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  • प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2016
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प्रहरीदुर्ग यहोवा के राज्य की घोषणा करता है (अध्ययन)—2016
w16 दिसंबर पेज 29-31
बीमारों की देखभाल करनेवाली एक लड़की, गुस्सैल औरत से बात कर रही है

कोमल स्वभाव रखना बुद्धिमानी है

टोनी नाम की लड़की बुज़ुर्गों और बीमारों की देखभाल करती है। यही उसका पेशा है। एक दिन वह किसी मरीज़ के घर गयी। जैसे ही उसने दरवाज़े की घंटी बजायी, तो करीब 50 साल की एक औरत बाहर आयी और टोनी पर बरस पड़ी। वह यह कहकर टोनी का अपमान करने लगी कि वह उसकी माँ की देखभाल करने वक्‍त पर क्यों नहीं आयी। टोनी वक्‍त पर ही आयी थी। फिर भी वह शांत रही और उसने माफी माँगी।

जब टोनी दोबारा वहाँ गयी, तो वह औरत फिर से उसे डाँटने लगी। टोनी ने क्या किया? वह बताती है, “सच कहूँ तो उस वक्‍त मेरे लिए चुप रहना बड़ा मुश्‍किल था। वह बेवजह मुझे उलटा-सीधा कह रही थी।” टोनी ने एक बार फिर उससे माफी माँगी और उससे कहा कि मैं समझ सकती हूँ कि आप किस तकलीफ से गुज़र रही हैं।

अगर आप टोनी की जगह होते, तो आप क्या करते? क्या आप कोमलता से पेश आते? या क्या आपके लिए अपने गुस्से पर काबू पाना मुश्‍किल होता? इसमें कोई शक नहीं कि ऐसे हालात में शांत रहना आसान नहीं होता। जब हम तनाव में होते हैं या हमें गुस्सा दिलाया जाता है, तो कोमलता से पेश आना बहुत मुश्‍किल होता है।

लेकिन बाइबल मसीहियों को बढ़ावा देती है कि वे कोमल स्वभाव के हों। दरअसल परमेश्‍वर का वचन कहता है कि ऐसा स्वभाव रखनेवाला इंसान बुद्धिमान होता है। याकूब कहता है, “तुम में बुद्धिमान और समझदार कौन है? जो ऐसा हो, वह इस बात को अपने बढ़िया चालचलन के कामों से उस कोमलता के साथ दिखाए जो बुद्धि से पैदा होती है।” (याकू. 3:13) किस तरह कोमल स्वभाव स्वर्ग से मिलनेवाली बुद्धि का सबूत है? परमेश्‍वर का यह गुण बढ़ाने में क्या बात हमारी मदद कर सकती है?

कोमल स्वभाव रखना क्यों बुद्धिमानी है?

कोमल स्वभाव तनाव-भरे माहौल को शांत कर सकता है। “कोमल उत्तर सुनने से गुस्सा ठण्डा हो जाता है, परन्तु कटुवचन से क्रोध भड़क उठता है।”—नीति. 15:1.

अगर सामनेवाला गुस्सा हो तो उसे पलटकर जवाब देना आग में घी डालने का काम करता है और इससे हालात और बिगड़ सकते हैं। (नीति. 26:21) वहीं दूसरी तरफ नरमी से जवाब देने से गुस्से से भरा इंसान शांत हो जाता है। यही नहीं आपकी तरफ उसका रवैया भी बदल सकता है।

टोनी के साथ यही हुआ। जब उस औरत ने देखा कि टोनी ने कैसे नरमी से जवाब दिया तो वह रो पड़ी। उसने बताया कि वह अपनी और अपने घर की समस्याओं से परेशान थी। टोनी ने उसे अच्छी गवाही दी और उसके साथ बाइबल अध्ययन शुरू हो गया। यह अच्छा नतीजा इसलिए मिला क्योंकि टोनी शांत रही और कोमलता से पेश आयी।

कोमल स्वभाव से हमें खुशी मिलती है। “सुखी हैं वे जो कोमल स्वभाव के हैं, क्योंकि वे धरती के वारिस होंगे।”—मत्ती 5:5.

कोमल स्वभाव रखनेवाले क्यों सुखी हैं? कई लोग पहले बड़े खूँखार थे, मगर कोमलता का गुण बढ़ाने से आज वे खुश हैं। उनकी ज़िंदगी सँवर गयी है और वे जानते हैं कि उनका आनेवाला कल भी अच्छा होगा। (कुलु. 3:12) अडौल्फो जो स्पेन में एक सर्किट निगरान है, बताता है कि सच्चाई में आने से पहले उसकी ज़िंदगी कैसी थी।

वह कहता है, “मेरे जीने का कोई मकसद नहीं था। मैं कभी-भी अपना आपा खो देता था और मार-पीट पर उतर आता था। इस वजह से मेरे कुछ दोस्त भी मुझसे डरते थे। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि मेरी ज़िंदगी बदल गयी। एक झगड़े में किसी ने मुझे छ: बार चाकू मारा। मैं बुरी तरह ज़ख्मी हो गया और मरने पर था।”

लेकिन आज अडौल्फो बदल गया है। वह अपनी बातों और मिसाल से दूसरों को सिखाता है कि वे कैसे कोमल स्वभाव के हो सकते हैं। उसका प्यार और दिल छू लेनेवाला स्वभाव कई लोगों को भा जाता है। अडौल्फो कहता है कि मैं बहुत खुश हूँ कि मैं अपनी ज़िंदगी सँवार पाया हूँ। और मैं यहोवा का एहसान मानता हूँ कि उसने कोमलता का गुण बढ़ाने में मेरी मदद की है।

कोमल स्वभाव रखनेवाला यहोवा को खुश करता है। “हे मेरे पुत्र, बुद्धिमान होकर मेरा मन आनन्दित कर, तब मैं अपने निन्दा करनेवाले को उत्तर दे सकूँगा।”—नीति. 27:11.

