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  • 2 कुरिंथियों 9
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र

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2 कुरिंथियों 9:1

फुटनोट

  • *

    2कुरिं 9:1 शाब्दिक, “सेवा।”

2 कुरिंथियों 9:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1987, पेज 16-21

2 कुरिंथियों 9:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 155

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 55

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 196

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/1998, पेज 26

    3/1/1993, पेज 16

    सजग होइए!,

    7/2008, पेज 17

2 कुरिंथियों 9:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 210-212

2 कुरिंथियों 9:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 210-216

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2000, पेज 11-12

2 कुरिंथियों 9:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 210-212

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1987, पेज 14-15

2 कुरिंथियों 9:14

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  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 210-212, 216

2 कुरिंथियों 9:15

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 2 2017, पेज 4

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2016, पेज 12-13

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2015, पेज 14

    12/1/1993, पेज 28

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 210-212

दूसरें अनुवाद

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नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
2 कुरिंथियों 9:1-15

2 कुरिंथियों

9 जहाँ तक उस मदद* की बात है, जो पवित्र जनों के लिए है, मैं तुम्हें लिखना ज़रूरी नहीं समझता। 2 क्योंकि मैं जानता हूँ कि तुम मन से तैयार हो जैसा कि मैं मकिदुनिया के भाइयों के आगे गर्व करता हूँ कि अखया के भाई पिछले एक साल से मदद देने के लिए तैयार हैं और तुम्हारे जोश ने उनमें से बहुतों के अंदर उत्साह भर दिया है। 3 मगर मैं भाइयों को पहले इसलिए भेज रहा हूँ ताकि इस मामले में हमने तुम्हारे बारे में जो शेखी मारी है वह कहीं खोखली साबित न हो, बल्कि तुम वाकई तैयार पाए जाओ, ठीक जैसे मैं कहा करता था कि तुम तैयार रहोगे। 4 नहीं तो, अगर किसी तरह मकिदुनिया के भाई मेरे साथ वहाँ आएँ और यह पाएँ कि तुम तैयार नहीं हो, तो तुम पर यह भरोसा दिखाने की वजह से हमें—मैं यह नहीं कहता कि तुम्हें—शर्मिंदा होना पड़ेगा। 5 इसलिए मैंने यह ज़रूरी समझा कि भाइयों को पहले से तुम्हारे यहाँ आने के लिए उकसाऊँ कि वे उदारता से दिए गए तुम्हारे तोहफे को तैयार रखें जिसे देने का तुमने पहले वादा किया था, ताकि यह दान उदारता से दिया गया तोहफा ठहरे, न कि ऐसा जो ज़बरदस्ती वसूला गया हो।

6 मगर इस मामले में जो कंजूसी से बोता है वह थोड़ा काटेगा, लेकिन जो भर-भरकर बोता है वह भर-भरकर कटाई करेगा। 7 हर कोई जैसा उसने अपने दिल में ठाना है, वैसा ही करे, न कुड़कुड़ाते हुए, न ही किसी दबाव में, क्योंकि परमेश्‍वर खुशी-खुशी देनेवाले से प्यार करता है।

8 परमेश्‍वर तुम पर अपनी सारी महा-कृपा की बौछार करने के काबिल है, ताकि ठीक जैसे तुम्हारे पास हर चीज़ बहुतायत में होती है, वैसे ही हर भला काम करने के लिए जो कुछ ज़रूरी है वह भी तुम्हारे पास बहुतायत में हो। 9 (जैसा लिखा भी है: “उसने दिल खोलकर बाँटा है, उसने गरीबों को दिया है, उसकी नेकी हमेशा तक बनी रहेगी।” 10 जो बोनेवाले को बहुतायत में बीज देता है और खानेवाले को रोटी देता है, वही तुम्हारे बोने के लिए बीजों की बहुतायत कर देगा और तुम्हारी नेकी के फल बढ़ाएगा।) 11 हर बात में तुम्हें आशीषें देकर मालामाल किया जा रहा है ताकि तुम भी हर तरह से उदारता से दे सको और हमारे इस काम की वजह से परमेश्‍वर को धन्यवाद दिया जा सके। 12 क्योंकि जब यह जन-सेवा की जाती है, तो इससे न सिर्फ पवित्र जनों की ज़रूरतें बहुतायत में पूरी की जाती हैं, बल्कि इसकी वजह से परमेश्‍वर का धन्यवाद बढ़-चढ़कर किया जाता है। 13 यह सेवा जिस बात का सबूत देती है उसे देखकर, वे परमेश्‍वर की महिमा करते हैं क्योंकि जैसा तुम सरेआम ऐलान करते हो वैसे ही तुम मसीह के बारे में खुशखबरी के अधीन भी रहते हो, और तुम उनके लिए और बाकी सभी के लिए दान देने में उदारता भी दिखाते हो। 14 वे तुम्हारे लिए परमेश्‍वर से मिन्‍नतें करते हुए तुम्हें देखने की तमन्‍ना रखते हैं, क्योंकि तुम पर परमेश्‍वर की बेजोड़ महा-कृपा हुई है।

15 परमेश्‍वर के उस मुफ्त वरदान के लिए जिसका शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता, उसका धन्यवाद हो।

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