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  • इस दुनिया का अंत कैसे होगा

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  • इस दुनिया का अंत कैसे होगा
  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2012
  • उपशीर्षक
  • मिलते-जुलते लेख
  • अंत से ठीक पहले क्या होगा?
  • एक “रानी” जिसे लगता है, उसके साथ कुछ बुरा नहीं होगा
  • परमेश्‍वर के लोगों पर हमला
  • राष्ट्रों को मानना पड़ेगा कि यहोवा कौन है
  • और कोई विश्‍व शक्‍ति नहीं उभरेगी
  • परमेश्‍वर के सबसे बड़े दुश्‍मन का क्या होगा?
  • घटनाएँ जिनके बीतने पर शांति का समय आएगा
  • परमेश्‍वर का राज अपने दुश्‍मनों को मिटा देगा
    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!
  • हर-मगिदोन का हमें इंतज़ार है!
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है—2012
w12 9/15 पेज 3-7

इस दुनिया का अंत कैसे होगा

“तुम अंधकार में नहीं हो कि वह दिन तुम पर इस तरह आ पड़े, जिस तरह दिन का उजाला चोरों पर आ पड़ता है।”—1 थिस्स. 5:4.

क्या आप समझा सकते हैं?

इन आयतों के मुताबिक कौन-सी घटनाएँ जल्द ही घटनेवाली हैं?

  • 1 थिस्सलुनीकियों 5:3

  • प्रकाशितवाक्य 17:16

  • दानिय्येल 2:44

1. जागते रहने और आज़माइशों का सामना करने में क्या बात हमारी मदद करेगी?

बहुत जल्द दुनिया में ऐसी घटनाएँ होनेवाली हैं जो सबको हिलाकर रख देंगी। बाइबल की भविष्यवाणियों का पूरा होना इस बात को पुख्ता करता है। इसलिए बेहद ज़रूरी है कि हम जागते रहें। जागते रहने में क्या बात हमारी मदद करेगी? प्रेषित पौलुस ने हमें उकसाया कि “हम अपनी नज़र . . . अनदेखी चीज़ों पर टिकाए” रखें। जी हाँ, हमें याद रखना होगा कि यहोवा ने हमसे हमेशा की ज़िंदगी का वादा किया है, फिर चाहे हमारी आशा स्वर्ग में जीने की हो या धरती पर। पौलुस ने ये शब्द इसलिए लिखे थे क्योंकि वह अपने मसीही भाइयों को उस इनाम पर नज़र टिकाए रखने का बढ़ावा देना चाहता था, जो परमेश्‍वर के वफादार रहने पर उन्हें मिलता। इससे उन्हें आज़माइशों और ज़ुल्मों का सामना करने की भी ताकत मिलती।—2 कुरिं. 4:8, 9, 16-18; 5:7.

2. (क) अपनी आशा को मज़बूत बनाए रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए? (ख) इस लेख और अगले लेख में हम क्या चर्चा करेंगे?

2 पौलुस की सलाह से हम एक अहम सिद्धांत सीखते हैं। वह यह कि अपनी आशा को मज़बूत बनाए रखने के लिए हमें अपना ध्यान सिर्फ उन चीज़ों पर नहीं लगाना चाहिए जो हमें नज़र आती हैं, बल्कि उन अहम घटनाओं पर भी लगाना चाहिए जो हमें फिलहाल दिखायी नहीं देतीं। (इब्रा. 11:1; 12:1, 2) आइए अब हम बहुत जल्द होनेवाली ऐसी दस घटनाओं पर चर्चा करें जिनका हमारी आशा यानी हमेशा की ज़िंदगी के साथ गहरा ताल्लुक है।a

अंत से ठीक पहले क्या होगा?

3. (क) पहला थिस्सलुनीकियों 5:2, 3 के मुताबिक कौन-सी घटना घटनेवाली है? (ख) दुनिया के नेता क्या करेंगे? और कौन उनका साथ देगा?

