बक्स 19ख
हलकी-हलकी बहती धारा एक नदी बन जाती है!
यहोवा के मंदिर से पानी की एक धारा हलकी-हलकी बहती है और यहेजकेल उसके साथ-साथ आगे बढ़ता है। पानी की यह धारा बस दो किलोमीटर आगे जाकर एक गहरी नदी बन जाती है। नदी के दोनों किनारे हरे-भरे पेड़ हैं जिन पर अच्छे फल लगते हैं और जिनके पत्ते रोग दूर करने के काम आते हैं। इन बातों का क्या मतलब है?
आशीषों की नदी
प्राचीन समय में: जब यहूदियों ने अपने देश लौटने के बाद मंदिर में शुद्ध उपासना बहाल करने में जी-जान लगा दी, तो उन्हें कई आशीषें मिलीं
आधुनिक समय में: 1919 में शुद्ध उपासना बहाल हुई और तब से यहोवा के सेवकों के लिए आशीषों की धारा बहने लगी। मतलब, उनके लिए ऐसे इंतज़ाम किए गए कि वे शुद्ध उपासना कर पाएँ
भविष्य में: हर-मगिदोन के बाद यहोवा हमें और भी कई आशीषें देगा। जैसे, हमें परिपूर्ण बना देगा और नयी-नयी सच्चाइयाँ सिखाएगा
जीवन देनेवाला पानी
प्राचीन समय में: जब यहूदी अपने देश लौटे, तो यहोवा ने उन्हें बहुतायत में आशीषें दीं। उनकी गिनती बढ़ती गयी, फिर भी उनके लिए भरपूर इंतज़ाम किए गए ताकि वे यहोवा की उपासना कर सकें
आधुनिक समय में: आज बहुत-से लोग सच्चाई सीख रहे हैं और यहोवा की सेवा करने के लिए फिरदौस जैसे माहौल में हमारे साथ जुड़ रहे हैं और एक तरह से नयी ज़िंदगी पा रहे हैं
भविष्य में: फिरदौस में अनगिनत लोगों को ज़िंदा किया जाएगा। उन्हें और हर-मगिदोन से बचनेवालों को बहुतायत में यहोवा की आशीषें मिलेंगी
रोग दूर करनेवाले फलदार पेड़
प्राचीन समय में: जब यहूदी अपने देश लौटे, तो यहोवा ने उन्हें बढ़िया शिक्षा दी जो उनके लिए खुराक जैसी थी और ऐसे इंतज़ाम किए जिनकी वजह से वे शुद्ध उपासना कर पाए। उसने उनका रोग भी दूर किया यानी झूठी उपासना से दूर रहने में उनकी मदद की
आधुनिक समय में: आज जहाँ दुनिया में सही मार्गदर्शन का अकाल पड़ा है, वहीं यहोवा के लोगों को सच्चाई की भरपूर खुराक मिल रही है ताकि वे पाप करने के प्रलोभन को ठुकरा सकें और अपने अंदर दुनियावी लोगों की तरह बुरा रवैया न पनपने दें
भविष्य में: मसीह और उसके 1,44,000 साथी राजाओं की मदद से वफादार लोग परिपूर्ण हो जाएँगे और हमेशा अच्छी सेहत का आनंद उठाएँगे!