यहोवा का सबसे बड़ा दुश्‍मन शैतान उसे ताने मारता है और जानबूझकर उसका अपमान करता है। ऐसे में परमेश्‍वर के पास गुस्सा होने का वाजिब कारण है। फिर भी बाइबल बताती है कि यहोवा क्रोध करने में धीमा है । (निर्ग. 34:6) जब हम भी परमेश्‍वर की मिसाल पर चलकर क्रोध करने में धीमे होते हैं और कोमलता से पेश आते हैं, तो हम बुद्धिमानी दिखा रहे होते हैं और इससे यहोवा खुश होता है।—इफि. 5:1.

आज की इस दुनिया में ज़्यादातर लोग रुखाई से पेश आते हैं। हमारा सामना ऐसे लोगों से होता है जो ‘डींगें मारनेवाले, मगरूर, निंदा करनेवाले, बदनाम करनेवाले, असंयमी और खूँखार’ होते हैं। (2 तीमु. 3:2, 3) ऐसे माहौल में भी एक मसीही को कोमलता का गुण बढ़ाते रहना चाहिए। परमेश्‍वर का वचन हमें याद दिलाता है कि ‘जो बुद्धि स्वर्ग से मिलती है, वह शांति कायम करनेवाली और लिहाज़ दिखानेवाली होती है।’ (याकू. 3:17) शांत रहकर और लिहाज़ दिखाकर हम इस बात का सबूत देते हैं कि हमने परमेश्‍वर से बुद्धि पायी है। यह बुद्धि हमें गुस्सा दिलाए जाने पर कोमलता से पेश आने में मदद करती है। यही नहीं, यह बुद्धि हमें यहोवा के करीब ले आती है, जो अथाह बुद्धि का सोता है।

कोमल स्वभाव कैसे पैदा करें

जब कोई आपके साथ रुखाई से पेश आता है या आपके साथ सही बरताव नहीं करता, तो क्या बात आपको अपनी भावनाओं को काबू में रखने और इस तरह पेश आने में मदद देगी जिससे यहोवा खुश हो? आगे बताए इन बढ़िया सिद्धांतों पर मनन करना आपके लिए अच्छा होगा।

  1. 1 “दुनिया की फितरत” को ठुकराइए।—1 कुरिं. 2:12. कई लोग कोमलता को कमज़ोरी की निशानी मानते हैं। वे कहते हैं कि ताकतवर वही होता है जो दूसरों पर रौब जमाता है। इस तरह की सोच में दुनिया की फितरत दिखायी देती है न कि स्वर्ग से मिलनेवाली बुद्धि। असल में बाइबल साफ बताती है कि कोमल स्वभाववाले इंसान में बहुत ताकत होती है। यह कहती है, ‘सब्र रखकर और शांत रहकर एक शासक को मनाया जाता है और कोमल बातों से कड़े-से-कड़ा विरोध भी मिटाया जा सकता है।’—नीति. 25:15; दी एम्प्लीफाइड बाइबल।

    मनन के लिए सवाल:

    क्या मैं कोमल स्वभाव रखना कमज़ोरी की निशानी मानता हूँ या ताकत की?

    क्या मैं गुस्से या तकरार जैसे ‘शरीर के कामों’ से दूर रहने की कोशिश करता हूँ?—गला. 5:19, 20.

  2. 2 बोलने से पहले सोचिए। “धर्मी मन में सोचता है कि क्या उत्तर दूँ, परन्तु दुष्टों के मुँह से बुरी बातें उबल आती हैं।” (नीति. 15:28) अगर हम बहुत गुस्से में हों, तो हम शायद कुछ ऐसी बात कह दें जिसका बाद में हमें अफसोस होगा। लेकिन अगर हम बोलने से पहले सोचें तो हम तय कर पाएँगे कि हमें क्या कहना है और क्या नहीं, हम अपनी बात कोमलता से कह पाएँगे और इससे सामनेवाला भी हमारे साथ अच्छे से पेश आएगा।

    मनन के लिए सवाल:

    जल्दी गुस्सा होने से मुझ पर क्या असर पड़ेगा?

    जब मेरे साथ कुछ गलत व्यवहार होता है, तो क्या शांति बनाए रखने के लिए मैं उसे नज़रअंदाज़ करता हूँ?—नीति. 19:11.

  3. 3 लगातार प्रार्थना कीजिए। पवित्र शक्‍ति के लिए प्रार्थना कीजिए, जो पूरे विश्‍व की सबसे ज़बरदस्त शक्‍ति है। (लूका 11:13) याद रखिए कि कोमलता और संयम परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति का फल हैं। अडौल्फो याद करता है, “यहोवा से लगातार प्रार्थना करने से मुझे बहुत फायदा हुआ है, खासकर तब जब मामला बहुत गरम होता है।” अगर हम भी ‘प्रार्थना में लगे रहें’ और गिड़गिड़ाकर यहोवा से पवित्र शक्‍ति माँगें तो वह हमारी प्रार्थनाएँ सुनेगा।—रोमि. 12:12.

    मनन के लिए सवाल:

    क्या मैं रोज़ प्रार्थना करता हूँ कि यहोवा मेरे दिल और इरादों को जाँचे?

    क्या मैं यहोवा से उसकी पवित्र शक्‍ति और बुद्धि माँगता हूँ ताकि मैं ऐसे काम करूँ जिससे वह खुश हो?—भज. 139:23, 24; याकू. 1:5.

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