3 भविष्य में होनेवाली एक घटना का ज़िक्र पौलुस थिस्सलुनीकियों को लिखी अपनी पत्री में करता है। (1 थिस्सलुनीकियों 5:2, 3 पढ़िए।) उसमें वह ‘यहोवा के दिन’ के बारे में बताता है। “यहोवा का दिन” वह समय है, जो झूठे धर्म के विनाश से शुरू होगा और इसके आखिर में हर-मगिदोन का युद्ध लड़ा जाएगा। लेकिन इस दिन के शुरू होने से ठीक पहले दुनिया के नेता कहेंगे “शांति और सुरक्षा है!” यह या तो एक घटना हो सकती है या फिर एक-के-बाद-एक घटनेवाली कई घटनाएँ। वे ऐसा इसलिए कहेंगे क्योंकि उन्हें लगेगा कि वे अपनी बड़ी-से-बड़ी समस्याएँ सुलझाने ही वाले हैं। ऐसे में धर्म के अगुवे क्या करेंगे? वे इस दुनिया का हिस्सा हैं, इसलिए मुमकिन है कि वे इस काम में दुनिया के नेताओं से हाथ मिला लें। (प्रका. 17:1, 2) इस तरह ये अगुवे, प्राचीन समय के यहूदा के झूठे भविष्यवक्‍ताओं की देखा-देखी करेंगे। उन भविष्यवक्‍ताओं के बारे में यहोवा ने कहा, ‘वे कहते हैं “शान्ति है शान्ति” परन्तु शान्ति तो है ही नहीं।’—यिर्म. 6:14, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन; 23:16, 17.

4. हम क्या समझते हैं जो दुनिया के ज़्यादातर लोग नहीं समझ पाते?

4 “शांति और सुरक्षा” का ऐलान चाहे कोई भी करे, मगर एक बात तो तय है। यह इशारा करेगा कि यहोवा का दिन बस शुरू होनेवाला है। इसलिए पौलुस कह सका, “भाइयो, तुम अंधकार में नहीं हो कि वह दिन तुम पर इस तरह आ पड़े, जिस तरह दिन का उजाला चोरों पर आ पड़ता है। इसलिए कि तुम सब रौशनी के बेटे . . . हो।” (1 थिस्स. 5:4, 5) आज होनेवाली घटनाओं के बारे में बाइबल जो बताती है, उसे हम समझते हैं जबकि दुनिया के ज़्यादातर लोग नहीं समझ पाते। आखिर यह भविष्यवाणी कि लोग कहेंगे, “शांति और सुरक्षा है,” किस तरह पूरी होगी? यह तो वक्‍त ही बताएगा, तब तक हमें सब्र करना होगा। इसलिए आइए हम ठान लें कि हम ‘जागते रहेंगे और होश-हवास बनाए रखेंगे।’—1 थिस्स. 5:6; सप. 3:8.

पाँच घटनाएँ जो जल्द घटनेवाली हैं:

  1. “शांति और सुरक्षा” का ऐलान

  2. राष्ट्रों का “महानगरी बैबिलोन” पर हमला और उसका पूरी तरह नाश

  3. यहोवा के लोगों पर हमला

  4. हर-मगिदोन की लड़ाई

  5. शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों का अथाह-कुंड में फेंक दिया जाना

एक “रानी” जिसे लगता है, उसके साथ कुछ बुरा नहीं होगा

5. (क) “महा-संकट” कैसे शुरू होगा? (ख) वह “रानी” कौन है जिसे लगता है कि उसके साथ कुछ बुरा नहीं होगा?

