7 मैंने देखा कि हम सब खेत के बीचों-बीच पूले बाँध रहे हैं। फिर अचानक मेरा पूला सीधा खड़ा हो गया और तुम सबके पूलों ने मेरे पूले को घेर लिया और उसके आगे झुकने लगे।”+
9 इसके बाद यूसुफ ने एक और सपना देखा और अपने भाइयों को बताया: “मैंने एक और सपना देखा। इस बार मैंने देखा कि सूरज, चाँद और 11 तारे मेरे आगे झुक रहे हैं।”+
6 पूरे मिस्र देश पर यूसुफ का अधिकार था+ और वही अलग-अलग देश से आनेवाले लोगों को अनाज बेचता था।+ इसलिए यूसुफ के भाई उसके पास आए और उन्होंने मुँह के बल गिरकर उसे प्रणाम किया।+