वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • इब्रानियों 10
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

इब्रानियों 10:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2000, पेज 17

इब्रानियों 10:2

फुटनोट

  • *

    इब्रा 10:2 शाब्दिक, “पवित्र सेवा करनेवाले।”

  • *

    इब्रा 10:2 या, “उनका ज़मीर पापों की वजह से उन्हें फिर दोषी नहीं ठहराता।”

इब्रानियों 10:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 6 2017, पेज 8

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2000, पेज 18

    7/1/1996, पेज 14

इब्रानियों 10:6

फुटनोट

  • *

    इब्रा 10:6 ये बलिदान आग में पूरी तरह होम या भस्म किए जाते थे।

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2000, पेज 18

इब्रानियों 10:7

फुटनोट

  • *

    इब्रा 10:7 शाब्दिक, “शास्त्र के खर्रे में।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2012, पेज 28

    8/15/2000, पेज 18

    3/1/1995, पेज 14

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (2इति–यशा), पेज 18

इब्रानियों 10:9

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 10/2017, पेज 1

इब्रानियों 10:10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    7/2020, पेज 31

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/1996, पेज 15

इब्रानियों 10:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2000, पेज 11

इब्रानियों 10:13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 136-137

इब्रानियों 10:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2023, पेज 28

इब्रानियों 10:20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2023, पेज 28

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2000, पेज 15-16

    7/1/1996, पेज 15-16

इब्रानियों 10:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2000, पेज 19-20

इब्रानियों 10:23

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2000, पेज 20-21

    12/15/1999, पेज 23

    3/1/1988, पेज 23

इब्रानियों 10:24

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 10

    यहोवा की मरज़ी, पाठ 6

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 19-21

    3/15/2013, पेज 16

    7/1/2009, पेज 18

    3/15/2002, पेज 24-25

    8/15/2000, पेज 21-22

    12/15/1999, पेज 22-23

    3/15/1999, पेज 11

    3/1/1998, पेज 14-19

    4/1/1995, पेज 15-18, 20

    ज्ञान, पेज 163

इब्रानियों 10:25

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 10

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2018, पेज 20-24

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 3/2021, पेज 3-4

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2016, पेज 7

    सजग होइए!,

    1/8/1998, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2013, पेज 19, 21-22

    7/1/2009, पेज 18

    11/15/2002, पेज 4, 6-8

    3/15/2002, पेज 24-25

    3/1/2002, पेज 16

    8/15/2000, पेज 21-22

    3/15/2000, पेज 16-17

    12/15/1999, पेज 22-23

    11/15/1999, पेज 20

    3/1/1998, पेज 14-19

    4/1/1995, पेज 15-16, 18-20

    11/1/1993, पेज 31-32

    3/1/1991, पेज 15-18, 19-20

    राज-सेवा,

    6/1990, पेज 3

इब्रानियों 10:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2009, पेज 10

    3/1/1993, पेज 20

इब्रानियों 10:30

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2009, पेज 10

इब्रानियों 10:32

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/1999, पेज 17

    1/1/1998, पेज 9

    12/1/1996, पेज 29-31

इब्रानियों 10:34

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2007, पेज 16-17

    1/1/2006, पेज 22-23

    5/1/2001, पेज 13-14

इब्रानियों 10:36

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2015, पेज 30-31

    4/1/1996, पेज 32

इब्रानियों 10:37

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2023, पेज 30-31

इब्रानियों 10:38

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2000, पेज 15

    12/15/1999, पेज 20-21

इब्रानियों 10:39

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2006, पेज 18

    12/15/1999, पेज 14-24

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (2इति–यशा), पेज 4

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
  • 27
  • 28
  • 29
  • 30
  • 31
  • 32
  • 33
  • 34
  • 35
  • 36
  • 37
  • 38
  • 39
नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
इब्रानियों 10:1-39

