वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • yc पाठ 13 पेज 28-29
  • तीमुथियुस लोगों की मदद करना चाहता था

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • तीमुथियुस लोगों की मदद करना चाहता था
  • अपने बच्चों को सिखाइए
  • मिलते-जुलते लेख
  • तीमुथियुस—सेवा करने के लिए तैयार
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2008
  • पौलुस और तीमुथियुस
    बाइबल से सीखें अनमोल सबक
  • तीमुथियुस—“विश्‍वास में . . . सच्चा पुत्र”
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—1999
  • सत्य के वचन को ठीक रीति से काम में लाने में, क्या बात हमारी मदद कर सकती है?
    प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2003
और देखिए
अपने बच्चों को सिखाइए
yc पाठ 13 पेज 28-29
तीमुथियुस अपनी मम्मी यूनीके और नानी लोइस से सीख रहा है

कहानी 13

तीमुथियुस लोगों की मदद करना चाहता था

तीमुथियुस एक जवान आदमी था, जिसे लोगों की मदद करना अच्छा लगता था। दूसरों की मदद करने के लिए वह बहुत-सी जगहों पर गया। इसलिए उसकी ज़िंदगी बहुत ही मज़ेदार रही। क्या आप इस बारे में जानना चाहेंगे?—

तीमुथियुस की मम्मी और नानी ने उसे यहोवा के बारे में सिखाया

तीमुथियुस लुस्त्रा नाम के शहर में बड़ा हुआ। उसकी नानी का नाम था लोइस और उसकी मम्मी का नाम था यूनीके। जब तीमुथियुस छोटा था, तभी से उसकी नानी और उसकी मम्मी ने उसे यहोवा के बारे में सिखाना शुरू कर दिया था। जैसे-जैसे तीमुथियुस बड़ा होता गया, उसे और भी मन करने लगा कि वह दूसरों को यहोवा के बारे में बताए।

जब तीमुथियुस जवान ही था, तब पौलुस ने उससे पूछा कि क्या वह उसके साथ दूसरी जगहों पर प्रचार करने के लिए चलना चाहेगा। तीमुथियुस ने कहा: ‘हाँ, मैं चलूँगा!’ वह पौलुस के साथ जाने के लिए और दूसरों की मदद करने के लिए एकदम तैयार था।

तीमुथियुस पौलुस के साथ मकिदुनिया इलाके के एक शहर में गया, जिसका नाम था थिस्सलुनीके। वहाँ तक पहुँचने के लिए, उन्हें बहुत दूर तक पैदल चलना पड़ा और जहाज़ से भी जाना पड़ा। जब पौलुस और तीमुथियुस वहाँ पहुँचे, तो उन्होंने वहाँ कई लोगों को यहोवा के बारे में सिखाया। लेकिन कुछ लोग बहुत गुस्सा हो गए और उन्होंने पौलुस और तीमुथियुस को मारने की भी कोशिश की। इसलिए पौलुस और तीमुथियुस को वहाँ से जाना पड़ा और दूसरी जगह जाकर प्रचार करना पड़ा।

तीमुथियुस प्रेषित पौलुस के साथ जहाज़ से सफर कर रहा है

तीमुथियुस की ज़िंदगी खुशियों-भरी और मज़ेदार थी

कुछ महीनों बाद, पौलुस ने तीमुथियुस से कहा कि वह थिस्सलुनीके वापस जाए और देखकर आए कि वहाँ के भाई-बहन कैसे हैं। याद है उसी शहर में लोगों ने उन्हें जान से मारने की कोशिश की थी। खतरों से भरे उस शहर में वापस जाने के लिए तीमुथियुस को बहुत हिम्मत और बहादुरी की ज़रूरत थी! लेकिन फिर भी, तीमुथियुस वहाँ गया क्योंकि उसे वहाँ के भाई-बहनों की चिंता हो रही थी। वहाँ से वापस आकर तीमुथियुस ने पौलुस को अच्छी खबर दी। उसने कहा कि थिस्सलुनीके के भाई-बहन खुशी से यहोवा की सेवा कर रहे हैं!

तीमुथियुस ने कई सालों तक पौलुस के साथ काम किया। एक बार पौलुस ने लिखा कि तीमुथियुस से अच्छा और कोई नहीं था, जिसे वह मंडलियों की मदद करने के लिए भेज सकता था! तीमुथियुस यहोवा से और लोगों से बहुत प्यार करता था।

क्या आप लोगों से प्यार करते हैं और क्या आप उन्हें यहोवा के बारे में सिखाना चाहते हैं?— अगर आप ऐसा करें, तो आपकी ज़िंदगी भी तीमुथियुस की ज़िंदगी की तरह खुशियों से भरी और मज़ेदार हो सकती है!

अपनी बाइबल में पढ़िए

  • 2 तीमुथियुस 1:5; 3:15

  • प्रेषितों 16:1-5; 17:1-10

  • 1 थिस्सलुनीकियों 3:2-7

  • फिलिप्पियों 2:19-22

सवाल:

  • तीमुथियुस कहाँ बड़ा हुआ था?

  • क्या तीमुथियुस पौलुस के साथ जाना चाहता था? क्यों?

  • तीमुथियुस थिस्सलुनीके वापस क्यों गया?

  • आपकी ज़िंदगी तीमुथियुस की ज़िंदगी की तरह खुशियों से भरी और मज़ेदार कैसे हो सकती है?

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें