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    फिलि 3:6 मत्ती 16:18 दूसरा फुटनोट देखें।

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/1999, पेज 29-31

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2001, पेज 5-6

    7/15/1996, पेज 28

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 46

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2012, पेज 22-23

    3/15/2012, पेज 27-28

    9/15/2009, पेज 24

    3/15/2005, पेज 19-20

    4/1/2001, पेज 5-6

    7/15/1996, पेज 28

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2006, पेज 22

फिलिप्पियों 3:11

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2020, पेज 6-7

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 173

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2019, पेज 3-4

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2012, पेज 28

    8/15/2008, पेज 28

    5/1/1996, पेज 31

    1/1/1991, पेज 31

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2009, पेज 11

    1/1/1991, पेज 31

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2000, पेज 8-9

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 60

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2001, पेज 21

    10/1/1998, पेज 28-29

    6/1/1998, पेज 12

    12/1/1991, पेज 30-31

    राज-सेवा,

    8/1994, पेज 3

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 145-146

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  • खोजबीन गाइड

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 30-31

फिलिप्पियों 3:18

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    फिलि 3:18 अतिरिक्‍त लेख 6 देखें।

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 4-5

    6/15/2001, पेज 15

फिलिप्पियों 3:20

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2012, पेज 11

दूसरें अनुवाद

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नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
फिलिप्पियों 3:1-21

फिलिप्पियों

3 आखिर में, मेरे भाइयो, तुम प्रभु में खुशी मनाते रहो। तुम्हें वही बातें फिर से लिखना मेरे लिए परेशानी की बात नहीं है, मगर इनसे तुम्हारी ही हिफाज़त होगी।

2 अशुद्ध लोगों* से खबरदार रहो, नुकसान पहुँचानेवालों से खबरदार रहो और जो परंपरा की वजह से शरीर के अंगों की काट-कूट करते हैं, उनसे खबरदार रहो। 3 इसलिए कि हम वे हैं जिनका सच्चा खतना हुआ है, जो परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति से पवित्र सेवा करते हैं और मसीह यीशु में गर्व करते हैं और शरीर पर भरोसा नहीं करते। 4 लेकिन अगर किसी के पास शरीर पर भरोसा करने की वजह है, तो सबसे बढ़कर मेरे पास है।

अगर कोई और आदमी सोचता है कि उसे शरीर पर भरोसा करने की वजह है तो सबसे ज़्यादा मेरे पास ये वजह हैं: 5 आठवें दिन मेरा खतना हुआ, मैं इस्राएल की जाति से बिन्यामीन के गोत्र का हूँ, मैं पैदाइशी इब्रानी हूँ और मेरे माता-पिता भी इब्रानी थे। मूसा के कानून को मानने के हिसाब से देखा जाए, तो मैं एक फरीसी हूँ। 6 जहाँ तक जोशीला होने की बात है, तो मैं मंडली* पर ज़ुल्म किया करता था, जहाँ तक मूसा का कानून मानकर नेक ठहराए जाने की बात है, मैंने खुद को निर्दोष साबित किया है। 7 फिर भी जो बातें मेरे फायदे की थीं, उन्हीं को मैंने मसीह की खातिर नुकसान समझा है। 8 दरअसल मैं अपने प्रभु मसीह यीशु के बारे में उस ज्ञान की खातिर जिसका कोई मोल नहीं लगाया जा सकता, सब बातों को वाकई नुकसान समझता हूँ। उसी की खातिर मैंने सब बातों का नुकसान उठाया है और मैं इन्हें ढेर सारा कूड़ा समझता हूँ ताकि मसीह को पा सकूँ 9 और उसके साथ एकता में पाया जाऊँ, जिसका मतलब मूसा का कानून मानकर नेकी हासिल करना नहीं, बल्कि वह नेकी हासिल करना है जो मसीह पर विश्‍वास करने से मिलती है, यानी वह नेकी जिसे परमेश्‍वर विश्‍वास के आधार पर देता है, 10 ताकि मसीह को और उसके जी उठने की ताकत को जानूँ और उसके जैसी दुःख-तकलीफें सहने में हिस्सेदार बनूँ और उसके जैसी मौत मरने के लिए खुद को सौंप दूँ, 11 ताकि मैं किसी तरह उन लोगों में शामिल हो जाऊँ जो पहले जी उठाए जाएँगे।

12 यह नहीं कि मैं यह इनाम पा चुका हूँ या मैं सिद्ध हो चुका हूँ, बल्कि मैं उसका पीछा कर रहा हूँ ताकि उसे हर हाल में पकड़ सकूँ जिसके लिए मसीह यीशु ने वाकई मुझे चुना था। 13 भाइयो, मैं अपने बारे में यह नहीं मानता कि मैं उसे पकड़ चुका हूँ, मगर इसके बारे में एक बात यह है: जो बातें पीछे रह गयी हैं, उन्हें भूलकर मैं खुद को खींचता हुआ आगे की बातों की तरफ बढ़ता जा रहा हूँ। 14 और मसीह यीशु के ज़रिए परमेश्‍वर ने ऊपर का जो बुलावा रखा है, उस इनाम के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए उसका पीछा कर रहा हूँ। 15 तो आओ, हम सभी जो सयाने और समझदार हैं, हमारे मन का स्वभाव ऐसा ही हो। और अगर तुम्हारे मन का झुकाव किसी और तरफ होगा तो परमेश्‍वर तुम पर ज़ाहिर कर देगा कि मन का सही स्वभाव क्या है। 16 और हमने जिस हद तक तरक्की की है, आओ हम इसी नियम पर कायदे से चलते रहें।

17 भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी मिसाल पर चलो और उन पर गौर करते रहो जो उस मिसाल के मुताबिक चलते हैं जो हमने तुम्हारे सामने कायम की है। 18 इसलिए कि ऐसे कई हैं जिनका मैं पहले अकसर ज़िक्र किया करता था लेकिन अब आँसुओं के साथ ज़िक्र करता हूँ, क्योंकि वे मसीह की यातना की सूली* के दुश्‍मन बन गए हैं। 19 उनका अंजाम विनाश है, और उनका पेट ही उनका ईश्‍वर है, और जिन बातों पर उन्हें शर्मिंदा होना चाहिए, उन पर वे घमंड करते हैं और अपना मन धरती की बातों पर लगाते हैं। 20 जहाँ तक हमारी बात है, हमारी नागरिकता स्वर्ग की है, और उसी जगह से हम एक उद्धारकर्ता यानी प्रभु यीशु मसीह का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, 21 उसके पास सबकुछ अपने वश में कर लेने की ताकत है। वह इसी ताकत का इस्तेमाल कर हमारे तुच्छ शरीरों को बदल देगा और इन्हें अपने जैसा महिमा से भरपूर बना देगा।

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