इब्रानियों

10 मूसा का कानून आनेवाली अच्छी बातों की महज़ छाया है, मगर उनका असली रूप नहीं। इसलिए याजक लगातार साल-दर-साल जो एक ही तरह के बलिदान चढ़ाते हैं, उनसे वे परमेश्‍वर की उपासना करनेवालों को कभी परिपूर्ण नहीं बना सकते। 2 अगर ऐसा होता तो क्या बलिदानों का चढ़ाना बंद न हो जाता? क्योंकि बलिदान लानेवाले* एक ही बार हमेशा के लिए शुद्ध हो गए होते और फिर उन्हें अपने पापी होने का एहसास नहीं रहता।* 3 इसके बजाय, इन बलिदानों से लोगों को साल-दर-साल उनके पापों की याद दिलायी जाती है। 4 क्योंकि यह मुमकिन नहीं कि बैलों और बकरों का लहू पापों को मिटा सके।

5 यही वजह है कि जब मसीह दुनिया में आया तो उसने कहा: “ ‘बलिदान और चढ़ावा तू ने नहीं चाहा, मगर तू ने मेरे लिए एक शरीर तैयार किया। 6 तू ने होम-बलियाँ* और पाप-बलियाँ न चाहीं।’ 7 तब मैंने कहा, ‘हे परमेश्‍वर, देख! मैं तेरी मरज़ी पूरी करने आया हूँ, (ठीक जैसे शास्त्र में* मेरे बारे में लिखा है।)’ ” 8 पहले यह कहने के बाद: “तू ने बलिदान और चढ़ावे और होम-बलियाँ और पाप-बलियाँ न चाहीं”—जो मूसा के कानून के मुताबिक चढ़ायी जाती हैं— 9 वह फिर यह कहता है: “देख! मैं तेरी मरज़ी पूरी करने आया हूँ।” वह पहले इंतज़ाम को खत्म कर देता है ताकि दूसरा इंतज़ाम शुरू करे। 10 जिस “मरज़ी” के बारे में उसने कहा, उसी से और यीशु मसीह के एक ही बार हमेशा के लिए चढ़ाए गए शरीर के ज़रिए हमें पवित्र किया गया है।

11 इसके अलावा, हर याजक लोगों की खातिर सेवा करने के लिए रोज़-ब-रोज़ अपनी जगह पर खड़ा होता है और बार-बार एक ही तरह के बलिदान चढ़ाता है, क्योंकि ये बलिदान कभी-भी पापों को पूरी तरह मिटा नहीं सकते। 12 मगर इस इंसान ने पापों के लिए एक ही बलिदान सदा के लिए चढ़ा दिया और परमेश्‍वर की दायीं तरफ जा बैठा। 13 तब से वह उस वक्‍त का इंतज़ार कर रहा है जब उसके दुश्‍मनों को उसके पाँवों की चौकी बना दिया जाएगा। 14 उसने एक ही बलिदान चढ़ाकर जो पवित्र किए जा रहे हैं उन्हें सदा के लिए परिपूर्ण कर दिया है। 15 और परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति भी हमें इस बात के सच होने की गवाही देती है, क्योंकि यह पहले कहती है: 16 “यहोवा कहता है, ‘उन दिनों के बाद मैं उनके साथ एक करार करूँगा। मैं अपने कानून उनके दिल में डालूँगा और उनके मन पर इन्हें लिखूँगा।’ ” 17 फिर वह कहती है: “मैं उनके पापों को और उनके बुरे कामों को फिर कभी याद न करूँगा।” 18 जब इन पापों की माफी दी गयी है, तो अब इसके बाद पाप के लिए किसी बलिदान की ज़रूरत नहीं रही।

