10 मगर याकूब ने कहा, “नहीं मेरे मालिक, तुझे मेरा तोहफा लेना ही होगा, वरना मैं यही समझूँगा कि तू अब भी मुझसे नाराज़ है। मैंने वह तोहफा इसलिए भेजा था ताकि मैं तुझसे मिल सकूँ। और आज जब तूने मुझे खुशी-खुशी कबूल किया, तो मुझे ऐसा लगा मानो मैंने परमेश्वर को देख लिया है।+