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w18 दिसंबर पेज 8
प्रेषित पौलुस

आपने पूछा

प्रेषित पौलुस को किस मायने में “तीसरे स्वर्ग में उठा लिया गया” और “फिरदौस में ले जाया गया”?​—2 कुरिं. 12:2-4.

दूसरा कुरिंथियों 12:2, 3 में पौलुस एक आदमी का ज़िक्र करता है, जिसे “तीसरे स्वर्ग में उठा लिया गया” था। वह आदमी कौन था? जब पौलुस ने कुरिंथ की मंडली को खत लिखा, तो उसने ज़ोर देकर बताया कि परमेश्‍वर ने उसे एक प्रेषित ठहराया है। (2 कुरिं. 11:5, 23) उसके बाद उसने “प्रभु के दिखाए चमत्कारी दर्शनों और उससे मिले संदेशों” के बारे में बताया। इस संदर्भ में पौलुस ने किसी और भाई का ज़िक्र नहीं किया। इस वजह से यह मानना सही है कि वह खुद की बात कर रहा था, जिसे दर्शन और संदेश दिए गए थे।​—2 कुरिं. 12:1, 5.

ज़ाहिर है कि पौलुस ही वह आदमी था, जिसे “तीसरे स्वर्ग में उठा लिया गया” और “फिरदौस में ले जाया गया” था। (2 कुरिं. 12:2-4) पौलुस ने शब्द “दर्शनों” इस्तेमाल किया, जिससे पता चलता है कि उसे भविष्य में होनेवाली घटनाओं के बारे में बताया गया था।

पौलुस ने जो ‘तीसरा स्वर्ग’ देखा, उसका क्या मतलब है?

बाइबल में शब्द “स्वर्ग” का मतलब आसमान या आकाश भी हो सकता है। (उत्प. 11:4; 27:28; मत्ती 6:26) लेकिन इसके दूसरे मतलब भी हो सकते हैं। कुछ आयतों में इसका मतलब है, इंसानी हुकूमतें या फिर परमेश्‍वर के राज के ज़रिए चलनेवाला शासन।​—दानि. 4:20-22; प्रका. 21:1.

पौलुस ने ‘तीसरा  स्वर्ग’ देखा। वह यहाँ क्या कहना चाहता था? बाइबल में अकसर किसी बात पर ज़ोर देने, उसकी गंभीरता बताने या उसे पक्का करने के लिए उसे तीन बार लिखा गया है। (यशा. 6:3; यहे. 21:27; प्रका. 4:8) इससे मालूम होता है कि जब पौलुस ने “तीसरे  स्वर्ग” का ज़िक्र किया, तो वह सबसे श्रेष्ठ और ऊँचे दर्जे की हुकूमत की बात कर रहा था। दूसरे शब्दों में कहें, तो वह परमेश्‍वर के राज की बात कर रहा था, जिसकी बागडोर यीशु मसीह और उसके 1,44,000 साथी राजाओं के हाथ में है। (इंसाइट ऑन द स्क्रिप्चर्स, भाग 1, पेज 1059, 1062 देखिए।) जैसे प्रेषित पतरस ने लिखा, हम परमेश्‍वर के वादे के मुताबिक इसी “नए आकाश” का इंतज़ार कर रहे हैं।​—2 पत. 3:13.

“फिरदौस” से पौलुस का क्या मतलब था?

शब्द “फिरदौस” के भी कई मतलब हो सकते हैं: (1) शुरूआत में इंसान को जिस खूबसूरत बगीचे में रखा गया था, उसको ध्यान में रखते हुए “फिरदौस” का मतलब धरती पर आनेवाला सचमुच का फिरदौस हो सकता है। (2) इसका मतलब वह अनोखा और शांति-भरा माहौल हो सकता है, जो नयी दुनिया में परमेश्‍वर के लोगों के बीच होगा। (3) इसका मतलब प्रकाशितवाक्य 2:7 में बताया ‘परमेश्‍वर का फिरदौस’ यानी स्वर्ग में बढ़िया हालात भी हो सकता है।​—15 जुलाई, 2015 की प्रहरीदुर्ग  का पेज 8, पैरा. 8 देखिए।

मुमकिन है कि जब प्रेषित पौलुस ने अपना अनुभव बताया, तो वह 2 कुरिंथियों 12:4 में इन तीनों बातों की तरफ इशारा कर रहा था।

अब तक हमने देखा:

दूसरा कुरिंथियों 12:2 में बताए “तीसरे स्वर्ग” का शायद मतलब है, परमेश्‍वर का राज, जिसकी बागडोर यीशु मसीह और 1,44,000 जनों के हाथ में है। इस राज को 2 पतरस 3:13 में ‘नया आकाश’ कहा गया है।

यह इस मायने में ‘तीसरा स्वर्ग’ है कि यह राज सबसे श्रेष्ठ और ऊँचे दर्जे का है।

दर्शन में पौलुस को जिस “फिरदौस में ले जाया गया” था, मुमकिन है कि वह तीन बातों को दर्शाता है: (1) धरती पर आनेवाला सचमुच का फिरदौस, (2) भविष्य में परमेश्‍वर के लोगों के बीच और भी बड़े पैमाने पर होनेवाला अनोखा और शांति-भरा माहौल और (3) स्वर्ग में ‘परमेश्‍वर का फिरदौस,’ जो नयी दुनिया में धरती पर सचमुच के फिरदौस के दौरान ही होगा।

इन बातों के आधार पर कहा जा सकता है कि नयी दुनिया नए आकाश और नयी पृथ्वी से मिलकर बनी होगी। यह एक नया इंतज़ाम होगा, जिसमें एक तरफ स्वर्ग में परमेश्‍वर की सरकार होगी और दूसरी तरफ, धरती पर फिरदौस में यहोवा की उपासना करनेवाले लोग होंगे।

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