19 इसलिए भाइयो, क्योंकि हमें यीशु के लहू के ज़रिए परम-पवित्र में प्रवेश पाने का साहस मिला है 20 जिसमें दाखिल होने के लिए उसने हमारे लिए एक नया और जीवित रास्ता खोला है जो परदे से पार होकर जाता है और यह परदा उसका शरीर है, 21 और जबकि हमारे पास ऐसा महान याजक है जो परमेश्‍वर के घराने पर अधिकारी है, 22 तो आओ हम विश्‍वास से पैदा होनेवाले पक्के यकीन के साथ सच्चे दिल से परमेश्‍वर के पास जाएँ। क्योंकि हमारे दिलों पर छिड़काव कर हमारे दुष्ट ज़मीर को शुद्ध किया गया है और हमारे शरीर को शुद्ध पानी से नहलाया गया है। 23 आओ हम बिना डगमगाए अपनी आशा का सब लोगों के सामने ऐलान करते रहें, क्योंकि जिसने वादा किया है वह विश्‍वासयोग्य है। 24 और आओ हम प्यार और बढ़िया कामों में उकसाने के लिए एक-दूसरे में गहरी दिलचस्पी लें, 25 और एक-दूसरे के साथ इकट्ठा होना न छोड़ें, जैसा कुछ लोगों का दस्तूर है। बल्कि एक-दूसरे की हिम्मत बंधाएँ, और जैसे-जैसे तुम उस दिन को नज़दीक आता देखो, यह और भी ज़्यादा किया करो।

26 एक बार सच्चाई का सही ज्ञान पाने के बाद अगर हम जानबूझकर पाप करते रहते हैं तो हमारे पापों के लिए कोई बलिदान नहीं बचता। 27 मगर न्यायदंड का एक भयानक इंतज़ार और परमेश्‍वर के क्रोध की ज्वाला बाकी रह जाती है जो विरोध करनेवालों को भस्म कर देगी। 28 कोई भी इंसान जिसने मूसा का कानून तोड़ा है उसे दो या तीन लोगों की गवाही पर बिना दया के मार डाला जाता है। 29 तो सोचो कि वह इंसान और भी कितने भारी दंड के लायक समझा जाएगा जो परमेश्‍वर के बेटे को रौंदता है और करार के उस लहू को मामूली समझता है जिसके ज़रिए उसे पवित्र किया गया था, और जिसने परमेश्‍वर की महा-कृपा की तौहीन करते हुए उसे क्रोध दिलाया है! 30 क्योंकि हम उसे जानते हैं जिसने यह कहा है: “बदला देना मेरा काम है, मैं ही बदला चुकाऊँगा” और यह भी कि “यहोवा अपने लोगों का न्याय करेगा।” 31 जीवित परमेश्‍वर के हाथों में पड़ना भयानक बात है।

32 मगर तुम उन बीते दिनों को याद करते रहो जब तुमने ज्ञान की रौशनी पाने के बाद दुःख-तकलीफों को सहने में कड़ा संघर्ष करते हुए धीरज धरा था। 33 कभी तुम्हारा मज़ाक उड़ाने और तुम्हें क्लेश देने के लिए तुम्हारा तमाशा बनाया गया और कभी तुम ये सब सहनेवालों के साथ भागीदार बने थे। 34 इसलिए कि तुमने उन लोगों को हमदर्दी दिखायी जो कैद में थे और जब तुम्हारी संपत्ति लूटी जा रही थी तो तुमने खुशी से यह सह लिया, क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारे पास इससे भी बेहतर और कायम रहनेवाली संपत्ति है।

35 इसलिए, हिम्मत के साथ बेझिझक बोलना मत छोड़ो, क्योंकि इसके लिए बड़ा इनाम दिया जाएगा। 36 तुम्हें धीरज धरने की ज़रूरत है, ताकि परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करने के बाद तुम वह पा सको जिसका वादा परमेश्‍वर ने किया है। 37 बस अब “थोड़ा ही वक्‍त” बाकी रह गया है, और “वह जो आनेवाला है वह आएगा और देर न करेगा।” 38 “मगर मेरा नेक जन अपने विश्‍वास से ज़िंदा रहेगा,” और “अगर वह पीछे हट जाता है, तो मेरा मन उससे खुश नहीं होगा।” 39 हम पीछे हटकर नाश होनेवालों में से नहीं, बल्कि उनमें से हैं जो विश्‍वास रखते हैं ताकि अपना जीवन बचा सकें।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें