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यूसुफ मिद्यानी लोगों के कारवाँ के साथ मिस्र जा रहा है।

क्या आप जानते हैं?

बाइबल के अलावा क्या कहीं से इस बात का सबूत मिलता है कि इसराएली लोग मिस्र में गुलाम थे?

बाइबल बताती है कि जब मिद्यानी लोग यूसुफ को मिस्र ले गए, तो इसके बाद कुलपिता याकूब और उसके परिवार के लोग कनान से मिस्र जाकर बस गए। वे मिस्र में गोशेन नाम के इलाके में रहने लगे, जो नील नदी के मुहाने के आस-पास का इलाका था। (उत्प. 47:1, 6) फिर जब इसराएली ‘ताकतवर होते गए और उनकी आबादी बढ़ने लगी,’ तो मिस्र के लोगों को उनसे डर लगने लगा। इसलिए वे इसराएलियों से गुलामी करवाने लगे।​—निर्ग. 1:7-14.

बाइबल की नुक्‍ताचीनी करनेवाले कुछ लोगों ने इस वाकए का मज़ाक उड़ाते हुए कहा है कि यह सब एक झूठी कहानी है। लेकिन इस बात के सबूत मिले हैं कि प्राचीन मिस्र में शामीa जाति के लोग वाकई रहते थे और वे गुलामी करते थे।

एक सबूत उत्तरी मिस्र में मिला है। खोजकर्ताओं को उस इलाके में खुदाई करने पर पुराने ज़माने की कई बस्तियों के खंडहर मिले। बाइबल के विद्वान डॉ. जॉन बिमसन की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी मिस्र में शामी लोगों की 20 से ज़्यादा बस्तियाँ होने के सबूत मिले हैं। इतना ही नहीं, मिस्र के पुराने खंडहरों का अध्ययन करनेवाले विद्वान जेम्स के. हॉफमियर कहते हैं, “ईसा पूर्व 1800 से 1540 के दौरान पश्‍चिम एशिया [जहाँ याकूब और उसका परिवार रहता था] के ज़्यादातर शामी लोग मिस्र में आकर बस जाया करते थे।” उस दौर के बारे में उस विद्वान का यह भी कहना है, “माना जाता है कि वह अब्राहम, इसहाक और याकूब का ज़माना था जिसका ज़िक्र उत्पत्ति किताब में किया गया है। यह वही दौर था जब वे खाने-पीने की चीज़ों के लिए और चरागाहों के लिए मिस्र गए थे।।”

दक्षिणी मिस्र से भी कुछ सबूत मिले हैं। करीब ईसा पूर्व 2000 से 1600 का एक पपाइरस (हस्तलिपि) मिला है जिसमें कुछ गुलामों के नाम लिखे हुए हैं। ये सभी गुलाम दक्षिणी मिस्र में एक घर में काम करते थे। उनमें से 40 से ज़्यादा गुलामों के नामों से पता चलता है कि वे शामी लोग थे। वे खाना बनाते, कपड़े बुनते और मज़दूरी करते थे। विद्वान जेम्स के. हॉफमियर कहते हैं, “दक्षिणी मिस्र के थीबेद शहर के एक घर में 40 से ज़्यादा शामी लोग काम करते थे। इससे हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि पूरे मिस्र में कितने सारे शामी लोग गुलाम रहे होंगे। खासकर नील नदी के मुहाने के आस-पास के इलाके में उनकी गिनती बहुत ज़्यादा रही होगी।”

खोजकर्ता डेविड रोल ने लिखा कि उनमें से कुछ गुलामों के नाम “बिलकुल वही नाम हैं जो बाइबल में पाए जाते हैं।” उदाहरण के लिए, ऊपर बताए गए पपाइरस में इस्साकार, आशेर और शिपरा से मिलते-जुलते कुछ नाम लिखे हुए हैं। (निर्ग. 1:3, 4, 15) रोल का कहना है, “यह इस बात का पक्का सबूत है कि उस दौर में इसराएली लोग मिस्र में गुलाम हुआ करते थे।”

डॉ. बिमसन कहते हैं, “पुरातत्व से इस बात के पक्के सबूत मिलते हैं कि बाइबल में इसराएलियों के बारे में जो लिखा है वह बिलकुल सही है कि वे मिस्र में गुलाम थे और बाद में वहाँ से निकल आए थे।”

a शामी जाति के लोग नूह के बेटे शेम के वंशज थे। उसके वंशजों में शायद एलामी, अश्‍शूरी, प्राचीन कसदी, इसराएली और सीरियाई लोग और अरब की कई जातियाँ शामिल थीं।

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