मत्ती
1 इस किताब में यीशु के जीवन का इतिहास है, जो मसीह* है। वह अब्राहम के वंश से, और उसके वंशज दाविद के वंश से था। पेश है यीशु की वंशावली:
5 सलमोन से बोअज़ पैदा हुआ, बोअज़ की माँ राहाब थी।
बोअज़ से ओबेद पैदा हुआ; ओबेद की माँ रूत थी।
ओबेद से यिशै पैदा हुआ।
6 यिशै से राजा दाविद पैदा हुआ;
दाविद से सुलैमान पैदा हुआ। सुलैमान उस स्त्री से पैदा हुआ जो पहले उरिय्याह की पत्नी थी;
11 योशिय्याह से यकोन्याह और उसके भाई पैदा हुए। उस दौरान, यहूदियों को बंदी बनाकर बैबिलोनिया देश ले जाया गया।
12 बैबिलोनिया देश में यकोन्याह से शालतिएल पैदा हुआ;
शालतिएल से ज़रुब्बाबेल पैदा हुआ;
16 याकूब से यूसुफ पैदा हुआ जो मरियम का पति था। मरियम ने यीशु को जन्म दिया जो मसीह* कहलाता है।
17 अब्राहम से दाविद तक सारी पीढ़ियाँ मिलाकर चौदह पीढ़ियाँ हुईं। दाविद से लेकर यहूदियों को बैबिलोनिया देश ले जाए जाने के वक्त तक चौदह पीढ़ियाँ हुईं। बैबिलोनिया देश ले जाए जाने के वक्त से मसीह तक चौदह पीढ़ियाँ हुईं।
18 मगर, यीशु मसीह का जन्म इस तरह से हुआ। उसकी माँ मरियम की सगाई यूसुफ से हो चुकी थी। मगर उनकी शादी से पहले जब वह कुँवारी ही थी, तब परमेश्वर की पवित्र शक्ति* की ताकत से मरियम गर्भवती हुई। 19 उसका पति* यूसुफ एक नेक इंसान था। वह लोगों के सामने मरियम का तमाशा नहीं बनाना चाहता था। इसलिए उसने चुपके से मरियम को तलाक* देने का इरादा किया। 20 जब वह इन बातों के बारे में सोच-विचार करने के बाद सो गया, तो उसे सपने में अचानक यहोवा* का स्वर्गदूत दिखायी दिया। स्वर्गदूत ने उससे कहा: “यूसुफ, दाविद के वंशज, तू मरियम से शादी* करने से मत डर, क्योंकि जो उसके गर्भ में है वह परमेश्वर की पवित्र शक्ति की ताकत से है। 21 मरियम एक बेटे को जन्म देगी। तू उसका नाम यीशु* रखना, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्धार करेगा।” 22 यह सबकुछ इसलिए हुआ ताकि यहोवा का यह वचन पूरा हो, जो उसने अपने भविष्यवक्ता के ज़रिए कहा था: 23 “देखो, कुँवारी गर्भवती होगी और एक बेटे को जन्म देगी। वे उसका नाम इम्मानुएल रखेंगे,” जिसका मतलब है, “परमेश्वर हमारे साथ है।”
24 तब यूसुफ नींद से जाग उठा और उसने वैसा ही किया जैसा यहोवा के दूत ने उसे हिदायत दी थी। वह अपनी पत्नी को अपने घर ले आया। 25 मगर जब तक मरियम ने बेटे को जन्म न दिया, तब तक यूसुफ ने उसके साथ संभोग न किया। यूसुफ ने उस बच्चे का नाम यीशु रखा।