5 इसके बाद कौन-सी घटना होगी? पौलुस ने कहा, “जब लोग कहते होंगे: ‘शांति और सुरक्षा है!’ तब उसी वक्‍त अचानक उन पर विनाश आ पड़ेगा।” ‘अचानक आनेवाले इस विनाश’ की शुरूआत में दुनिया के सभी झूठे धर्मों पर हमला किया जाएगा। साम्राज्य की तरह फैले इन धर्मों को “महानगरी बैबिलोन” या “वेश्‍या” कहा गया है। (प्रका. 17:5, 6, 15) सभी झूठे धर्मों यहाँ तक कि ईसाईजगत पर जो हमला किया जाएगा, उससे “महा-संकट” शुरू हो जाएगा। (मत्ती 24:21; 2 थिस्स. 2:8) जब ऐसा होगा तो कई लोग दंग रह जाएँगे। वह क्यों? क्योंकि उस वक्‍त तक वेश्‍या को यही लगेगा कि वह “रानी” है, वह ‘कभी मातम नहीं देखेगी’ और उसके साथ कुछ बुरा नहीं होगा। मगर अचानक उसे इस कड़वे सच से रू-ब-रू होना पड़ेगा कि वह कितनी गलत थी। देखते-ही-देखते, मानो “एक ही दिन में” उसका सफाया कर दिया जाएगा।—प्रका. 18:7, 8.

6. कौन झूठे धर्मों का नाश करेगा?

6 बाइबल बताती है कि वेश्‍या पर हमला करनेवाला “एक जंगली जानवर” है जिसके “दस सींग” हैं। प्रकाशितवाक्य की किताब का अध्ययन करने से पता चलता है कि यह जंगली जानवर संयुक्‍त राष्ट्र को दर्शाता है। और “दस सींग” का मतलब वे सारी सरकारें हैं, जो आज इस ‘सुर्ख लाल रंग के जंगली जानवर’ का साथ देती हैं।b (प्रका. 17:3, 5, 11, 12) झूठे धर्मों का किस कदर नाश किया जाएगा? संयुक्‍त राष्ट्र के देश, वेश्‍या की सारी धन-संपत्ति लूट लेंगे, वह कितनी बुरी और बदचलन है इसका परदाफाश करेंगे और उसे “पूरी तरह जला देंगे।” जी हाँ, उसका हमेशा-हमेशा के लिए नामो-निशान मिटा दिया जाएगा।—प्रकाशितवाक्य 17:16 पढ़िए।

7. झूठे धर्म पर “जंगली जानवर” का हमला कैसे शुरू होगा?

7 बाइबल की भविष्यवाणी यह भी बताती है कि यह हमला कैसे शुरू होगा। यहोवा किसी-न-किसी तरीके से नेताओं के दिलों में यह बात डालेगा कि वे “उसकी सोच पूरी करें” यानी वेश्‍या को खत्म करें। (प्रका. 17:17) आज धर्म की वजह से लड़ाइयाँ लड़ी जा रही हैं, लोगों में फूट पैदा हो रही है। इसलिए राष्ट्रों को शायद लगे कि इस वेश्‍या को मिटा देने में ही उनकी भलाई है। राष्ट्रों के शासक जब वेश्‍या पर हमला करेंगे, तो उन्हें लगेगा कि वे अपनी “एक राय” के मुताबिक काम कर रहे हैं। लेकिन असल में वे परमेश्‍वर का मकसद पूरा कर रहे होंगे। इस तरह शैतान की व्यवस्था का एक भाग, उसकी ही व्यवस्था के दूसरे भाग पर वार करेगा और शैतान बेबस देखता रह जाएगा।—मत्ती 12:25, 26.

परमेश्‍वर के लोगों पर हमला

8. “मागोग देश के गोग” का हमला क्या है?

8 जहाँ एक तरफ झूठे धर्म का नाश होगा, वहीं दूसरी तरफ परमेश्‍वर के सेवक “बिना शहरपनाह” के ‘निडर बसे’ हुए नज़र आएँगे। (यहे. 38:11, 14) तो फिर इस समूह के लोगों का क्या होगा, जो परमेश्‍वर की उपासना करना जारी रखते हैं और दिखने में निहत्थे और बेसहारा लगते हैं? ऐसा मालूम होता है कि “बहुत सी जातियों के लोग” उन्हें पूरी तरह से खत्म करने के लिए उन पर चढ़ाई करेंगे। परमेश्‍वर का वचन बताता है कि इस घटना को “मागोग देश के गोग” का हमला कहा जाता है। (यहेजकेल 38:2, 15, 16 पढ़िए।) हमें इस हमले के बारे में कैसा महसूस करना चाहिए?

