21 यहोवा इन बलिदानों की सुगंध पाकर खुश हुआ। इसलिए यहोवा ने अपने मन में कहा, “अब मैं फिर कभी इंसान की वजह से ज़मीन को शाप नहीं दूँगा,+ क्योंकि बचपन से इंसान के मन का झुकाव बुराई की तरफ होता है।+ और मैं फिर कभी धरती पर रहनेवाले सभी जीवों का नाश नहीं करूँगा, जैसा मैंने अभी किया है।+
19 जैसे, दुष्ट विचार दिल से ही निकलते हैं।+ इनकी वजह से हत्या, व्यभिचार, नाजायज़ यौन-संबंध,* और चोरी की जाती है, झूठी गवाही दी जाती है और निंदा की बातें की जाती हैं।