Inlahen ngam Seksön 12
यीशु ने लोगों को स्वर्ग के राज के बारे में सिखाया। उसने उन्हें यह भी सिखाया कि वे प्रार्थना करें कि परमेश्वर का नाम पवित्र किया जाए, उसका राज आए और उसकी मरज़ी धरती पर पूरी हो। अगर आपके बच्चे हैं तो उन्हें यह समझने में मदद दीजिए कि यह प्रार्थना हमारे लिए क्या मायने रखती है। यीशु शैतान के बहकावे में नहीं आया और परमेश्वर का वफादार रहा। उसने प्रेषितों को चुना और वे परमेश्वर के राज के सबसे पहले सदस्य बने। गौर कीजिए कि यीशु में सच्ची उपासना के लिए कितना जोश था। वह दूसरों की मदद करना चाहता था, इसलिए उसने बीमारों को ठीक किया, भूखों को खिलाया और मरे हुओं को भी ज़िंदा किया। ये सारे चमत्कार करके उसने दिखाया कि परमेश्वर का राज इंसानों के लिए क्या करेगा।