करना भी शामिल है। इस स्कूल के लिए उन मसीहियों को न्यौता दिया जाता है, जो खास पायनियर हैं, शाखा दफ्तर में सेवा कर रहे हैं, सर्किट निगरान हैं या ऐसे मिशनरी हैं जो पूरे समय प्रचार काम करते हैं। उन्हें ज़बरदस्त तालीम दी जाती है ताकि वे विश्वास में मज़बूत बनें और पूरी दुनिया में होनेवाले हमारे काम को बढ़ावा दे सकें।
पायनियर सेवा स्कूल का मकसद क्या है?
राज प्रचारकों के लिए स्कूल किन लोगों के लिए तैयार किया गया है?
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