9. (क) एक मसीही की सबसे बड़ी चिंता क्या होनी चाहिए? (ख) अपना विश्‍वास मज़बूत करने के लिए हमें आज क्या करना चाहिए?

9 इस हमले के बारे में पहले से जानकर हम चिंता में नहीं डूब जाते। हमारी सबसे बड़ी चिंता है यहोवा के नाम का पवित्र किया जाना और उसकी हुकूमत का बुलंद होना, न कि यह कि हमारी ज़िंदगी सलामत रहेगी या नहीं। दरअसल यहोवा ने साठ से भी ज़्यादा बार ऐलान किया है, “तुम जान लोगे कि मैं यहोवा हूं।” (यहे. 6:7) हम इस हैरतअंगेज़ भविष्यवाणी को पूरा होते देखने में गहरी दिलचस्पी लेते हैं और हमें भरोसा है कि “यहोवा जानता है कि जो उसकी भक्‍ति करते हैं उन्हें परीक्षा से कैसे निकाले।” (2 पत. 2:9) लेकिन तब तक हमें अपना विश्‍वास मज़बूत करने की हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए ताकि हमारे सामने जो भी परीक्षा आए, हम अपनी खराई बनाए रखें। हमें क्या करना चाहिए? हमें प्रार्थना, परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन और मनन करना, साथ ही दूसरों को राज का संदेश सुनाना चाहिए। इस तरह हम हमेशा की ज़िंदगी की अपनी आशा मज़बूत बनाए रखेंगे। यह आशा “एक लंगर” की तरह हमारी मदद करेगी कि हम अपने विश्‍वास में कभी न डगमगाएँ और यहोवा के वफादार बने रहें।—इब्रा. 6:19; भज. 25:21.

राष्ट्रों को मानना पड़ेगा कि यहोवा कौन है

10, 11. हर-मगिदोन का युद्ध किस तरह शुरू होगा? उस दौरान क्या होगा?

10 जब यहोवा के सेवकों पर हमला किया जाएगा, तब क्या घटना घटेगी जो पूरी दुनिया को हिलाकर रख देगी? यहोवा, यीशु और स्वर्ग की सेनाओं के ज़रिए अपने लोगों की मदद करने के लिए कदम उठाएगा। (प्रका. 19:11-16) इस कार्रवाई को ‘सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के महान दिन का युद्ध’ या हर-मगिदोन कहा जाता है।—प्रका. 16:14, 16.

11 इस युद्ध के बारे में यहोवा यहेजकेल के ज़रिए ऐलान करता है, “परमेश्‍वर यहोवा की यह वाणी है कि मैं [गोग के] विरुद्ध तलवार चलाने के लिये अपने सब पहाड़ों को पुकारूंगा और हर एक की तलवार उसके भाई के विरुद्ध उठेगी।” शैतान की तरफ से लड़नेवालों में हाहाकार मच जाएगा और वे दहशत के मारे एक-दूसरे पर ही वार करने लगेंगे। दरअसल शैतान की पूरी व्यवस्था की ईंट-से-ईंट बजेगी, क्योंकि यहोवा कहता है, “[मैं गोग] पर और उसके दलों पर, और उन बहुत सी जातियों पर जो उसके पास होंगी, . . . आग और गन्धक बरसाऊंगा।” (यहे. 38:21, 22) परमेश्‍वर की इस कार्रवाई का क्या अंजाम होगा?

12. राष्ट्रों को क्या मानना पड़ेगा?

12 राष्ट्रों को यह एहसास हो जाएगा कि यहोवा के हुक्म से ही उनकी करारी हार हुई है। उस वक्‍त वे बेबस होकर वही कहेंगे जो लाल सागर तक इसराएलियों का पीछा करते मिस्रियों ने कहा था, ‘यहोवा उनकी ओर से युद्ध कर रहा है।’ (निर्ग. 14:25) जी हाँ, राष्ट्रों को मानना पड़ेगा कि यहोवा ही सारे जहान का महाराजा और मालिक है। (यहेजकेल 38:23 पढ़िए।) इन सब घटनाओं के शुरू होने में कितना वक्‍त रह गया है?

और कोई विश्‍व शक्‍ति नहीं उभरेगी

13. दानिय्येल की बतायी मूरत के पाँचवें भाग के बारे में हम क्या जानते हैं?

13 दानिय्येल की किताब में दर्ज़ एक भविष्यवाणी से पता चलता है कि हम वक्‍त की धारा में कहाँ हैं। दानिय्येल, इंसान के आकार की एक मूरत का ब्यौरा देता है जो अलग-अलग धातुओं से बनी है। (दानि. 2:28, 31-33) यह मूरत एक-के-बाद-एक आनेवाली विश्‍व शक्‍तियों को दर्शाती है जिनका बीते ज़माने में और आज परमेश्‍वर के लोगों पर ज़बरदस्त असर हुआ है। वे विश्‍व शक्‍तियाँ हैं, बैबिलोन, मादी-फारस, यूनान, रोम और आखिर में हमारे समय में एक और विश्‍व शक्‍ति। दानिय्येल की भविष्यवाणी का अध्ययन करने से हम सीखते हैं कि मूरत के पैर और उँगलियाँ इस आखिरी विश्‍व शक्‍ति को दर्शाती हैं। पहले विश्‍व युद्ध के दौरान ब्रिटेन और अमरीका ने एक अनोखी साझेदारी कायम की और साथ मिलकर काम करने लगे। तो फिर दानिय्येल की बतायी मूरत का पाँचवाँ भाग ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति है। पैर मूरत का आखिरी भाग है, इससे पता चलता है कि इस विश्‍व शक्‍ति के बाद और कोई विश्‍व शक्‍ति नहीं आनेवाली है। पैर और उंगलियाँ लोहे और मिट्टी से बनी हैं, यह ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति की कमज़ोर हालत को दर्शाता है।

14. जब हर-मगिदोन आएगा तब कौन-सी विश्‍व शक्‍ति हुकूमत कर रही होगी?

14 दानिय्येल की इसी भविष्यवाणी में परमेश्‍वर के राज को एक बड़ा पत्थर बताया गया है, जो सन्‌ 1914 में एक पहाड़ से निकला था। यह पहाड़ यहोवा की हुकूमत की निशानी है। वह पत्थर बड़ी तेज़ी से अपने निशाने की ओर यानी मूरत के पैरों की ओर बढ़ रहा है। हर-मगिदोन में पैरों के साथ-साथ पूरी मूरत को चूर-चूर कर दिया जाएगा। (दानिय्येल 2:44, 45 पढ़िए।) इसका मतलब है कि जब हर-मगिदोन आएगा तब ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति हुकूमत कर रही होगी। इस भविष्यवाणी को अपनी आँखों से पूरा होते देखना क्या ही रोमांचक होगा!c मगर यहोवा, शैतान का क्या करेगा?

परमेश्‍वर के सबसे बड़े दुश्‍मन का क्या होगा?

15. हर-मगिदोन के बाद शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों का क्या होगा?

15 सबसे पहले शैतान यह देखेगा कि धरती पर उसका संगठन कैसे खाक में मिला दिया जाता है। इसके बाद उसकी बारी आएगी। प्रेषित यूहन्‍ना बताता है कि उसके साथ क्या होगा। (प्रकाशितवाक्य 20:1-3 पढ़िए।) “एक स्वर्गदूत” यानी यीशु मसीह “जिसके पास अथाह-कुंड की चाबी” है, शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को पकड़ लेगा और उन्हें अथाह-कुंड में फेंक देगा जहाँ वे हज़ार साल तक कैद रहेंगे। (लूका 8:30, 31; 1 यूह. 3:8) इस तरह साँप का सिर कुचलना शुरू हो जाएगा।d—उत्प. 3:15.

16. “अथाह-कुंड” में शैतान की क्या हालत होगी?

16 यह “अथाह-कुंड” क्या है जिसमें शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को फेंक दिया जाएगा? शब्द “अथाह-कुंड” का मतलब है, बहुत ही गहरा कुआँ जैसा, या खाई की तरह जिसकी गहराई नापी नहीं जा सकती। इससे पता चलता है कि अथाह-कुंड एक ऐसी जगह है जहाँ कोई नहीं पहुँच सकता सिवाय यहोवा और उसके स्वर्गदूत के “जिसके पास अथाह-कुंड की चाबी” है। शैतान को वहाँ कैद किया जाएगा ताकि “वह . . . राष्ट्रों को फिर गुमराह न कर सके।” उसकी हालत बिलकुल मुर्दों जैसी होगी, वह किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा। उस “गरजते हुए शेर” की बोलती बंद कर दी जाएगी।—1 पत. 5:8.

घटनाएँ जिनके बीतने पर शांति का समय आएगा

17, 18. (क) अब तक हमने किन अनदेखी घटनाओं पर चर्चा की है? (ख) इन घटनाओं के बाद हम किस समय का लुत्फ उठाएँगे?

17 बहुत जल्द हमारे समय में क्या ही अहम और रोंगटे खड़े कर देनेवाली घटनाएँ घटेंगी! यह देखने का हम बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं कि कैसे यह भविष्यवाणी पूरी होगी कि लोग कहेंगे “शांति और सुरक्षा है!” फिर हमारी आँखों के सामने महानगरी बैबिलोन का नाश होगा, मागोग देश का गोग हमला करेगा और हर-मगिदोन का युद्ध लड़ा जाएगा। शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को अथाह-कुंड में फेंक दिया जाएगा। इन घटनाओं के बाद हर तरह की बुराई मिटा दी जाएगी। फिर एक नया सवेरा होगा। मसीह के हज़ार साल के राज में हम “बड़ी शान्ति” का लुत्फ उठाएँगे।—भज. 37:10, 11.

18 अब तक हमने पाँच घटनाओं पर चर्चा की है। इनके अलावा, और भी कई ‘अनदेखी चीज़ें’ हैं जिन पर “हम अपनी नज़र . . . टिकाए” रखना चाहते हैं। वे क्या हैं, यह हम अगले लेख में देखेंगे।

a इन दस घटनाओं की चर्चा इस लेख और अगले लेख में की जाएगी।

b किताब रेवलेशन—इट्‌स ग्रैंड क्लाइमैक्स एट हैंड! के पेज 251-258 देखिए।

c दानिय्येल 2:44 में शब्द ‘उन सब राज्यों का अन्त कर डालेगा’ का मतलब वे राज्य या विश्‍व शक्‍तियाँ हैं, जो मूरत के अलग-अलग भागों से दर्शायी गयी हैं। लेकिन इससे मिलती-जुलती बाइबल की एक और भविष्यवाणी बताती है कि “सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के महान दिन” में ‘सारे जगत के राजा’ यहोवा के खिलाफ लड़ने के लिए इकट्ठा होंगे। (प्रका. 16:14; 19:19-21) इसलिए हर-मगिदोन की लड़ाई में न सिर्फ मूरत से दर्शाए गए राज्यों का, बल्कि दुनिया के तमाम राज्यों का नाश होगा।

d हज़ार साल के खत्म होने पर साँप का सिर पूरी तरह कुचल दिया जाएगा। उस वक्‍त शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को “धधकती आग की झील में” फेंक दिया जाएगा।—प्रका. 20:7-10; मत्ती 25:41.

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